हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आप की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं अपर सियांंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में, वैसे तो अपर सियांंग में घूमने लायक बहुत सी जगह है लेकिन आज हम केवल यहां के प्रसिद्ध जगहों के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही इसी लेख में हम यहां का स्थानीय खान पान के बारे में भी बात करने वाले हैं
अपर सियांंग भारत की अरुणाचल प्रदेश राज्य का एक जिला है जो कि 6188 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह जिला अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के रूप में भी जाना जाता है जिले की परंपरा और रीति-रिवाज काफी अच्छे हैं हर कोई व्यक्ति अपने जिले की रीति रिवाज हो परंपरा को बढ़ाने के लिए सहयोग करता रहता है जिले में मुख्य रूप से पहाड़ी भाषा बोली जाती हैं जबकि वार्तालाप के रूप में ज्यादातर लोग हिंदी के साथ तिब्बती और चीनी भाषा का प्रयोग किया करते हैं वही बात करें यदि जिले के मुख्य व्यवसाय की तो यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कैसी है अधिकांश जनता किसी के द्वारा ही अपनी आजीविका उत्पन्न किया करती है, यहां का मौसम अनुकूल बना रहता है गर्मियों के टाइम पर यहां का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहता है जबकि थैंक्यू के टाइम में या का तापमान कभी-कभी माइनस डिग्री में भी चला जाता है जिसके कारण यहां पर बर्फ देखने को मिलती है ,
अपर सियांंग की वेशभूषा पहनावा एक सामान्य रूप की हैं एक पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के लोग अपनी संस्कृति और रीति रिवाज के हिसाब से ही वस्त्र धारण किया करते हैं इसलिए यह एक अलग ही संस्कृति देखने को मिलती हैं अरुणाचल प्रदेश में महिलाएं और पुरुषों का पहना एक विशिष्ट प्रकार का है सामान्य दिनचर्या में वहां के लोग यहां के पुरुषों का पहनावा एक लूंगी और एक झबला नुमा वस्त्र होता है जो कि उसे वह कमर से ऊपरी भाग पर पहना करते हैं इसके अलावा यहां के लोग वर्ष के महोत्सव और उत्सव पर पूरे अपने वेशभूषा में आते हैं और इसी के साथ ही वहां अपने आकर्षण आभूषणों के साथ सजे धजे होते हैं जिससे वह पूरी तरह अपर सियांंग की निवासी लगते हैं
जिस प्रकार से अपर सियांंग की संस्कृति और पहनाव खास है ठीक इसी प्रकार से यहां के खाने के व्यंजनों का स्वाद भी अपने आप में कम प्रसिद्ध नहीं है यहां पर जो भोजन का प्रयोग किया जाता है कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी होता है यहां के स्थानीय सामग्री का स्वाद ही कुछ अलग है यहां पर दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट खाने के साथ होती है जिसमें वह खोरा और पोचा का इस्तेमाल किया करते हैं चावल यहां की भोजनों के ब्यंजनो में मुख्य अंग है इसके बिना सभी व्यंजन अधूरे हैं और यहां के चावल भी काफी स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें एक अलग ही विधि द्वारा पकड़ा जाता है और खुल्लम संस्करण चावल बनाने का एक प्रचलित तरीका है दिन के खाने में यहां पर करी अंडा दाल तड़का और चावल के साथ साथ पीका पीला और थूपका खाना काफी स्वादिष्ट और प्रसिद्ध भी हैं रात्रि के भोजन में यहां पर रोटी सब्जी के अलावा वह वूंग वूत नगम, पिहक ,पाशा और नेक टॉक आदि व्यंजन सम्मिलित हैं
मरीआंगा – अपर सियांंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल मरीआंगा सबसे प्रथम स्थान पर आता है यह जिले के मुख्यालय से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण मरीआंगा पदम, पासी समुदायों की मातृभूमि है यदि आप एक ऐसी जगह की तलाश में है जहां से आपको पहाड़ों का खूबसूरत व्यू देखने को मिल जाए तो मरीआंगा आपके लिए एक अच्छी जगह है सीढ़ीदार खेतों के खूबसूरत दृश्य और सर्दियों में पहाड़ों पर अटकी बर्फ की खूबसूरत दृश्य का आनंद आपको जरूर लेना चाहिए, आप यहां अपने परिवार के साथ भी आ सकते हैं और यदि आप अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए आना चाहते हैं तो बिना किसी समस्या के आप आसानी से यहां आ सकते हैं सड़क के अच्छी कनेक्टिविटी होने के कारण आप बहुत कम समय में यहां की यात्रा कर सकते हैं गुवाहाटी से यह जगह लगभग 450 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
रिउताला – सुंदर पहाड़ों के खूबसूरत के तटों में बसा है एक खूबसूरत सा झील जिसे रिउताला के नाम से जाना जाता है 500 मीटर के दायरे में बसी यह झील पर्यटकों की नंबर वन गंतव्य स्थल बना हुआ है इसके चारों तरफ आपको सदाबहार पेड़ पौधे दिखाई देंगे साथ ही यहां आपको विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों की दुर्लभ प्रजातियां भी देखने को मिल जाती हैं आप अपने दोस्तों के साथ इस खूबसूरत झील का आनंद लेना बिल्कुल भी ना भूलें, यहां का वातावरण बहुत ही खास और आनंददायक होता है इसलिए इस खूबसूरत जगह को अपने कैमरे में कैद करना बिल्कुल भी ना बोले और यहां से खूबसूरत यादें अपने साथ लेकर जाएं,
गेलिंग – भारत चीन की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के समीप बसा हुआ गेलिंग प्राकृतिक सुंदरता का एक जगमगाता उदाहरण है यदि आप लोग प्रकृति प्रेमी हैं और आप प्रकृति के साथ गया था करना अपना स्वभाव मानते हैं तो आपको अपर सियांंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल गेलिंगके दर्शन जरूर करनी चाहिए, इसके चारों तरफ आपको सदाबहार पेड़ पौधों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के फूलों की गाड़ियां भी देखने को मिल जाती है इन्हीं पहाड़ों की चोटी पर बसे हैं दुर्लभ प्रकार के स्टे होम यहां पर आमतौर पर पर्यटक अपना समय बिताया करते हैं, यहां पर विजिट करते आप ट्रेकिंग के साथ-साथ खूबसूरत पहाड़ों के दर्शन भी कर सकते हैं,
मौलिंग नेशनल पार्क – अपर सियांंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल में मौलिंग नेशनल पार्क का भी अपने आप में एक अलग ही पहचान है, भारत की स्थापना सन 1982 मैं किए गए थी, यह जगह सियांग नदी के दाहिने किनारे पर बसा हुआ है खूबसूरत पहाड़ों के बीच में बसा यह पार्क 483 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है पार्क के अंदर आपको विभिन्न प्रकार के पौधों के शंकुधारी वन देखने को मिल जाते हैं इसी के साथ ही आपको यहां पर जंगली जानवरों के कई लुप्तप्राय प्रजातियां देखने को मिल जाते हैं जैसे हॉर्नबिल ,मोनाल, लेपर्ड जैसे कई प्रकार के जानवर यहां पर हो सकते हैं, यदि आप भी इस खूबसूरत जगह का आनंद लेना चाहते हैं तो आप अपने दोस्तों के साथ आ सकते हैं इस खूबसूरत जगह की यात्रा करने के दौरान आप ट्रेकिंग के साथ साथ कैंपिंग भी कर सकते हैं यदि आपको इसके आसपास लेने के लिए जगह ना मिले तो आप कैंपिंग करके भी अपना समय व्यतीत कर सकते हैं
दोस्तों अपर सियांंग की यात्रा के उपरांत आपके यहां के दार्शनिक स्थलों की सैर करने के बावजूद भी हम आपको कुछ ऐसे कीजिए बता रहे हैं जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं और हो सकता है यह चीजें करने में भी काफी सस्ती और सरल भी हो
- बाइक सवार
- कैंपिंग
- क्लाइंबिंग
- एडवेंचर
- स्नो स्पोर्ट्स
- पैराग्लाइडिंग
- घुड़सवारी
- वोटिंग
दोस्तों अभी तक हम अपर सियांंग के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम अपर सियांंग में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा , यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां हो ना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो अपर सियांंग में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं,
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको अपर सियांंग में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों में रहकर आप अपर सियांंग के स्थानीय खानपान का आनंद लेना बिल्कुल भी ना भूलें,
- न्यू सेंचरी ग्रैंड होटल
- एटूर होटल
- एक्सिंशिजी होटल
- ग्रीन ट्री आई एन एन
- सियांंग होटल
हरिद्वार में घूमने की जगह, Haridwar Main Ghumne Ki Jagah
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपको हरिद्वार में घूमने की जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़िएगा, क्योंकि इसी आर्टिकल में हम आपके साथ और भी प्रमुख बातें साझा करने वाले हैं जो आपकी यात्रा के दौरान काम आने वाले हैं
हरिद्वार भारत के उत्तराखंड राज्य का एक पवित्र और प्राचीन नगरी हैं समुद्र तल से 339 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हरिद्वार हिंदुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक हैं हरिद्वार को हर की पौड़ी के नाम से भी जाना जाता है हरिद्वार तीर्थ स्थल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है देश के कोने-कोने से लोगों का आवागमन यहां पर लगा रहता है भक्ति की अपार श्रद्धा इस स्थल को और खास बनाती है हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ हरि मतलब ईश्वर का द्वार होता है हरिद्वार में हर 12 वर्ष के अंतराल में हरदम एक महापुरुष का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी वक्त हरिद्वार पधार कर पूजा करके गंगा नदी में स्नान करते हैं यहां का प्रसिद्ध स्थान हर की पौड़ी है यही आपको गंगा का मंदिर भी देखने को मिलेगा हर की पौड़ी पर लाखों लोग स्नान करते हैं इसके अलावा यहां के और दर्शनीय स्थल है यदि आप हरिद्वार यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको हरिद्वार के साथ-साथ उसके आसपास के घूमने लायक जगह के दर्शन जरूर करनी चाहिए हरिद्वार की प्राकृतिक सुंदरता आपके मन को अंदर से तरोताजा कर देगी, तो चलिए जान लेते हैं हरिद्वार के निकट के दर्शनीय स्थलों के बारे में जहां एक या 2 दिन का समय लेकर हरिद्वार की पवित्र और प्रसिद्ध स्थानों का आनंद लिया जा सकता है,
हरिद्वार के दर्शनीय स्थल, Haridwar Ke Darshniya Ithal
वैष्णो माता मंदिर
हर की पौड़ी
राजाजी नेशनल पार्क
मां चंडी देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर
शांतिकुंज
वैष्णो माता मंदिर – वैष्णो माता का मंदिर उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर में बसा बड़ा ही लोकप्रिय मंदिर और एक पर्यटक स्थल हैं जो कि देवी काली , लक्ष्मी और सरस्वती माता को समर्पित है वैष्णो देवी मंदिर की आधारशिला पर बनाई है मंदिर अपनी लोकप्रियता के लिए प्रसिद्ध है इस मंदिर में पहुंचने का सफर ठीक उसी प्रकार से रहता है जिस तेरा जम्मू कश्मीर में स्थित वैष्णो देवी मंदिर कहां का है क्योंकि वैष्णो माता मंदिर काटने के लिए भी पर्यटकों भक्तों को वफा एवं स्वयं को सेव कर चलना पड़ता है इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि देवी केवल उन लोगों को ही आशीर्वाद देती है जो केवल सच्चे मन और दिल से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं यदि आप हरिद्वार आए हैं तो आपको वैष्णो माता मंदिर के दर्शन जरूर करना चाहिए आसपास का वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता इस मंदिर का आकर्षण बढ़ाती है वैसे तो इस मंदिर में पर्यटकों की जमकर भीड़ इकट्ठा होती है लेकिन बसंत पंचमी और गंगा दशहर के दिनों में आपको यहां काफी भीड़ देखने को मिल जाती है
हर की पौड़ी – हर की पौड़ी हरिद्वार का केवल एक पर्यटक स्थल ही नहीं है अपितु यह एक है द्वारका पवित्र स्थल भी हैं हरिद्वार के दर्शनीय स्थल में हर की पौड़ी का नाम भी सर्वश्रेष्ठ स्थान पर आता है हर की पौड़ी के बारे में बताया जाता है कि जब समुद्र मंथन के बाद विश्वकर्मा जी अमृत ले जा रहे थे तो बताया जाता है कि अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गई और जहां जहां भी यह अमृत की पवित्र बूंदे गिरी उन्हें धार्मिक स्थल माना गया और उन्हीं में से एक हरिद्वार की हरकी पौड़ी जगह भी हैं जहां अमृत की बूंदे पड़ी यहां पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है यहां श्रद्धालु की इच्छा रहती है कि वह हर की पौड़ी में स्नान करें,
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राजाजी नेशनल पार्क – राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार का नेशनल ही नहीं है अभी तो यह भारत और देश विदेश से आए पर्यटकों का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है 820 वर्ग में फैला राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड के 3 जिलों में फैला एक मात्र पार्क है इसकी स्थापना सन 1983 को हुई थी यह तीन अभयारण्य से मिलकर बना हुआ है प्राकृतिक सुंदरता और अनेक प्रकार के सुंदर सुंदर चिड़िया, पशु-पक्षी इसके सौंदर्य पर चार चांद लगा देती है भारत में घूमने की बात करें तो यह पाक हर वर्ष 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है इस बीच आप यहां आ सकते हैं और 34 किलोमीटर की लंबी जगली सफारी का आनंद ले सकते हैं इस बीच आपको सुंदर घाटियां पहाड़ियों और नदियों की सुंदर और आकर्षक दृश्य देखने को मिल जाते हैं
मां चंडी देवी मंदिर – चंडी देवी मंदिर का नाम भी उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों की सूची में आता है यहां उत्तराखंड का लोकप्रिय भी हैं जो कि मा चंडी देवी को समर्पित हैं हरिद्वार में नहीं पर्वत की चोटी में बसा यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है जो 52 शक्तिपीठों में से एक है इस मंदिर के निर्माण विषय के बारे में बताया जाता है कि इसका निर्माण कश्मीर के राजा सुचेत सिंह ने सन 1929 में की थी और इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य ने 18वीं सदी में चंडी देवी की मूल प्रतिमा स्थापित की, आसपास के दृश्यों के बारे में बात करें तो चारों तरफ पहाड़ और पहाड़ी की तलहटी पर बहती गंगा नदी और हसीन वादियां इसके दर्शकों हसीन बनाती हैं
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मनसा देवी मंदिर – मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले का प्रसिद्ध मंदिर है जो देवी मनसा को समर्पित है हर की पौड़ी के पास स्थित यह मंदिर गंगा नदी के किनारे में स्थित हैं मनसा देवी मंदिर को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजा की जाती है साथ ही मनसा देवी को नागकन्या और रुद्रांश के नाम से भी जाना जाता है महाभारत के अनुसार मनसा देवी का वास्तविक नाम जरत्वकारु है बताया जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में आकर सच्चे मन और दिल से दुआ करते हैं देवी मनसा उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करती हैं पहाड़ी पर स्थित होने के कारण आसपास का भी बड़ा ही सुंदर और रोमांच भरा दिखाई देता है यदि हरिद्वार का प्लान बना रहे हैं तो आपको मनसा देवी मंदिर जरूर जाना चाहिए,
शांतिकुंज – शांतिकुंज हरिद्वार का जानी-मानी जगह है यह गायत्री परिवार का मुखिया कौन है जिसकी स्थापना 1971 में की गई थी यह एक आश्रम के रूप में भी जाना जाता है जहां विभिन्न प्रकार की शिक्षाओं को प्रदान किए जाने का कार्य किया जाता है शांतिकुंज भारतीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने वाला आदर्श केंद्र है
shantikunj, creative Commons, License-(CC BY – SA 4.0) |
हरिद्वार घूमने का सही समय, Haridwar Ghumne Ka Sahi Samay
मौसम के अनुकूल आप हरिद्वार घूमने का प्लान सितंबर अक्टूबर में बना सकते हैं क्योंकि इन महीनों में यहां का मौसम सही बना रहता है आम तौर पर देखें तो बरसात और ठंड के महीनों से बच कर आप यहां घूमने का प्लान बना सकते हैं
हरिद्वार में रहने के लिए आश्रम, Hotels In Haridwar
हरिद्वार की यात्रा करने के दौरान आपको कुछ दिन वहां रुकना पड़ेगा मैं आपको कुछ होटल के नाम नीचे दे रहे हैं जहां आपको मोड बहुत सभी सुविधाएं मिल जाएगी आप आराम से वहां रुक कर अपनी यात्रा का लुफ्त उठा सकते हैं,
- रेडिसन ब्लू
- गोल्डन तुलिप
- होटल दा रियो
- गायत्री गेस्ट हाउस
- लक्ष्मण होटल
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