हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे आज के नए लेख में जिसमें हम आपको मथुरा में घूमने की जगह एवं मथुरा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों (Tourist Attractions of Mathura In Hindi)के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आप लोग भी अपनी छुट्टियों का आनंद लेने के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश में है हमें आशा है कि मथुरा आपकी यात्रा को एक ही आकर होने के साथ-साथ आनंदित करने वाला है। पाठकों की सुविधा के अनुसार हम अपने इस लेख में मथुरा के सबसे सस्ते होटल के बारे में भी बताने वाले हैं। आशा करते हैं कि आपको आज का यह लेख पसंद आएगा इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूलें।
वैसे भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जिसमें धार्मिक नगरी मथुरा के बारे में नहीं सुना होगा । दोस्तों आपकी यात्रा शुरू करने से पहले हम आपको पूरा के बारे में एक छोटा सा परिचय देना चाहेंगे।
मथुरा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध जिला है जो कि यमुना नदी के किनारे में बसा हुआ है। धार्मिक एवं संस्कृति के तौर पर पहचान बनाई मथुरा भारत के प्राचीन नगरी के रूप में भी जानी जाती है । बताना चाहेंगे कि यह श्री कृष्ण स्वामी, हरिदास एवं स्वामी दयानंद जैसे महापुरुषों का निवास स्थान हुआ करता था। वहीं अगर बात की जाए मथुरा नगर की जनसंख्या के बारे में तो मथुरा नगर की जनसंख्या लगभग छह लाख है । दोस्तों मथुरा के बारे में तो हम जान चुके हैं अब बढ़ते हैं पूरा में घूमने की जगह के बारे में। आशा करते हैं कि आप को पढ़ते हुए आनंद आ रहा होगा।
- कृष्ण जन्मभूमि मंदिर
- राधा कुंड
- गोवर्धन पर्वत
- कुसुम सरोवर
- द्वारकाधीश मंदिर
- विश्राम घाट
- बिरला मंदिर मथुरा
- मथुरा संग्रहालय
- कंस किला
राधा कुंड – राधा कुंड का नाम सुनते ही कहीं ना कहीं आपको कृष्ण राधा की आपको जरूर आई होगी। बताना चाहेंगे कि राधा कुंड थोड़ा के छोटे से शहर वृंदावन में स्थित है अपने शीतल जल के लिए प्रसिद्ध धार्मिक एवं ऐतिहासिक तौर पर बड़ा ही महत्व रखता है। राधा कुंड कृष्ण काल का माना जाता है। किवदंती है कि यह राधा एवं श्री कृष्ण के प्यार का प्रतीक भी है। इसलिए राधा कुंड का जल दैवीय माना जाता है । कहा जाता है कि इस कुंड के पानी में प्रभु को ठीक करने एवं आत्मा को शुद्ध करने की शक्ति विद्यमान है। इसीलिए राधा कुंड मथुरा का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बना हुआ है। इसे देखने के बाद देश के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आया करते हैं।
गोवर्धन पर्वत – दरअसल हम लोग मथुरा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी साझा कर रहे है। इसलिए यहां पर जो भी स्थान हैं उनके नाम आपने जरूर सुने होंगे और यह सभी स्थान भगवान श्री कृष्ण की जिंदगी से जुड़े हुए हैं जिनमें से एक है गोवर्धन पर्वत। गोवर्धन पर्वत जो कि वृंदावन शहर से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रेतीले पत्थर पत्थर से बना यह प्रोफाइल 29 किलोमीटर लंबा तथा ऊंचाई की बात करें तो 80 फीट पहुंचा है। यह वही पर्वत है जब मथुरा वासियों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने इसे अपनी एक उंगली से उठाया था। स्थानीय लोगों द्वारा गोवर्धन पर्वत का पैदल चक्कर काटा जाता है जिसे गोवर्धन प्रक्रिया के नाम से पुकारा जाता है दरअसल इस कार्य को करना बड़ा ही शुभ एवं मंगलमय माना जाता है।
कुसुम सरोवर – गोवर्धन पर्वत एवं राधा कुंडल के मध्य में स्थित एक खूबसूरत सा स्थल जो कि अपनी महल नुमा मालवा पद्धति इमारतों से घिरा हुआ है। कुसुम सरोवर एक बेहद खूबसूरत जलाशय है। ऐतिहासिक पन्नों के आधार पर कहा जाता है कि यह श्री कृष्ण एवं राधा के समय बना हुआ तालाब है। जलाशय में प्रवेश के लिए सीढ़ियां बनाई गई है दिन में आराम से उतरा एवं चढ़ा जा सकता है। कुसुम जोकि राधा जी की एक नौकरानी हुआ करती थी बेहद प्रिय एवं मिलनसार होने के कारण राधा जी ने सरोवर का नाम कुसुम सरोवर रख दिया। कुसुम सरोवर में आसपास के स्थानीय बच्चे स्नान करने जाया करते हैं यदि आप भी यात्रा के समय इस मंगल जलाशय में स्नान करते हैं तो आपकी यात्रा को एक यादगार मोड़ दे सकते हैं।
द्वारकाधीश मंदिर – मथुरा में घूमने की जगह की श्रेणी में द्वारकाधीश मंदिर का नाम उचित स्थान पर आता है। पूरी देश दुनिया में मशहूर द्वारकाधीश मंदिर अपनी जटिल वास्तुकला और चित्रकारी के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। भगवान के जीवन के विभिन्न पहलुओं और राजस्थानी वास्तुकला के वास्तुशिल्प डिजाइन एवं नक्काशी को दर्शाने वाले उत्कृष्ट चित्रों का एक समूह आपको यहां देखने को मिल जाता है। मंदिर का निर्माण के बारे में मान्यता है कि 1814 में मंदिर का निर्माण किया गया था। प्रतिदिन हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर की वास्तुकला के साथ-साथ शहर के पवित्र द्वार परिधि एवं यमुना नदी का घाट आकर्षक का कारण बना हुआ है। वैसे तो यहां पर प्रतिदिन श्रद्धालु आते रहते हैं लेकिन खास तो 8 बार श्रावण महीने के दौरान जब भगवान की मूर्ति को हिंडोला के अंदर रखा जाता है उस समय पर यहां पर काफी बढ़ावा उत्सव मनाया जाता है।
विश्राम घाट – यमुना नदी के तट पर स्थित मथुरा से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत सा विश्राम घाट मथुरा के पर्यटन स्थल मैं से एक है । 25 घाटों का केंद्र माने जाने वाले विश्राम घाट के बारे में मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस कंस को मारने के बाद स्थान पर विश्राम किया। विश्राम घाट का कृष्ण के जीवन काल के साथ संबंध माना जाता है क्योंकि श्री कृष्ण अपना ज्यादातर समय विश्राम घाट के आसपास ही बिताया करते थे। उसी मान्यता के आधार पर बताया जाता है कि जो भी विश्राम घाट में पवित्र डुबकी लगाते हैं उनके शरीर के सारे रोग दूर हो जाते हैं। आमतौर पर वैसे तो यहां पर भीड़ देखने को मिल जाती है लेकिन खासतौर पर भाई दूज के शुभ अवसर के दौरान श्रद्धालुओं की यहां पर जमकर भीड़ इकट्ठा हो गई है।
बिरला मंदिर मथुरा – जब कभी भी बात मथुरा में घूमने की जगह के बारे में की जाती है तो बिरला मंदिर का नाम श्रद्धालुओं के जुबान से दूर नहीं हटता है। आस्था और भक्ति से परिपूर्ण यह प्रसिद्ध मंदिर मथुरा के साथ-साथ पूरे देश विदेश में भी काफी मशहूर है। मथुरा वृंदावन रोड पर मथुरा जंक्शन से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिरला मंदिर हजारों पर्यटकों का आकर्षक स्थल बना हुआ है । भगवान लक्ष्मी नारायण को समर्पित यह यह मंदिर अपने उल्लेखनीय वास्तु कला एवं शिल्प कला के इतिहास को सदियों से जीवंत रखता आ रहा है। अपने पवित्र यादों को संजोता बिरला मंदिर हिंदुओं के सबसे पवित्र धामों में से एक है। अपने शांतिमय में वातावरण के साथ-साथ खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करता यह मंदिर गीता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
मथुरा संग्रहालय – मथुरा संग्रहालय उन जगहों में से एक है यदि आप मथुरा की यात्रा करो और मथुरा संग्रहालय के दर्शन ना करो तो । कहीं ना कहीं आप मथुरा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में से एक ऐतिहासिक जगह को स्किप करने वाले हैं। दरअसल मथुरा संग्रहालय ऐतिहासिक चित्रकारी एवं मूर्तिकला और विभिन्न प्रकार के प्राचीन अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यदि मथुरा के सबसे ऐतिहासिक चीजों के बारे में जानना हो तो आपको मथुरा संग्रहालय के दर्शन जरूर करनी चाहिए। दिखने में तो बाहर से एक खूबसूरत इमारत है लेकिन अपने अंदर यह इतिहास के कई राज छुपाए बैठी हुई हैं।
यदि आप लोग संग्रहालय में प्रवेश करते हैं तो आपके पाते हैं कि आपके सामने कई ऐतिहासिक वस्तुएं जैसे कि शिव की मूर्तियां औजार और इसके अलावा कई प्रकार के कलाकृतियां इस संग्रहालय में विद्यमान हैं । जो कि मथुरा एवं उसके आसपास के जगहों से पुरातत्वविदों द्वारा खोजी गई है । आप जब कभी भी मथुरा की यात्रा का प्लान बनाएं तो अपनी यात्रा सूची में मथुरा संग्रहालय को जरूर शामिल करें।
कंस किला – दोस्तों कहने के लिए तो कंस एक दुष्ट राक्षस था ।लेकिन उस का किला अपने आप में एक ऐतिहासिक होने के साथ-साथ खूबसूरत भी था। यमुना नदी के तट पर स्थित कंस का किला प्राचीन होने के साथ-साथ मथुरा में घूमने की जगह के स्थलों में से एक है। हर स्थानों की भांति यहां पर भी बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन लगा रहता है । क्योंकि कंस का किला आकर्षक होने के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थल भी है। भले ही आज यह अपना अस्तित्व खो चुका हो लेकिन अपनी ऐतिहासिक छवियों के लिए आज भी यह हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आप भी अपनी यात्रा सूची में कंस किले को शामिल कर सकते हैं। कंस के जीवन काल से संबंधित विभिन्न प्रकार के सुराग आपको यहां देखने को मिल जाते हैं। कंस किला रतन कुंड के पास चौक बाजार में स्थित है।
दोस्तों मथुरा की यात्रा करते समय आपको कुछ देर मथुरा में रुकना पड़ सकता है। इसलिए आप की सुविधा को मध्य नजर रखते हुए हम आपको मथुरा के सबसे सस्ते होटल के बारे में जानकारी देने वाले हैं। और सबसे अच्छी बात तो यह है कि यह होटल सस्ते होने के साथ-साथ आपको यहां पर मूलभूत सुविधाएं भी मिलने वाली है। जिन्हें आप अपनी यात्रा के कुछ दिन पहले ही ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
- होटल मयूर कैसल
- होटल राधिका पैलेस
- होटल ब्रिजवासी सेंट्रम
- होटल विराट पैलेस
- होटल नोवा इन