हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में, जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते ही हैं कि हमारे ब्लॉग पर आपको हर हफ्ते एक नई पोस्ट महत्वपूर्ण जानकारी के साथ साझा मिलती हैं जो हमारे नियमित पाठक हैं उन्हें उन्हें पता होगा कि महीने में दो लेख यात्रा प्लानिंग के लिए मिलते हैं और उसी कि श्रेणी में आज हम लाए हैं आपके लिए जोरहट की दार्शनिक स्थलों के बारे में जानकारी वैसे तो जोरहट में घूमने के लिए बहुत सारे जगह हैं लेकिन आज की पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां के बारे में बहुत कम लोगों को पता है और उस जगह को एक्सप्लोर करके आप अपनी एक खूबसूरत यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आएगी इसलिए इसे लास्ट तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले|
भारत की संस्कृति और परंपरा में भागीदारी निभाने वाला प्रसिद्ध राज्य असम न केवल अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है बल्कि प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह राज्य पर्यटक स्थल बना हुआ है इसमें बसे खूबसूरत से हिल स्टेशन और पर्यटक स्थल आज भी खूबसूरत दृश्य प्रदान करती है असम का खूबसूरत सा जिला जोरहाट का नाम भी भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की श्रेणी में लिया जाता है जोरहाट 18 वीं सदी में राजवंश की राजधानी हुआ करती थी भोगदोई नदी के तट पर बसा जोरहाट आज भी लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है समुद्रतल से 116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जोरहट जनसंख्या की दृष्टि से भी काफी विस्तृत जिला हैं सन 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 153889 हैं वही देखे तो संपूर्ण जिला लगभग 73 किलोमीटर की क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिल्ले में मुख्य रूप से असमिया भाषा बोली जाती है लेकिन देश के अन्य राज्यों से आए लोगों द्वारा हिंदी भाषा का प्रयोग भी प्रचुर मात्रा में किया जाता है|
- निमाती
- सिनोमोरा
- जिमखाना
- लचित बोरफुकन
- हुल्लोंगापार गिब्बन वन्यजीव अभयारण्य
निमाती – जोरहट के प्रसिद्ध बंदरगाहों में स्थित निमाती जोरहट से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आमतौर पर यह स्थल माजुली का प्रवेश पॉइंट के रूप में भी जाना जाता है जिन पर्यटको को वोटिंग का शौक है वो लोग इस खूबसूरत में आकर बोटिंग कर सकते है इसके आसपास का वातावरण काफी लुभावना है वोटिंग करते टाइम आप खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकते हैं लेकिन मानसून के दिनों में यहां का सफर थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है इसलिए अपनी पूरी तैयारी के साथ आए|
सिनोमोरा – अपनी खूबसूरत हरियाली और चाय के खूबसूरत बागवानों के लिए प्रसिद्ध सिनोमोरा जोरहट जाना माना पर्यटक स्थल है जोरहट शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिनोमोरा को 1850 ईस्वी में स्थापित किया गया था खूबसूरत से लहराते हुए चाय के बागवान दूर से देखने पर बहुत खूबसूरत और मनमोहक दृश्य प्रदान करते हैं यदि आप जोरहट की यात्रा पर है और आप एक ऐसी जगह की तलाश में जहां पर बैठकर आप कुछ पल सुकून के साथ बीताकर प्रकृति की सुंदरता को अनुभव करना चाहते है तो सिनोमोरा भी उन जगहों में से एक हैं आप चाहे तो यहां अपनी फैमिली के साथ भी आ सकते और उनके साथ इस खुबसूरत जगह का आनद ले सकते है आसमान में उड़ते खुबसूरत से तरह तरह के पक्षियां आपके कहीं न कही गुमराह करने वाले हैं|
जिमखाना – कुदरत के खज़ाने से मिला यह खूबसूरत सा स्थल जोरहट से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अपनी खूबसूरत हरियाली घास और लंबा चौड़ा मैदान कई प्रसिद्ध खेल के आयोजनों का स्थल भी बना हुआ है इसकी स्थापना सन 1876 में क्लब डी स्लिमंस के कार्यकाल में किया गया था वैसे तो यहां पर पर्यटक घूमने के लिए आया करते हैं और इस खूबसूरत से मैदान की खूबसूरती आनंद लिया करते हैं लेकिन कभी कबार यहां पर गोल्फ और क्रिकेट जैसे पसंदीदा खेलों का आयोजन भी किया जाता है इसमें काफी लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं आसपास का वातावरण काफी सुधार हरे भरे पेड़ पौधे होने के कारण माहौल काशी फ्रेंडली हुआ करता है|
लचित बोरफुकन – जोरहट के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की सूची में लचित बोरफुकन मैदान का नाम कम प्रसिद्ध नहीं है गोहने गांव से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लचित बोरफुकन एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थल भी हैं बताया जाता है कि मुगलों से गुवाहाटी को जीतने के लिए लड़ाई लड़ी गई थी जिसमें लचित बोरफुकन का निधन हो गया था आज भी इस स्थान पर महान योद्धा के अवशेष पड़े हैं जिन्हें यहां आए लोग आज भी सम्मानित करते हैं|
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हुल्लोंगापार गिब्बन वन्यजीव अभयारण्य – प्राकृतिक शोंदर्यता से परिपूर्ण यह वन्यजीव अभयारण्य न केवल जोरहट का प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है बल्कि यह असम के प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य में शामिल है जिन लोगों को प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ वन्या जीवों को देखने का शौक है उनके लिए हुल्लोंगापार गिब्बन वन्यजीव अभयारण्य एक खास गंतव्य होने वाला है यहां आपको विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों और पशु पक्षियों की कईप्रजातियां देखने को मिल जाती है इसलिए यदि आप जोरहट की यात्रा पर है तो आपको इस खूबसूरत से वन्यजीव अभयारण्य के दर्शन जरूर करने चाहिए|
दोस्तों जोरहट मैं यात्रा के दौरान आपको विश्राम के लिए होटल और खाने के लिए एक शुद्ध और स्वादिष्ट खानपान चाहिए होता है सफर का मजा तभी आता है जब वहा के स्थानीय खान पान का आंनद लिया जाए, स्वाद के शौकीन लोगों के लिए जोरहट का स्थानीय खान पान कही न कही उनके मुंह में पानी लाने वाला है यहां के स्थानीय मसालों द्वारा और पारंपरिक तरीकों से बनाया गया चट पटा खाना आपको यहां दुबारा आने के लिए बेताब करने वाला है जिस तरह हर राज्य के अलग अलग भोजन के व्यंजन होते हैं ठीक उसी प्रकार से जोरहट राज्य के भी अलग अलग भोजन के व्यंजन है जो कि यहां के प्रसिद्ध खानपान की श्रेणी में आते हैं और आपको कहीं ना कहीं ये भोजन के व्यंजन जरूर पसंद आने वाले है मांसाहारी हो या शाकाहारी दोनों तरह के व्यंजन यहां काफी बनाएं जाते है हम आपको जोरहट के खानपान के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में बताने वाले हैं जो कि आपको जोरहट की यात्रा के दौरान मदद करेगी और आप आसानी से किसी भी व्यंजन के स्वाद का आनंद ले सकते हैं|
मासोर टेंगा – मासोर टेंगा जोरहट की सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खानपान में से एक हैं नॉन वेजिटेरियन खाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छी डिश होने वाली है मासोर टेंगा मैं नींबू से बने शोरबा को धीमी आंच में पकाया जाता है जो कि खाने में काफी स्वादिष्ट और चटपटा होता है|
पारो मांशो – कबूतर के मांस से बनने वाली यह प्रसिद्ध असमिया डिश लोगों को काफी पसंद आती है खास विधि और स्थानीय मसालों द्वारा बनी यह स्वादिष्ट डिश सर्दियों के समय में ठंड से बचने के लिए अधिक लोगों द्वारा खाया जाता है अपनी चटपटे स्वाद के लिए प्रसिद्ध यह डिश यहां आएं पर्यटकों द्वारा भी काफी पसंद की जाती है|
आलू पिटिका – रात के खाने में जोरहट के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा बार खाए जाने वाला रात्रि संस्करण आलू पिटिका है जिसे मैश किए गए आलू की सहायता से बनाया जाता है साधारण सा दिखने वाली यह डिश सरसों के तेल से चोंखा जाता है और दाल चावल के साथ इसे साइड डिश के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके स्वाद को बढ़ाने और खूबसूरत दिखने के लिए इसे हरे कटे हुए धनिया से सजाया जाता है|
ऊ खट्टा – मुंह के स्वाद को शिखर तक पहुंचाने के लिए जोरहट की चटपटी और मीठी चटनी जिसे ऊ खट्टा के नाम से जाना जाता है यहां की लोकप्रिय खानपान में से एक है समानता है इसे दाल चावल और रोटी सब्जी के साथ खाया जाता है इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है|
खार – जोरहट की लोकप्रिय डिश में शामिल खार एक नॉन वेजिटेरियन डिश है जिसे खार और दालें के साथ साथ कच्चा पपीता के मिक्सर से बनाया जाता है जो की इसके स्वाद को और अधिक बढ़ा देता है खास तौर पर इस डिश को चावल के साथ ख़ाना ज्यादा पसंद किया जाता है|
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