हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में, जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते ही हैं कि हमारे ब्लॉक पर आपको हर हफ्ते एक नई पोस्ट महत्वपूर्ण जानकारी के साथ साझा मिलती हैं जो हमारे नियमित पाठक हैं उन्हें उन्हें पता होगा कि महीने में दो लेख यात्रा प्लानिंग के लिए मिलते हैं और उसी कि श्रेणी में आज हम लाए हैं आपके लिए गोलाघाट की दार्शनिक स्थलों के बारे में जानकारी वैसे तो गोलाघाट में घूमने के लिए बहुत सारे जगह हैं लेकिन आज की पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां के बारे में बहुत कम लोगों को पता है और उस जगह को एक्सप्लोर करके आप अपनी एक खूबसूरत यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आएगी इसलिए इसे लास्ट तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले|
- नेघेरटिंग शिव मंदिर
- देवपर्वत खंडहर
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- काकोचांग झरना
- हुलुकंद पहाड़ी
नेघेरटिंग शिव मंदिर – गोलाघाट के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की सूची में नेघेरटिंग शिव मंदिर का नाम सर्वश्रेष्ठ स्थान पर लिया जाता है आस्था के प्रतीक यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है जिसमें भगवान शिवजी के लिंग के रुप मे पूजा की जाती है मंदिर की शिल्प कला और वास्तुकला काफी अनोखी और अद्भुत है खास तौर पर इस में बनाया गया शिव लिंग के निर्माण में पत्थरों को दिहिंग नदी से लाकर तराशा गया है वैसे तो इस मंदिर में भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन खासतौर पर शिवरात्रि के दिन यहां काफी अधिक मात्रा में भक्तों की भीड़ एकत्रित रहती है यदि आप गोलाघाट की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको अपनी यात्रा सूची में नेघेरटिंग शिव मंदिर को जरूर शामिल करना चाहिए आपकी यात्रा को एक अच्छा अनुभव प्रदान करेगा|
देवपर्वत खंडहर – भारतीय शिल्प कला और वास्तुकला से निर्मित देवपर्वत खंडहर असम का एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थल जो न केवल अपनी शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यह है यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए एक अच्छा गंतव्य भी है यहां आपको प्राचीन काल में खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक वस्तुएं देखने को मिलती है जो कि आपको कहीं ना कहीं इतिहास की याद दिलाने वाली है इस सफर का रास्ता थोड़ा रोमांच भरा होने वाला है इसलिए आपको अपने यात्रा प्लान में अपने दोस्तों को शामिल जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके बाद एक खूबसूरत सी अनोखी ऐतिहासिक झलक आपका इंतजार कर रहे हैं|
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान – प्रकृति प्रेमी और जानवरों मैं रुचि रखने वाले लोगों के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे में स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक अच्छा यात्रा विकल्प हो सकता है यहां आपको विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों की विलुप्त प्रजातियां देखने को मिल जाती है साथ ही यहां के आसपास का वातावरण और हरे-भरे अनोखे पेड़ पौधे आप को आकर्षित करने वाले हैं 430 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान 1960 ईस्वी में स्थापित किया गया था और पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ को देखते हुए यूनेस्को ने इसे 1985 ईस्वी में विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया था आपको एक ना एक बार काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के दर्शन जरूर करना चाहिए कैसे देखे जाए तो इस पारक में यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा साधन हाथी हो सकता है हाथी की सवारी करके आप रोमांच भरे रास्तों का आनंद ले सकते हैं और तहे तरह के अन्य जानवरों को भी देख सकते हैं यहां का एक सींग वाला गेंडा काफी प्रसिद्ध है |
काकोचांग झरना – यदि बात की जाए गोलाघाट के दार्शनिक स्थलों में सबसे ज्यादा पर्यटकों के आवागमन स्थल के बारे में तो आपको बता दें कि काकोचांग झरना उन सभी स्थानों में से एक हैं गर्मियों के टाइम में हर दिन हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित होने वाले यह खूबसूरत झरना जोरहट से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है प्रकृति की अद्भुत रचनाओं में शामिल काकोचांग झरना अपनी खूबसूरत दृश्य और रोमांच भरे रास्तों के लिए काफी प्रसिद्ध है यहां अगर आप लगभग सौ फीट ऊपर से हो रहे वॉटरफॉल्स में स्नान कर सकते हैं और यहां के ठंडे मौसम को अनुभव कर सकते हैं दोस्तों के साथ यात्रा करने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है|
हुलुकंद पहाड़ी – गोलाघाट के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की सूची में हुलुकंद पहाड़ी पर्यटक स्थल का नाम भी अपने आप में एक अच्छा स्थान रखता है यदि आप गोलाघाट आओ और आप हुलुकंद पहाड़ी पहाड़ी के दर्शन ना करो तो आपकी यात्रा कहीं ना कहीं अधूरी रहने वाली है क्योंकि यहां से सुंदर मनोरम दृश्य और ताजगी भरी हवाओं के मध्य जो सुकून मिलता है उसमें सुकून भरे दो पल बिताने में जो मजा है वह वास्तव में एक अच्छा अनुभव प्रदान करने वाला है खूबसूरत पहाड़ की घाटियों के मध्य में स्थित हुलुकंद पहाड़ी पर्यटकों का एक दार्शनिक स्थल बना हुआ है यदि आप प्रकृति प्रेमी है और फोटो खिंचवाना आपको शौक है तो मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि यहां की यात्रा करके आप अपने साथ अच्छी यादें साथ लेकर जाने वाले हैं आप यहां की यात्रा अपने दोस्तों के साथ तो कर ही सकते हैं लेकिन यदि आप फैमिली के साथ आना पसंद करते हैं तो यह जगह परफेक्ट हैं|
दोस्तों गोलाघाट मैं यात्रा के दौरान आपको विश्राम के लिए होटल और खाने के लिए एक शुद्ध और स्वादिष्ट खानपान चाहिए होता है सफर का मजा तभी आता है जब वहा के स्थानीय खान पान का आंनद लिया जाए, स्वाद के शौकीन लोगों के लिए गोलाघाट का स्थानीय खान पान कही न कही उनके मुंह में पानी लाने वाला है यहां के स्थानीय मसालों द्वारा और पारंपरिक तरीकों से बनाया गया चट पटा खाना आपको यहां दुबारा आने के लिए बेताब करने वाला है जिस तरह हर राज्य के अलग अलग भोजन के व्यंजन होते हैं ठीक उसी प्रकार से गोलाघाट के भी अलग अलग भोजन के व्यंजन है जो कि यहां के प्रसिद्ध खानपान की श्रेणी में आते हैं और आपको कहीं ना कहीं ये भोजन के व्यंजन जरूर पसंद आने वाले है मांसाहारी हो या शाकाहारी दोनों तरह के व्यंजन यहां काफी बनाएं जाते है हम आपको गोलाघाट के खानपान के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में बताने वाले हैं जो कि आपको गोलाघाट की यात्रा के दौरान मदद करेगी और आप आसानी से किसी भी व्यंजन के स्वाद का आनंद ले सकते हैं|
मासोर टेंगा – मासोर टेंगा गोलाघाट की सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खानपान में से एक हैं नॉन वेजिटेरियन खाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छी डिश होने वाली है मासोर टेंगा मैं नींबू से बने शोरबा को धीमी आंच में पकाया जाता है जो कि खाने में काफी स्वादिष्ट और चटपटा होता है|
पारो मांशो – कबूतर के मांस से बनने वाली यह प्रसिद्ध असमिया डिश लोगों को काफी पसंद आती है खास विधि और स्थानीय मसालों द्वारा बनी यह स्वादिष्ट डिश सर्दियों के समय में ठंड से बचने के लिए अधिक लोगों द्वारा खाया जाता है अपनी चटपटे स्वाद के लिए प्रसिद्ध यह डिश यहां आएं पर्यटकों द्वारा भी काफी पसंद की जाती है|
आलू पिटिका – रात के खाने में गोलाघाट के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा बार खाए जाने वाला रात्रि संस्करण आलू पिटिका है जिसे मैश किए गए आलू की सहायता से बनाया जाता है साधारण सा दिखने वाली यह डिश सरसों के तेल से चोंखा जाता है और दाल चावल के साथ इसे साइड डिश के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके स्वाद को बढ़ाने और खूबसूरत दिखने के लिए इसे हरे कटे हुए धनिया से सजाया जाता है|
ऊ खट्टा – मुंह के स्वाद को शिखर तक पहुंचाने के लिए गोलाघाट की चटपटी और मीठी चटनी जिसे ऊ खट्टा के नाम से जाना जाता है यहां की लोकप्रिय खानपान में से एक है समानता है इसे दाल चावल और रोटी सब्जी के साथ खाया जाता है इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है|
खार – गोलाघाट की लोकप्रिय डिश में शामिल खार एक नॉन वेजिटेरियन डिश है जिसे खार और दालें के साथ साथ कच्चा पपीता के मिक्सर से बनाया जाता है जो की इसके स्वाद को और अधिक बढ़ा देता है खास तौर पर इस डिश को चावल के साथ ख़ाना ज्यादा पसंद किया जाता है|
- होटल ब्लूमून
- गोलाघाट जिमखाना
- होटल चराइडियो
- होटल अथिथ्य
- विनायक रेजेंसी
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