हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में आज हम आपको लेकर जाने वाले हैं मणिपुर के राज्य के चंदेल जिले में, चंदेल मणिपुर का एक खूबसूरत सा जिला होने के साथ-साथ एक शानदार पर्यटक स्थल भी है. जहां आपको मणिपुर की कला संस्कृति और परंपरा के अलावा घूमने के लिए भी बहुत कुछ मिलने वाला है तो इस लेख को पूरा पढ़ना बिल्कुल भूले. तो चलिए आपको सीधे ले चलते हैं चंदेल के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की ओर लेकिन दोस्तों घूमने के साथ-साथ हम आपको चंदेल का खानपान और चंदेल में रहने के लिए होटल्स के बारे में भी जानकारी देने वाले हैं क्योंकि आप हमारे रेगुलर पाठक है और हम आपको एक ही लेख में पूरी ट्रिप टिप्स ताकि आप जब कभी भी चंदेल की यात्रा करें तो आप बिना किसी परेशानी के अपनी फैमिली के साथ अपने दोस्तों के साथ अपनी यात्रा का इंजॉय कर पाएं|
चंदेल के दर्शनीय स्थल, Tourist attractions of Chandel
- टेंग्नौपाल
- यांगौपोकपी लोकचाओ वन्यजीव अभयारण्य
- मोरेह
टेंग्नौपाल – चंदेल के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की सूची में टेंग्नौपाल का नाम सर्वश्रेष्ठ स्थान पर लिया जाता है एक खूबसूरत सी पहाड़ी घाटी और सुंदर मैदान छोटी छोटी, हरी -हरी घास ओढ़े एक खूबसूरत सा नजारा प्रस्तुत करते हैं टेंग्नौपाल बारे में बताया जाता है कि यहां पर विभिन्न राजवंशों ने शासन किया था इसके अनुसार हर किसी ने यहां पर अपने हिसाब से कार्य करते रहे, लेकिन आज के युग में प्रकृति की गोद में बसा यह खूबसूरत सी जगह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो कि हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है यहां से आपको प्रकृति के विहंगम दृश्यों के अलावा शहर के खूबसूरत नजारे और सूर्योदय और सूर्यास्त के मनमोहित दृश्य देखने को जाते हैं प्राकृतिक सुंदरता इतनी प्यारी है कि यहां आस-पास के रहने वाले नवयुवक प्रेमी यहां दो पल सुकून के पिता ने आया करते हैं वास्तव में यह जगह किसी सपने के जहान से कम नहीं है कि आप लोग भी चंदेल की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको टेंग्नौपाल को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करना चाहिए, और बरसात के दिनों में मिट्टी की खूबसूरत महक को अनुभव करना चाहिए|

यांगौपोकपी लोकचाओ वन्यजीव अभयारण्य – चंदेल में घूमने के लिए बहुत कुछ है कभी भी बात आती है चंदेल मैं घूमने की जगह के बारे में तो अक्सर लोगों के जुबान से यांगौपोकपी लोकचाओ वन्यजीव अभयारण्य का नाम दूर नहीं हटता हैं एक खूबसूरत सी जगह राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 87 किलोमीटर दूरी स्थित है यहां पर आपको प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीव के विलुप्त प्रजातियों की कई प्रजातियां देखने को मिल जाती है प्रकृति प्रेमी के लिए है खूबसूरत जगह होने के साथ-साथ काफी आरामदायक जगह भी है बताया जाता है कि वर्तमान में यह अभ्यारण सात वन गांव की निवास भूमि के लिए कार्य करता है 185 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह खूबसूरत सा वन्य जीव अभ्यारण पर्यटको के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है आप चाहे तो अपनी फैमिली के साथ ही उस खूबसूरत सी जगह की यात्रा कर सकते हैं यहां आने का सबसे अच्छा साधन सड़क मार्ग है सड़क मार्ग के द्वारा आप ही आसानी से पहुंच सकते हैं|

मोरेह – मोरेह चंदेल का एक खूबसूरत सा शहर है जो कि भारत और म्यांमार सीमा पर स्थित है एक पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ यह भारत के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है प्रकृति की खूबसूरत वादियों के बीच में स्थित यह शहर में केवल चंदेल जिले का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है बल्कि मणिपुर के फेमस घूमने लायक जगहों मैं मोरेह शहर का नाम लिया जाता है यहां पर आपको मणिपुर की कला और संस्कृति के साथ साथ प्रकृति की सुंदर घटाएं देखने को मिल जाती है यही कारण है कि यहां पर पूरे साल भर पर्यटक को का आवागमन लगा रहता है यदि आप प्रकृति प्रेमी है और उगते हुए सूरज को देखना आपको पसंद है तो चंदेल का मोरेह शहर आपके लिए बहुत खास होने वाला है वह आप उगते हुए सूरज के साथ साथ पहाड़ा की सुंदर घटाएं देख सकते है वैसे तो आप कभी भी यहां की यात्रा कर सकते हैं लेकिन बरसात के दिनों में उसकी सुंदरता और ज्यादा मंत्र मुक्त हो जाती है इसलिए बरसात के दिनों में हल्की बारिश में पहाड़ों की सुंदर नजारें वास्तव में बहुत खूबसूरत लगते हैं|
चंदेल का स्थानीय भोजन, local food of chandel,
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको कुछ दिन चंदेल मैं रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपको कुछ ऐसा व्यंजन खाने के लिए बताने जा रहे हैं जो कि चंदेल में फेमस होने के साथ-साथ काफी प्रसिद्ध भी हैं और आप जब कभी भी चंदेल की यात्रा करें तो आपको यहां पर बहुत सारे भोजन के व्यंजन देखने को मिलने वाले हैं जो कि देखने में तो काफी डेलीसियस होते ही हैं साथ ही यह खाने में भी काफी स्वादिष्ट और मसालेदार होते हैं चलिए बात कर लेते हैं चंदेल के सबसे स्वादिष्ट भोजन के व्यंजन जोकि आपके मुंह में पानी तो लाने ही वाले हैं साथ ही आपकी यात्रा को एक अलग ही यादगार बनाने वाले हैं|
मोरोक मेटपा – पालक की सब्जी जैसी दिखती हुई यह खूबसूरत सा व्यंजन चंदेल की सबसे स्वादिष्ट चटनी मानी जाती है सुखी और मेष की हरी मिर्ची की बनी हुई है चटनी देखने में तो काफी स्वादिष्ट लगती ही है साथ में यहां काफी लोकप्रिय भी हैं यहां के लोग इसे नागरी मछली के साथ सामग्री के रूप में प्रयोग करते हैं स्वाद अनुसार इसमें नमक मिलाया जाता है और इसके बाद जो इसका टेस्ट होता है वाकई में बहुत ही स्वादिष्ट होता है इसे स्थानीय लोगों द्वारा कई भोजन के व्यंजनों के साथ परोसा जाता है|
नगा-थोंगबा – ऐसा नहीं है कि केवल वेजिटेबल वालों के लिए है चंदेल के भोजन के व्यंजन प्रस्तुत हो बल्कि यहां पर आपको नॉनवेज भी काफी स्वादिष्ट और आसपास के मसालों द्वारा बनाया हुआ होता है इन्हीं डिश मैं से एक है नगा-थोंगबा जोकि मछली के द्वारा तैयार किया जाता है इसमें आपको कुछ ली हुई काली मिर्ची और स्थानीय मसालों का स्वाद मिल जाता है यह चंदेल के सबसे स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक है जो भी पर्यटक मांसाहारी होते हैं वह इस डिश का सेवन जरूर करते हैं और चंदेल के स्वाद में खो जाते हैं|
सिंगजू – स्वाद के मामले में चंदेल का नाम काफी आगे हैं और इन्हीं चीज को खास बनाती है यहां के भोजन का प्रसिद्ध व्यंजन सिंगजू, जो कि देखने में तो एक सब्जी की तरह लगता है लेकिन दरअसल यह सब्जी नहीं होती बल्कि यह एक सलाद होता है जिसमें गोभी के साथ-साथ प्याज ,अदरक , आदि चीजें शामिल है एक शानदार टेस्ट जो कि हर भोजन के व्यंजन का स्वाद बढ़ा दे, देखने में काफी खूबसूरत लगता है इसे खूबसूरत बनाने के लिए इसके ऊपर धनिया की हरी पत्तियां का इस्तेमाल किया जाता है उसके बाद जो अल्टीमेट स्वाद होता है वह कलम के द्वारा बयान कर पाना मुश्किल है|
अलु कांगमेट – जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि यह व्यंजन जरूर आलू से बनने वाला होगा जी हम उसको आलू मटर की सब्जी की तरह दिखने वाली यह स्वादिष्ट सब्जी उबले हुए आलू और आसपास के स्वादिष्ट मसालों द्वारा बनाया जाता है इसमें स्वाद अनुसार नमक खाता है और उसके बाद में तली हुई लाल मिर्च जो कि इसके स्वाद को चार चांद लगा देती है, आप जब कभी भी चंदेल की यात्रा करो तो आपको अलु कांगमेट का स्वाद जरूर चेक करना चाहिए|
चंदेल घूमने का समय, Best Time To visit in Chandel
चलिए दोस्तों अब बात कर लेते हैं चंदेल घूमने का सबसे अच्छा समय, घूमने का बेस्ट टाइम और चंदेल घूमने कब जाया जाए यदि आपके पास भी ऐसे सवाल है तो दोस्तों आप एक सही आर्टिकल पर आए हैं, यदि बात की जाए चंदेल में घूमने का सबसे अच्छा समय तो दोस्तों आपको सबसे पहले हम बता दें कि आपके पास जब कभी भी टाइम हो आप अपना होलीडे प्लान कर सकते हैं और चंदेल की यात्रा कर सकते हैं लेकिन सबसे अच्छा समय जो चंदेल की यात्रा का माना जाता है वह माना जाता है सितंबर से लेकर नवंबर के बीच क्योंकि इस बीच यहां का मौसम काफी सुहाना और ठंडा बना रहता है यदि आप गर्मियों में चंदेल की यात्रा करते हैं तो आप अपनी यात्रा का उतना आनंद नहीं ले सकते लेकिन यदि आप सितंबर से लेकर नवंबर के बीच यात्रा करते हैं तो आप यहां के यात्रा का अच्छे से इंजॉय कर सकते हैं गर्मी में आप ज्यादा बाहर घूम नहीं सकते इसलिए अच्छा रहता है कि आप एक ठंडे मौसम में यहां की यात्रा करें इस बीच यहां की होटल खाली रहते हैं तो आपको आसानी से होटल की सुविधा भी मिल जाएगी और पहाड़ों की खूबसूरत वादियों को देखने का मजा हल्की सी सुंदर बारिश में देखना काफी अच्छा लगता है इसलिए चंदेल की यात्रा का सबसे अच्छा समय सितंबर से नवंबर माना जाता है इसके बाद यहां ठंड का मौसम ज्यादा ठंडा हो जाता है यह से कारण बाहर यात्रा करना काफी मुश्किल हो सकता है|
चंदेल में रुकने के लिए होटल, Hotels Nearby chandel
यात्रा करने के दौरान हमारे पास सबसे पहले यही प्रश्न होता है कि आखिर हम रहे कहा यानी कि होटल्स या फिर धर्मशाला के अलावा कोई और सुविधा जहां हम अपनी यात्रा के दौरान अच्छे से और कम बजट में रह सके, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है हम इसी आर्टिकल के अंदर आपको चंदेल के सबसे सस्ते और सुंदर होटल्स के बारे में जानकारी देने वाले हैं यह होटल्स चंदेल के सबसे सस्ते हो सकते हैं और आप जब कभी भी आकर करेंगे तो यह उस समय आपके लिए खुले हो सकते हैं यहां आपको मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी, ऐसा नहीं है कि आपको यहां पर सारी सुविधाएं मिल जाए लेकिन मूलभूत सुविधाएं जो कि आपको चाहिए होती है जैसे कि एक अच्छा सा कमरा शुद्ध पानी ,वॉशरूम और उसी होटल मैं आपको एक अच्छी कीमत में खाना पीना भी मिल जाए तो नीचे कुछ ऐसे होटल की लिस्ट है जो कि इन सभी सुविधाओं के साथ आपकी यात्रा को कंफर्टेबल बनाने वाले हैं और आप अपनी यात्रा का अच्छे से इंजॉय कर सकते हैं|
- होटल सुरेश चंदेल
- शाक्षी होटल
- रेस्ट होटल
- शत्रुघ्न सा
- जाफू होटल
- लियमखू आईएनएन
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