फूलों की घाटी कहां स्थित है The Velly Of Flowers in Hindi

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने वाले हैं जहां जाने के लिए हर एक प्रकृति प्रेमी पर्यटक उत्सुक होता है और हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह अपने लाइफ में एक ना एक बार उस जगह की यात्रा करें जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं फूलों की घाटी की जिसे आमतौर पर वैली ऑफ फ्लावर्स के नाम से भी जाना जाता है इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िएगा क्योंकि इसी आर्टिकल में हम उन सभी बातों को भी शामिल करेंगे जो आम तौर पर फूलों की घाटी के बारे में बताया जाता है

फूलों की घाटी किस जिले में स्थित है In which district is the Valley of Flowers located?

फूलों की घाटी किस जिले में स्थित है यह प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पर्यटक उतना ही उत्सुक होते हैं जितना कि वह यहां यात्रा करने के लिए उत्सुक होते हैं तो चलिए जान लेते हैं कि फूलों की घाटी वैली ऑफ फ्लावर्स किस जिले में स्थित है दरअसल फूलों की घाटी भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है स्थानीय व अन्य लोगों द्वारा इसे पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है इस फूलों की घाटी के बारे में बताया जाता है कि 87 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला फूलों की घाटी है जिसमें विभिन्न प्रकार के फूलों की किस्में में पाई जाती है यह उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले से 117 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है साथ ही देखें तो बद्रीनाथ से यह फूलों की घाटी 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

फूलों की घाटी स्थित है फूलों की घाटी के चित्र फूलों की घाटी कश्मीर फूलों की घाटी कहां है फूलों की घाटी वीडियो फूलों की घाटी की फोटो फूलों की घाटी किस राज्य में है फूलों की घाटी कहां स्थित है Which is the best time to visit Valley of Flowers? In which state is Valley of Flowers? How long is Valley of Flowers Trek? What is famous about Valley of flowers? What is not so good about Valley of flowers? Who should visit Valley of flowers?
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फूलों की घाटी की खोज किसने की Who discovered the valley of flowers

अक्सर हम सभी लोगों को तमाम प्रकार के प्रश्न इस फूलों की घाटी से संबंधित खड़े हो जाते हैं जैसे कि फूलों की घाटी की खोज किसने की तो इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने के लिए हमें एक नजर भारतीय इतिहास पर डालते हैं और वहां से हमें प्राप्त होता है कि फूलों की घाटी की खोज सर्वप्रथम ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एम एस स्थित और उनके साथी आर एल हॉल्ड्सवर्थ  ने सर्वप्रथम   इस फूलों की घाटी को देखा था और इसी खूबसूरत फूलों की घाटी को देखकर फ्रैंक ने  सन 1931 में इस फूलों की घाटी के बारे में एक किताब लिखी जिसका नाम था वैली ऑफ फ्लावर्स और बाद में उन्होंने इस बुक को प्रकाशित कर दिया जिसमें उन्होंने बताया कि इस में 500 से अधिक प्रकार के फूलों की प्रजातियां पाई जाती है और बताया जाता है कि रामायण काल में भगवान हनुमान जी भी संजीवनी बूटी की तलाश में इसी पर्वत में आए थे लेकिन फ्रैंक इस पर्वत में सबसे पहले पधारे थे इसलिए उन्हें ही फूलों की घाटी की खोज का श्रेय दिया जाता है और सन 1982 में विश्व संगठन यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल के रुप में सम्मिलित किया

फूलों की घाटी के रहस्य Secrets of Valley of Flowers

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फूलों की घाटी के रहस्य प्रश्न हमें उतना ही भ्रमित करता है जितना कि हमने फूलों की घाटी की सुंदरता के बारे में सुना है बताया जाता है कि जीतनी खूबसूरत यहां फूलों की घाटी है उतने ही उलझे इसके छिपे राज है तो चलिए जान लेते हैं कि फूलों की घाटी के रहस्य के बारे में क्या क्या बताया गया है फूलों की घाटी का जिक्र हमारे रामायण में भी किया गया है कि भगवान हनुमान जी ने भी संजीवनी बूटी की तलाश में इस पर्वत पर आए थे और उसके बाद बताया जाता है कि फूलों की घाटी में परियों का निवास स्थान है और वह लाल रंग से बड़े ही उत्तेजित होती है शायद इसीलिए काफी समय तक फूलों की घाटी के दर्शन किसी पर्यटक ने नहीं की, हालांकि अब सभी पर्यटक इस के दर्शन करते है और सुरक्षित तरीके से वापस भी लौटते हैं बताया जाता है कि इसमें परियों का निवास स्थान है ठीक इसी बात के उत्तर में हमारी टीम ने इंटरनेट पर पड़ताल की और हमें जो सच प्राप्त हुआ वह बड़ा ही चौंकाने वाला था

क्यों करनी चाहिए फूलों की घाटी की यात्रा Why should visit Valley of Flowers

फूलों की घाटी को विश्व संगठन द्वारा धरोहर स्थल माना गया है इसलिए भी आप यहां की यात्रा कर सकते हैं इसके अलावा जो लोग प्रकृति प्रेमी है उनके लिए यह जगह परफेक्ट है क्योंकि इस खूबसूरत जगह के सफर में आपको खूबसूरत झरना के साथ-साथ पहाड़ पर्वत और फूलों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियां देखने को मिलेगी यहां आपको सोसुरिया , लिलियम , गेंदा, बड़नाग, डेल्फिनियस , मोरिन आदि प्रकार के 500 से भी अधिक प्रकार के फूलों की प्रजातियां पाई जाती है यदि आपको फूल देखना और फूलों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना या नेचुरल फोटो खिंचवाना पसंद है तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए क्योंकि यहां आकर आप अपने शौक को भी पूरा कर सकते हैं आप चाहे तो यहां अपने दोस्तों के साथ भी आ सकते हैं और आप अगर आना चाहते हो तो यहां अपने परिवार के साथ भी आ सकते हैं यहां आप आसानी से पहुंच सकते हैं और इसकी खूबसूरती का बड़े ही मजे तरीके से आनंद ले सकते हैं

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फूलों की घाटी घूमने का सबसे अच्छा समय Best time to visit Valley of Flowers

चलिए अब बात कर लेते हैं कि फूलों की घाटी घूमने का सही समय कौन सा रहेगा यदि मौसम के अनुकूल देखें तो फूलों की घाटी हिमालय के पास स्थित है इसलिए यहां पर ठंड का मौसम रहता है जो कि गर्मी के मौसम में बड़ा ही सुहाना अनुभव होगा वैसे शहर की तपती गर्मी से राहत पाने के लिए यह जगह काफी अच्छी है क्योंकि यहां हमेशा ठंड का मौसम ही रहता है और यदि खूबसूरती के लिहाज  से देखें तो आप यहां अगस्त सितंबर से नवंबर महीने तक के बीच इस फूलों की घाटी के दर्शन कर सकते हैं क्योंकि इस बीच ब्रह्म कमल फूल भी इस घाटी में खिला हुआ रहता है

फूलों की घाटी कैसे जाएं how to go valley of flowers

यदि आप फूलों की घाटी यानी कि  चामोली कि यात्रा करना चाहते हैं तो यह शहर रोड मार्ग, वायु मार्ग, तथा रेल मार्ग, तीनों मार्ग से पूरी तरह कनेक्ट है आप किसी भी मार्ग के जरिए यहां तक पहुंच सकते हैं लोकल क्षेत्र की यात्रा आपको पर्सनल गाड़ी या किसी अन्य साधन के द्वारा करनी होगी

 सड़क मार्ग– यदि सड़क मार्ग के जरिये चामोली पहुचना चाहते है तो यह शहर देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 470 किलोमीटर की दूरी पर तथा वही देहरादून से यह शहर 271 किलोमीटर की दूरी पर है साथ ही उत्तराखंड के रामनगर से यह शहर 255 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
 रेल मार्ग – रेल मार्ग से भी चामोली पहुंचा जा सकता है चामोली का नेयर रेलवे स्टेशन  ऋषिकेेश है जो  कि दिल्ली से 247 किलोमीटर की दूरी तय करती है साथ ही देहरादून से 45 किलोमीटर की दूरी तय कर के चामोली पहुंचा जा सकता है
वायु मार्ग – वायु मार्ग की बात करें तो चामोली का नेेअर एयरपोर्ट जॉली ग्रांट है जो कि चामोली से 249  किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां से आपको सभी प्रदेश की घरेलू उड़ानें मिल जाएगी.
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