पथरी का इलाज ,कारण और बचाव stones treatment causes and prevention
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपको बताने वाले हैं पथरी के बारे में ,इस पोस्ट में हम यह भी जानेंगे की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है जिसमें हम घरेलू तरीके के बारे में बात करेंगे और साथ में हम यह भी जानेंगे कि पथरी होने के क्या क्या कारण होते हैं और इन सभी चीजों को मध्य नजर रखते हुए हम इसके बचाव के बारे में भी जानेंगे तो प्लीज इस पोस्ट को अंत तक पढ़िएगा
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पथरी क्या होती है what is this stone
सामान्य भाषा में समझे तो पथरी एक प्रकार की बीमारी होती है जिसमें हमारे शरीर के प्रमुख अंगों जैसे किडनी वर्रक आदि अंगों में दर्द महसूस होता है दरअसल इसका मुख्य कारण है शरीर के अंदर कुछ मात्रा में पत्थर जैसा पदार्थ इकट्ठा हो जाता है और इसका आकार समय के साथ साथ में बढ़ता जाता है और धीरे-धीरे इससे होने वाला दर्द भी असहनीय लगने लगता है आम तौर पर यदि पथरी का आकार छोटा होता है तो वह बिना किसी तकलीफ की मूत्र मार्ग से शरीर से बाहर निकाल दी जाती हैं लेकिन यदि पथरी का आकार बढ़ जाता है तो वह मूत्र वाहिनी दिक्कत उत्पन्न करती है और यह कुछ दिनों में मूत्रमार्ग एवं कमर और पेट में बहुत तेज दर्द होता है जिसे सामान्य भाषा में हैं रिनल कोलिक कहा जाता है
पथरी बनने का कारण , क्यों बनती है शरीर में पथरी the reason to become stones, why stone become in the body
- यदि आप विटामिन सी और कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए दवाओं का अधिक सेवन करते हैं तो आपको पथरी होने का खतरा ज्यादा रहता है
- अगर आपको पहले डायबिटीज हैं तो आपको विशेष ध्यान रखने की जरूरत है यदि आपके रक्त में हमेशा शुगर का स्तर सामान्य बना रहे और अचानक अगर यह ज्यादा होता है तो आगे आपको पथरी होने का चांस बढ़ जाता है
- पथरी होने का मुख्य कारण शरीर में पानी की कमी भी है यदि आप सामान्य स्तर से कम लेवल में पानी का प्रयोग करते हैं तो आपको इससे भी पथरी होने का खतरा रहता है
- पथरी की वंशानुगत स्थिति पथरी होने के कारण मैं वंशानुगत भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है यदि आपके माता पिता और दादा दादी को पथरी है तो वंशानुगत के अनुसार आपको भी पथरी हो सकती हैं
- यदि आप ड्राई फ्रूट्स और नॉनवेज का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो आपको पथरी होने का खतरा रहता है यहां तक कि आप नमक का भी कम मात्रा में प्रयोग करें तो स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा
- हरी पत्तेदार सब्जी का प्रयोग सर्दियों में काम करना चाहिए क्योंकि इसमें शरीर में कैल्शियम ऑक्सलेट की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पथरी होने का खतरा रहता है
पथरी के प्रकार types of stone in Hindi
आमतौर पर शरीर में पथरियों को कई अंगों में देखा गया है जिनमें से प्रमुख पथरी के प्रकार कुछ इस प्रकार के हैं
स्ट्रवाइन स्टोन – स्ट्रवाइन स्टोन पथरी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा दिखाई देते हैं इस स्थिति में पथरी मूत्र मार्ग में अवरोध का कार्य करती हैं
कैल्सियम स्टोन – ज्यादातर पुरुषों में पाए जाने वाले पथरी को कैल्शियम पथरी कहते है यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा होती हैं और यह 20 से 30 वर्ष की आयु के बीच अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देती हैं
यूरिक एसिड स्टोन – वंशानुगत पाए जाने वाली पथरी को यूरिक एसिड स्टोन कहते हैं यह मूल रूप से किरिस्टूनिया वाले व्यक्तियों में पाए जाते हैं
पथरी के लक्षण symptoms of stone
सामान्य रूप से पथरी की शिकायत को निम्नलिखित लक्षणों के माध्यम से पहचाना जा सकता है यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दिए तो आपको अपने स्वास्थ्य के ऊपर जरूर विचार करना चाहिए
बुखार का लंबे समय तक रहना- नॉर्मल बुखार 1 हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन बुखार यदि दवाइयां लेने के बाद भी ज्यादा दिन तक बना रहता है तो एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए क्योंकि यह बुखार स्टोन का लक्षण हो सकता है
पेशाब करते समय दर्द होना – यदि किसी व्यक्ति को पेशाब करते समय दर्द महसूस हो रहा हो तो यह भी एक प्रकार से पथरी का लक्षण है
पेशाब में खून बहना – पेशाब के दौरान यदि किसी व्यक्ति को पेशाब के साथ साथ खून बहता दिखे तो यह भी पथरी के लक्षण हैं इस स्थिति को भी नजरअंदाज मत करिएग
पेशाब का अचानक बंद हो जाना – यदि किसी व्यक्ति को पेशाब करते समय अचानक पेशाब बंद हो जाए तो व्यक्ति के पेट में पथरी जगह बना चुकी है और उसे डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए
उल्टी का होना – जिस व्यक्ति के पेट में पथरी होते हैं उन्हें एक कॉमन सा लक्षण दिखता है कि उन्हें बार-बार
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उल्टी होने वाली होती है उल्टी होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन बार-बार आने वाली उल्टी पथरी का संकेत है
पथरी का आयुर्वेदिक इलाज ayurvedic treatment of stone
वैसे तो पथरी का इलाज करने की बहुत से तरीके हैं लेकिन इस पोस्ट में हम बात करेंगे केवल घरेलू और आयुर्वेदिक इलाज की जिसमें आप नीचे दिए गए माध्यमों को अपना सकते हैं
नींबू से पथरी का इलाज- नींबू को भारतीय आयुर्वेद में कई बीमारियों का रामबाण इलाज माना जाता है ठीक इसी प्रकार या पथरी के इलाज में भी रामबाण का कार्य करता है बस आपको करना यह है कि 50ml नींबू के रस में थोड़ा-सा जैतून का तेल मिलाकर इस मिश्रण का सेवन कर लेना है इससे पथरी का इलाज में काफी लाभ मिलेगा
करेले के रस से पथरी का इलाज – वैसे तो करेला स्वाद के मामले में बहुत कड़वा होता है लेकिन इसकी कड़वाहट स्वाद हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है यह बात हम नहीं जानते हैं करेले के रस में मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे अनमोल तत्व काफी मात्रा में विद्यमान रहते हैं जो कि पेट की पथरी का सफाया करने के लिए रामबाण का कार्य करती हैं इसलिए पथरी का इलाज में करेले का प्रयोग किया जाता है
बियर से पथरी का इलाज – आमतौर पर हम बियर को हम गलत पेय पदार्थ के रूप में गिनते हैं लेकिन एक अध्ययन से पता चला है कि बियर पीने से कुछ फायदे भी होते हैं और इन्हीं फायदों में बीयर से पथरी का इलाज भी किया जाता है बियर पीने से पथरी होने की 41 परसेंट तक संभावना कम हो जाती हैं बताया जाता है कि बीयर पीने से अधिक यूरिन बनता है जिससे किडनी पर दबाव बनता है जिससे यूरिन के साथ-साथ पथरी भी बाहर आने लगती हैं इसके नियमित सेवन से छोटी साइज की पथरी को निकाला जा सकता है
केले से पथरी का इलाज – केला का सेवन करना भी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें काफी मात्रा में मैग्नीशियम फास्फोरस तत्व पाया जाता है जो कि पथरी के लिए लाभकारी है केला में विटामिन सी 6 पाया जाता है जो कि ओकजेलेट क्रिस्टल को बढ़ाने में से रोकता है
प्याज के रस से पथरी का इलाज – पथरी को दूर करने के लिए प्याज का रस रामबाण का कार्य करते हैं इसके लिए आपको प्याज के रस के साथ एक चम्मच चीनी को घोल करके शरबत बना लेना है तथा दिन में 1 बार सेवन कर लेना है यदि इस विधि को आप 20 से 25 दिनों तक करते हैं तो आपके पेट की पथरी गल कर बाहर निकल जाएगी
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पथरी का दर्द कहां कहां होता है Where does stone pain happen
आमतौर पर देखा गया है कि पथरी का दर्द शरीर में पथरी की जगह के आसपास महसूस की जा सकती है यदि पथरी व्यक्ति की किडनी में है तो इसका दर्द पेट या पेट के निचले हिस्से में होता है और यह दर्द बहुत असहनीय होता है और यदि पथरी मूत्र मार्ग में है तो इसका दर्द यूरिन करते समय होता है यह यूरिन के कार्य में अवरोधक का कार्य करती हैं|
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