हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आप की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं पश्चिमी सियांंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में, वैसे तो पश्चिमी सियांंग में घूमने लायक बहुत सी जगह है लेकिन आज हम केवल यहां के प्रसिद्ध जगहों के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही इसी लेख में हम यहां का स्थानीय खान पान के बारे में भी बात करने वाले हैं
पश्चिमी सियांंग भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य का एक जिला है जोकि 8325 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिला मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्र में पड़ता है इसलिए यहां पर जीवन यापन करने का मुख्य साधन कृषि हैं ज्यादातर लोग कृषि करके ही अपना जीवन यापन किया करते हैं जिले की जनसंख्या सन 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग लगभग एक लाख दस हजार के आसपास है साधारण सा पहला और उसके बीच राज्य की परंपरा के अनुकूल गतिविधियां करना मुख्य विशेषताओं में से एक हैं यदि बात की जाए यहां के मौसम के तो वैसे तो यहां पर 12 महीने ठंड रहती है लेकिन वर्ष का मई और जून माह सबसे गर्म महा रहता है जबकि दिसंबर जनवरी के बीच आपको यहां बर्फ भी देखने को मिल जाती हैं स्थानीय खानपान यहां का काफी प्रसिद्ध है और ज्यादातर लोग स्थानीय खानपान के साथ दाल चावल,रोटी सब्जी, का ज्यादा उपयोग किया करते हैं
पश्चिमी सियांंग की वेशभूषा पहनावा एक सामान्य रूप की हैं एक पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के लोग अपनी संस्कृति और रीति रिवाज के हिसाब से ही वस्त्र धारण किया करते हैं इसलिए यह एक अलग ही संस्कृति देखने को मिलती हैं अरुणाचल प्रदेश में महिलाएं और पुरुषों का पहना एक विशिष्ट प्रकार का है सामान्य दिनचर्या में वहां के लोग यहां के पुरुषों का पहनावा एक लूंगी और एक झबला नुमा वस्त्र होता है जो कि उसे वह कमर से ऊपरी भाग पर पहना करते हैं इसके अलावा यहां के लोग वर्ष के महोत्सव और उत्सव पर पूरे अपने वेशभूषा में आते हैं और इसी के साथ ही वहां अपने आकर्षण आभूषणों के साथ सजे धजे होते हैं जिससे वह पूरी तरह पश्चिमी सियांंग की निवासी लगते हैं
जिस प्रकार से पश्चिमी सियांंग की संस्कृति और पहनाव खास है ठीक इसी प्रकार से यहां के खाने के व्यंजनों का स्वाद भी अपने आप में कम प्रसिद्ध नहीं है यहां पर जो भोजन का प्रयोग किया जाता है कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी होता है यहां के स्थानीय सामग्री का स्वाद ही कुछ अलग है यहां पर दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट खाने के साथ होती है जिसमें वह खोरा और पोचा का इस्तेमाल किया करते हैं चावल यहां की भोजनों के ब्यंजनो में मुख्य अंग है इसके बिना सभी व्यंजन अधूरे हैं और यहां के चावल भी काफी स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें एक अलग ही विधि द्वारा पकड़ा जाता है और खुल्लम संस्करण चावल बनाने का एक प्रचलित तरीका है दिन के खाने में यहां पर करी अंडा दाल तड़का और चावल के साथ साथ पीका पीला और थूपका खाना काफी स्वादिष्ट और प्रसिद्ध भी हैं रात्रि के भोजन में यहां पर रोटी सब्जी के अलावा वह वूंग वूत नगम, पिहक ,पाशा और नेक टॉक आदि व्यंजन सम्मिलित हैं
मेचुका घाटी – पश्चिमी सियांंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की तलाश में हम लोग आपको ले चलते हैं मेचुका घाटी में, जोकि आपको प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ आपकी यात्रा में एक अलग अनुभव प्रदान करने वाला है समुद्र तल से 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित मेज का घाटी हरे-भरे घास के मैदानों और सदाबहार देवदार के जंगलों से सजा हुआ है जानकारी के लिए बता दे कि यहां हर साल मेचुका एडवेंचर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है यदि आप लोग एडवेंचर के शौकीन हैं और आप एक अच्छी जाएगी तलाश में है तो आपको पश्चिमी सियांग के मेचुका घाटी मैं जरूर विजिट करना चाहिए, सूर्य उदय और सूर्य अस्त के दुर्लभ दृश्यों को देखना का इंजॉय आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी कर सकते हैं,
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mechuka, creative Commons, License-(CC BY – SA 3.0) |
आलो – पश्चिमी सियांंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल मैं आलो का नाम भी कम प्रसिद्ध नहीं है प्राकृतिक सुंदरता लिए यह जगह न केवल पश्चिमी सियांग का पर्यटक स्थल है बल्कि यह अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की सूची में आता है यह एक ऐसी जगह है जहां पर पर्यटक न केवल प्रकृति के दर्शन कर सकते हैं बल्कि यदि उन्हें पश्चिमी सियान की परंपरा और रीति-रिवाजों को जानना है तो इसके समीप स्थित गांव में उन्हें कई तरह के दृश्य देखने को मिल जाते हैं खासतौर पर जब आप पश्चिमी सियांग की यात्रा पर हो तो आपको आलो के दर्शन जरूर करनी चाहिए
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alo, creative Commons, License-(CC BY – SA 4.0) |
केन वन्य जीव अभ्यारण – पश्चिमी सियांग जिले के जंगल में स्थित केन वन्य जीव अभ्यारण पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है 55 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह अभ्यारण आपको कई प्रकार की गतिविधियों से जोड़ता है लेकिन मैं आपको सदाबहार पेड़ों के साथ-साथ वनस्पति एवं वन्यजीवों की विलुप्त प्रजातियां भी देखने को मिल जाते हैं यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं और आप ही कैसी जगह की तलाश में है जहां पर आप अपने दोस्तों के साथ रोमांस करना चाहते हैं और साथ में आपको जंगली जानवरों को देखने का शौक नहीं है तो आप एक अच्छी जगह के बारे में पढ़ रहे हैं, यहां आकर आप अपनी यात्रा को एक अलग मोड़ दे सकते हैं
दोस्तों पश्चिमी सियांंग की यात्रा के उपरांत आपके यहां के दार्शनिक स्थलों की सैर करने के बावजूद भी हम आपको कुछ ऐसे कीजिए बता रहे हैं जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं और हो सकता है यह चीजें करने में भी काफी सस्ती और सरल भी हो
- बाइक सवार
- कैंपिंग
- क्लाइंबिंग
- एडवेंचर
- स्नो स्पोर्ट्स
- पैराग्लाइडिंग
- घुड़सवारी
- वोटिंग
दोस्तों अभी तक हम पश्चिमी सियांंग के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम पश्चिमी सियांंग में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा , यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां हो ना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो पश्चिमी सियांंग में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं,
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको पश्चिमी सियांंग में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों में रहकर आप पश्चिमी सियांंग के स्थानीय खानपान का आनंद लेना बिल्कुल भी ना भूलें,
- होटल वेस्ट
- होटल आगाम
- होटल टोषी प्लेस
- अगाम होटल
- होटल आलो
- रेई होमस्टे