हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आप की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं लोवर दिबांग वैली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में, वैसे तो लोवर दिबांग वैली में घूमने लायक बहुत सी जगह है लेकिन आज हम केवल यहां के प्रसिद्ध जगहों के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही इसी लेख में हम यहां का स्थानीय खान पान के बारे में भी बात करने वाले हैं
लोवर दिबांग वैली भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य का एक जिला है जिसका मुख्यालय रोएंग है समुद्र तल से 2655 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लोवर दिबांग वैली अरुणाचल प्रदेश का एक जाना माना और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी हैं बात करें जिले की परंपरा और रीति-रिवाजों की तो आपको बता दे की अरुणाचल प्रदेश के अन्य जिलों के 1320 की परंपरा और रीति-रिवाज काफी प्रसिद्ध और चर्चित है जिले में मुख्य रूप से वार्तालाप के रूप में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है और कई अन्य स्थानों पर यहां के लोग अपने स्थानीय भाषा का प्रयोग भी किया करते हैं लेकिन ज्यादातर लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं बात करें यहां के मौसम की तो मई ,जून वर्ष का सबसे गर्म महा होता है जबकि दिसंबर और जनवरी साल का सबसे ठंडा रहने वाला महीना होता है इस बीच लोगों को बर्फ देखने का शौक है तो वह अपने शौक को भी पूरा कर सकते हैं क्योंकि दिसंबर जनवरी में यहां काफी ज्यादा मात्रा में पहाड़ों पर बर्फ दिखाई देती हैं,
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hunli, creative Commons, License-(CC BY – SA 2.0) |
लोवर दिबांग वैली की वेशभूषा पहनावा एक सामान्य रूप की हैं एक पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के लोग अपनी संस्कृति और रीति रिवाज के हिसाब से ही वस्त्र धारण किया करते हैं इसलिए यह एक अलग ही संस्कृति देखने को मिलती हैं अरुणाचल प्रदेश में महिलाएं और पुरुषों का पहना एक विशिष्ट प्रकार का है सामान्य दिनचर्या में वहां के लोग यहां के पुरुषों का पहनावा एक लूंगी और एक झबला नुमा वस्त्र होता है जो कि उसे वह कमर से ऊपरी भाग पर पहना करते हैं इसके अलावा यहां के लोग वर्ष के महोत्सव और उत्सव पर पूरे अपने वेशभूषा में आते हैं और इसी के साथ ही वहां अपने आकर्षण आभूषणों के साथ सजे धजे होते हैं जिससे वह पूरी तरह लोवर दिबांग वैली की निवासी लगते हैं
जिस प्रकार से लोवर दिबांग वैली की संस्कृति और पहनाव खास है ठीक इसी प्रकार से यहां के खाने के व्यंजनों का स्वाद भी अपने आप में कम प्रसिद्ध नहीं है यहां पर जो भोजन का प्रयोग किया जाता है कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी होता है यहां के स्थानीय सामग्री का स्वाद ही कुछ अलग है यहां पर दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट खाने के साथ होती है जिसमें वह खोरा और पोचा का इस्तेमाल किया करते हैं चावल यहां की भोजनों के ब्यंजनो में मुख्य अंग है इसके बिना सभी व्यंजन अधूरे हैं और यहां के चावल भी काफी स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें एक अलग ही विधि द्वारा पकड़ा जाता है और खुल्लम संस्करण चावल बनाने का एक प्रचलित तरीका है दिन के खाने में यहां पर करी अंडा दाल तड़का और चावल के साथ साथ पीका पीला और थूपका खाना काफी स्वादिष्ट और प्रसिद्ध भी हैं रात्रि के भोजन में यहां पर रोटी सब्जी के अलावा वह वूंग वूत नगम, पिहक ,पाशा और नेक टॉक आदि व्यंजन सम्मिलित हैं
- गर्म पानी का झरना
- हुनली शहर
- नेहरू वन उद्यान
- भीष्मक नगर किला
- सैली लेक
- महो वन्य जीव अभयारण्य
हुनली शहर – प्रकृति की सूरत में पहाड़ियों पर स्थित हुनली शहर पर्यटक को के लिए एक अच्छा गंतव्य माना जाता है 5000 फीट की ऊंचाई पर एक खूबसूरत घाटी में बसा है हुनली शहर प्राकृतिक सुंदरता का एक अच्छा उदाहरण है यह खूबसूरत है स्थान अरुणाचल प्रदेश के रोइंग से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां हम आसानी से पहुंच सकते हैं यहां तक आने का सफर काफी रोमांच और यादगार रहने वाला है क्योंकि इस बीच हम लोगों को बहुत सी चीजें देखने को मिलने वाली है जैसे कि रास्ते में पढ़ती है एक दिलचस्प गुफा मंदिर जो कि आसपास की जगह के काफी प्रसिद्ध हैं ट्रैकिंग करने वालों के लिए अरुणाचल प्रदेश में बहुत कुछ है और इन सब चीजों में से हुनली शहर आपको एक अलग ही दिलचस्प नजारा प्रस्तुत करने वाला है
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नेहरू वन उद्यान – लोवर दिबांग वैली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की तलाश करते करते हम लोग आपको ले आए हैं नेहरू वन उद्यान में, यह जगह लोवर दिबांग वैली के प्रसिद्ध स्थलों की सूची मैं सर्वश्रेष्ठ स्थान आती हैं पार्क एक सुव्यवस्थित उद्यान है जहां आप प्रकृति के साथ घुल मिल कर के रोमांच और मस्ती के साथ-साथ पिकनिक भी कर सकते हैं जगह की बात करें तो यह जगह रोइंग टाउनशिप से लगभग लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां आप लोग आसानी से पहुंच सकते हैं
भीष्मक नगर किला – भीष्मक नगर किला रोइंग शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भीष्मक नगर किला अपनी वास्तुकला और शिल्पकला के लिए काफी प्रसिद्ध है यही कारण है कि पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां पर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है बताया जाता है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण की मुख्य पत्नी रुक्मणी को इसी क्षेत्र से माना जाता है लेकिन इस तथ्य के पीछे भी कई मतभेद है आसपास का वातावरण काफी सुंदर और शुद्ध होने के कारण ठंडी हवाएं यहां चलती रहती हैं जबकि आसपास के पहाड़ों में आपको एक सुंदर सा दृश्य देखने को मिल जाता है जिन लोगों को ट्रैकिंग और एडवेंचर का शौक है उन्हें भीष्मक नगर किले के दर्शन जरूर करनी चाहिए वास्तव में यह जगह देखने लायक है,
सैली लेक – दोस्तों लोवर दिबांग वैली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल मैं सैली लेक भी बहुत अच्छी जगह है प्राकृतिक रूप में यहां पर आपको एक चीज देखने को मिल जाती है जोकि खूबसूरती के साथ अपनी शाखाओं को फैलाए हुए बैठी है एक शांत वातावरण के साथ आपको एक अच्छा अनुभव प्रदान करने वाली यह जगह रोइंग से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आप चाहे तो यहां अपनी फैमिली के साथ ही आ सकते हैं और यदि आप अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश कर रहे हैं तो आपको सैली लेक जैसी खूबसूरत जगह को देखने जरूर आना चाहिए, झील के अंदर आप को साफ पानी के साथ-साथ खूबसूरत मछलियां भी देखने को मिल जाती है जिन्हें देखकर आपको सच में अनुभव होगा कि आप लोग प्रकृति के साथ कितने जुड़े हुए हैं
महो वन्य जीव अभयारण्य – लोवर दिबांग वैली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की सूची में हमारा अंतिम गंतव्य होने वाला है महो वन्य जीव अभयारण्य जोकि ना केवल लोवर दिबांग वैली का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं बल्कि यह अरुणाचल प्रदेश की पर्यटक स्थलों की सूची में भी सर्वश्रेष्ठ स्थान रखता है इस अभयारण्य मैं आपको पशु -पक्षियों की 680 से भी अधिक प्रजातियां देखने को मिल जाती है और वही आपको 6000 से भी अधिक पेड़ पौधों की प्रजातियां भी देखने को मिलती है प्राकृतिक प्रेमी को एक न एक बार इस जगह के दर्शन जरूर करने चाहिए,
दोस्तों लोवर दिबांग वैली की यात्रा के उपरांत आपके यहां के दार्शनिक स्थलों की सैर करने के बावजूद भी हम आपको कुछ ऐसे कीजिए बता रहे हैं जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं और हो सकता है यह चीजें करने में भी काफी सस्ती और सरल भी हो
- बाइक सवार
- कैंपिंग
- क्लाइंबिंग
- एडवेंचर
- स्नो स्पोर्ट्स
- पैराग्लाइडिंग
- घुड़सवारी
- वोटिंग
दोस्तों अभी तक हम लोवर दिबांग वैली के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम लोवर दिबांग वैली में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा , यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां हो ना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो लोवर दिबांग वैली में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं,
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको लोवर दिबांग वैली में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों में रहकर आप लोवर दिबांग वैली के स्थानीय खानपान का आनंद लेना बिल्कुल भी ना भूलें,
- दिबांग वैली जंगल कैंप
- मिष्मी हिल्स कैंप
- ज़ीमुको होटल्स एंड रेस्टुरेंट
- जिया ऑर्गेनिक इको रिजॉर्ट
- सर्किट हाउस