रूद्रप्रयाग के दर्शनीय स्थल Rudurprayag Main Ghumne Ki Jagah In Hindi
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपके साथ रुद्रप्रयाग के पर्यटन स्थल के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं छुट्टियां पढ़ते हैं सभी घुमक्कडो के पास यही प्रश्न होता है कि छुट्टियों को बिताने के लिए कहा जाया जाए यदि आप एक प्रकृति प्रेमी है और आपको सुंदर वातावरण के साथ पर्वत, पहाड़ और झीलों, घाटियों को देखने का शौक है तो रुद्रप्रयाग आपके लिए परफेक्ट है क्योंकि आप यहां प्रकृति की सुंदरता को गहराई से अनुभव कर सकते हैं.
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रुद्रप्रयाग के बारे में Rudurprayag In Hindi
रुद्रप्रयाग भारत के उत्तराखंड राज्य के एक जिला है जो की समुद्र तल से 895 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है रुद्रप्रयाग विश्व में अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है और यह एक पर्यटक स्थल के लिए भी जाना जाता है केवल भारत के ही नहीं अपितु देश-विदेश से लोग यहां घूमने आते हैं यहां आपको अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का संगम स्थल देखने को मिलेगा यदि यहां के मौसम और जलवायु के बारे में बात की जाए तो आपको बता दें कि यहां का मौसम हमेशा ठंडा बना रहता है जिसके कारण पर्यटकों का आना-जाना हमेशा लगा रहता है और दिसंबर और जनवरी में आपको यहां बर्फ देखने का मौका भी मिलेगा जिससे आपको चारों दिशाओं का दृश्य सफेद और हसीन दिखाई देगा अब अगर बात करें यहां पर बोले जाने वाली भाषा की तो यहां पर गढ़वाली और कुमाऊंनी सहित हिंदी भाषा का प्रयोग भी वार्तालाप किया जाता है
रुद्रप्रयाग का खानपान Local Food of Rudurprayag
स्वाद के शौकीन के लिए रुद्रप्रयाग जिले का स्थानीय खानपान बड़ा ही अच्छा रहेगा क्योंकि यहां के भोजन की व्यंजनों में जो स्वाद है वह स्वाद आपको और जगह नहीं मिलेगा क्योंकि यहां के लोग हर चीज को वह बड़े ही प्यार से बनाते हैं और इसी स्वाद को सिखा तक पहुंचाते हैं यहां के शुद्ध और घरेलू मसाले और उनके अलावा यहां की शुद्ध सब्जियां , चलो अब देख लेते हैं कि यहां के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन के व्यंजन कौन-कौन से हैं
मंडवे की रोटी – मंडवे कि आटे की रोटी अल्मोड़ा और आसपास के जिलों का प्रसिद्ध व्यंजन है यह शुद्ध घरेलू मंडुवे के आटे से बनता है जो कि खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है और इससे हमारे शरीर को काफी मात्रा में लाभ प्राप्त होते हैं
कंडेली की भुज्जी – कंडेली की भुज्जी उत्तराखंड वासियों का प्रसिद्ध व्यंजन है इसे कंडेली के माध्यम से बनाया जाता है और यह सेम लाइक पालक की भुज्जी की तरह होता है लेकिन स्वाद में यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि मंडुवे की रोटी और कंडेली के भुज्जी को साथ में खाया जाए तो इसके सामने सभी देसी व्यंजन फीके पड़ जाते हैं क्योंकि यह दोनों बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं
झंगोरें की खीर – रुद्रप्रयाग के प्रसिद्ध व्यंजन झांगोरें की खीर काफी प्रसिद्ध है यह नॉर्मल खीरे की ही तरह बनता है लेकिन इसमें चावल की जगह यहां का स्थानीय अनाज जंगूरा को मिलाकर बनाया जाता है और यही झंगोरा इसके स्वाद को 4 गुना बढ़ा देता है इसका प्रयोग आप कभी भी कर सकते हैं यदि आप अल्मोड़ा ट्रिप पर है तो आपको इस व्यंजन का स्वाद जरूर लेना चाहिए
भांग की चटनी – भांग की चटनी अल्मोड़ा की प्रसिद्ध चटनी है इसे भांग को पीसकर बनाया जाता है और यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि इस चटनी में भांग की मात्रा बढ़ा दी जाती है तो इससे नशा भी लगता है क्योंकि भांग नशे के काम भी आता है इसलिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में किया जाता है
पहाड़ी दाल भात – यह व्यंजन उत्तराखंड में पाए जाने वाले पहाड़े दलों को मिलाकर बनाया जाता है तथा इस व्यंजन के साथ नॉर्मल चावल कैसे बनता है वैसे ही बनाया जाता है लेकिन दाल काफी स्वादिष्ट होती है क्योंकि इसमें सभी पहाड़ी दाल मिक्स की होती है
अरसा – अरसा मुख्य रूप से उत्तराखंड का लोकप्रिय व्यंजन है जिसे लोग शादी के मौसम में बनाते हैं लेकिन कभी-कभी यह हर समय उपलब्ध मिल जाता है दरअसल यह चावल को पीसकर बनाया जाता है और सेम लाइक पकोड़ो की तरह इसे भी तेल में चला जाता है
रुद्रप्रयाग जिला कब बना When did Rudraprayag district become
रुद्रप्रयाग के दर्शनीय स्थलों को जानने से पहले हमें यह बात सर्वप्रथम जान लेनी चाहिए कि रुद्रप्रयाग जिले की स्थापना कब हुई रुद्रप्रयाग उत्तराखंड राज्य का एक जिला है जो कि 1984 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है रुद्रप्रयाग के स्थापना सन 18 सितंबर 1997 को हुई थी 3 विकास खंडों में जीवन यापन कर रहे लोगों की जनसंख्या 242285 है
रुद्रप्रयाग के दर्शनीय स्थल Best Place For Travel To Rudurprayag In Hindi
अगस्त्यमुनि – रुद्रप्रयाग के प्रसिद्ध स्थानों में रुद्रप्रयाग का अगस्त्यमुनि सर्व प्रथम स्थान पर आता है दरअसल यह रुद्रप्रयाग से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पर एक मंदिर है जिसके बारे में बताया जाता है कि यहां पर ऋषि अगस्त्य ने कई वर्षों तक तपस्या की थी समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अगस्त्यमुनि मंदिर आसपास का प्रसिद्ध मंदिर है हर साल बैसाखी के अवसर यह बहुत बड़ा मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग यहां दूर-दूर से आते हैं और अपनी अच्छे भविष्य की कामना अपने इष्ट देव से करते हैं इसके आसपास की सुंदरता इतनी रोचक और आकर्षक है कि जो लोग यहां पधारते हैं उनका यहां बार-बार आने का मन करता है
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कोटेश्वर मंदिर – शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोटेश्वर मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर के रूप में जाना जाता है भगवान शिव जी को समर्पित यह मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे में बसा है इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि जब भगवान शिव जी केदारनाथ जा रहे थे तो तब इस जगह रुक कर शिवजी ने साधना की थी जिसके बाद यहां पर एक मूर्ति प्राकृतिक तरीके से निर्मित हुई, यदि आप लोग प्राकृतिक प्रेमी के साथ साथ भगवान शिव जी के भक्त है तो आपको रुद्रप्रयाग में स्थित कोटेश्वर मंदिर को अपने यात्रा सूची में जरूर सम्मिलित करना चाहिए
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त्रियुगी नारायण मंदिर – भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर रुद्रप्रयाग का जाना माना मंदिर के रूप में पहचान बनाई बैठा है इस मंदिर में भगवान विष्णु ,भूदेवी और लक्ष्मी देवी के साथ विराजमान है यह मंदिर केदारनाथ मंदिर की आधारशिला पर बना हुआ है इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि भगवान शिव जी और पार्वती जी का विवाह इसी मंदिर में हुआ था इसलिए यह मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है इस मंदिर की एक विशेषता है कि यहां पर सतत आग जो कि मंदिर के सामने जलती ही रहती है यह मंदिर सोनप्रयाग से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो की समुद्र तल से 1980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
उखीमठ – उखीमठ भारत के उत्तराखंड राज्य का प्रसिद्ध पर्यटक इस समय है जो कि रुद्रप्रयाग से एक 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है 311 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उखीमठ मंदिर में केदारनाथ की पूजा की जाती है क्योंकि सर्दियों में इन्हें केदारनाथ मंदिर से लाकर के यहां रखा जाता है और करीब 6 महीने तक केदारनाथ की पूजा इसी मंदिर में की जाती है इस जगह का नाम उखीमठ रखने के पीछे कारण है कि उषा और अनिरुद्ध की शादी यही संपन्न की गई थी जिसके कारण उषा के नाम इस जगह को उखीमठ कहा जाता है
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गुप्तकाशी – गुप्तकाशी ऋषिकेश से लगभग 178 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो कि उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में आता है यह केदारनाथ के यातायात को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है गुप्तकाशी में एक कौन है जिसके बारे में बताया जाता है कि इसमें दो जलधाराएं गिरती है जो कि बराबर मात्रा में गिरती है जो की गंगा और यमुना नाम से जानी जाती है इस कुंड का नाम मणिकर्णिका कुंड है इसके सामने विश्वनाथ का मंदिर भी है
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रुद्रप्रयाग घूमने का अच्छा समय Best Time To Travel in Rudurprayag
वैसे तो सभी पर्यटक यात्रा के लिए तभी जाते हैं जब उनकी नौकरी या स्कूल से छुट्टी होती है और उसका कोई सटीक समय नहीं रहता है लेकिन फिर भी तो रुद्रप्रयाग घूमने का समय के बारे में बात करें तो यदि मौसम को मध्य नजर रखे तो बता दे कि रुद्रप्रयाग उत्तराखंड में पाया जाता है जो कि पूरे वर्ष भर में ठंडा ही रहता है इसी शहर के तपती गर्मी से बचने के लिए दो-चार दिन और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करते हुए बिताना चाहते हैं तो मैं जून का महीना यहां की यात्रा का सही रहेगा और यदि आपको स्नोफॉल बर्फ देखने का शौक है तो आप दिसंबर जनवरी में यहां की यात्रा कर सकते हैं
रुद्रप्रयाग में रुकने के लिए होटल Hotels In Rudurprayag
रुपया की यात्रा करते समय आपको यहां कुछ दिन रुको ना हो तो हम आपको रोज दुनिया के सबसे अच्छे और सस्ते होटल के नाम बता देते हैं जो भी होटल आपको नजदीक और सस्ता लगे आप वहां रुक सकते हैं
- होटल मंदाकिनी
- मोनल रिजॉर्ट
- अनमोल होटल
- होटल ताज हिमालय
- होटल लव कुश
- ए आर रिजॉर्ट