हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज के नई लेख में। इसने हम आपको क़ुतुब मीनार के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। यदि आप लोग भारत के ऐतिहासिक जगह क़ुतुब मीनार के बारे में जानना चाहते हैं (Qutub Minar Information In Hindi ) या कुतुब मीनार यात्रा का प्लान(Qutub Minar yatra Plan) बना रहे हैं तो आपके लिए यह लेख आपकी यात्रा प्लानिंग में लाभदायक हो सकता है। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले।
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि पैसे तो कुतुब मीनार का निर्माण किसी एक शासक ने नहीं बल्कि समय के चलते इसमें परिवर्तन होते गए इसलिए इसे बनाने का श्रेया कई शासकों को जाता है। बताना चाहेंगे कि क़ुतुब मीनार का निर्माण कार्य क़ुतुब-उद-दिन ऐबक जी ने शुरू किया था। और इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण पूर्ण कार्य इल्तुतमिश जी ने करवाया था। प्राकृतिक आपदाओं के चलते हैं इसे कई बार अपना रूप परिवर्तन करना पड़ा लेकिन मौजूदा शासकों द्वारा उसी पुनः उसी रूप में बनाने का कार्य किया गया था।
अब सवाल यह भी उठता है कि आखिर कुतुब मीनार क्यों बनाया गया था। दोस्तों जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि किसी ऐतिहासिक स्मारक के निर्माण के पीछे कुछ ना कुछ वजह तो जरूर होती है ठीक उसी प्रकार से कुतुब मीनार के निर्माण के पीछे की वजह बताई जाती है कि ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण अफगानिस्तान में मौजूद जाम की मीनार से प्रेरित होकर कुतुबुद्दीन ऐबक ने उससे भी बड़ा मीनार बनाने की चाह रखी । शायद यही कारण है जिसके चलते 1193 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार का निर्माण कार्य शुरू करवाया जो कि आज ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है।
अक्सर लोगों द्वारा यह भी प्रश्न पूछा जाता है कि कुतुब मीनार में कितनी सीढ़ियां है। बताना चाहेंगे लाल ईंटों से बने सुंदर से यादगार स्मारक की ऊंचाई 72.5 मीटर है वही बात अगर गोलाई कि की जाए तो इसका गोलाई 14.3 मीटर है । इसमें कोई 378 सीढ़ियां बनाई गई है। मीनार के चारों तरफ बने हैं अहाते में भारतीय संस्कृति एवं कला से संबंधित उत्कृष्ट नमूने देखने को मिल जाते हैं।
भारत के प्रसिद्ध स्मारकों में शामिल कुतुबमीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर बताई जाती है। हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं कुतुबमीनार विश्व का सबसे ऊंचा मीनार के रूप में जाना जाता है बताना चाहेंगे कि कुतुबमीनार में कुल 379 सीढ़ियां बनाई गई है। दिल्ली में स्थित क़ुतुब मीनार अपने वास्तु और शिल्प कला के साथ-साथ अपने हास्य कला के लिए भी पूरी दुनिया भर में मशहूर है मैं केवल भारतीयों का बल्कि बाहर से आने वाले विदेशी पर्यटकों का भी आकर्षक स्थल बना हुआ है।
कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली जगह में पड़ता है। यदि बात की जाए कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन के बारे में तो बताना चाहेंगे कि उसका निकटतम मेट्रो स्टेशन कुतुब मीनार करता है जो कि दिल्ली मेट्रो की पीली लाइन के अंदर आता है। कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। मेट्रो से कुतुब मीनार के लिए स्थानीय रिक्शों के माध्यम से जाया जा सकता है।
दोस्तों बताना चाहेंगे कि क़ुतुब मीनार देखने के लिए यहां पर समय का प्रावधान रखा गया है। कुतुब मीनार घूमने का जो समय होता है या ये कहें की क़ुतुब मीनार खुलने का जो समय होता है। वह सुबह 7:00 बजे फिर मिलते हैं शाम के 5:00 बजे तक खुला रहता है। इस बीच आप यहां आ सकते हैं और कुतुब मीनार के दर्शन कर सकते हैं। वही देखे तो रविवार के दिन यहां सुबह 7:00 बजे से लेकर के रात्रि के 9:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। आप चाहे तो रविवार के दिन यहां के दर्शन कर सकते हैं। रविवार के दिन यहां पर भीड़ ज्यादा होती है|
बताना चाहेंगे कि कुतुब मीनार में प्रवेश के तौर पर शुल्क लिया जाता है। जोकि कुतुब मीनार के रखरखाव के लिए लिया जाता है। भारतीय प्रेरकों के लिए यहां पर ₹30 पर व्यक्ति के हिसाब से शुल्क लिया जाता है जबकि यदि बात की जाए विदेशी पर्यटक की तो जो विदेशों से आए पर्यटक होते हैं उनके लिए यहां पर प्रवेश शुल्क ₹500 रखा गया है।