हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आप की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं पूर्वी कामेेंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में, वैसे तो पूर्वी कामेेंग में घूमने लायक बहुत सी जगह है लेकिन आज हम केवल यहां के प्रसिद्ध जगहों के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही इसी लेख में हम यहां का स्थानीय खान पान के बारे में भी बात करने वाले हैं
पूर्वी कामेेंग भारत के पर्वतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश का एक जिला है चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा बनाने वाला पूर्वी कामेेंग का कुल क्षेत्रफल 4134 किलोमीटर है जोकि अरुणाचल प्रदेश के सबसे अधिक क्षेत्रफल वाले जिले में आता है सन 2011 की जनगणना के अनुसार पूर्वी कामेेंग जिले की कुल जनसंख्या लगभग 78690 के आसपास है पूर्वी कामेेंग का नाम पहले कामेेंग फ्रंटियर डिवीजन था जिसे बाद में पूर्वी कामेेंग कर दिया गया, स्थानीय परंपरा और रीति-रिवाजों से संजोते यहां के लोग बड़े ही कर्मठ और दयालु प्रवृत्ति के होते हैं जिले की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है यहां के लोग अधिक मात्रा में गेहूं और चावल का उत्पादन किया करते हैं और फलों की बागवानी भी यहां पर काफी अच्छी मात्रा में की जाती है बात की जाए जिले की स्थानीय भाषा की तो आपको बता दें कि पूर्वी कामेेंग की स्थानीय भाषा निशी है और अधिकांश लोग इसी भाषा का वार्तालाप के रूप में प्रयोग किया करते हैं लेकिन हिंदी भाषा का प्रयोग यहां पर प्रचुर मात्रा में किया जाता है प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह जिला न केवल अरुणाचल प्रदेश का एक पर्यटक स्थल है बल्कि पूरे भारत देश के साथ साथ यहां विदेशों से आने वाले सैलानियों के लिए भी एक दार्शनिक स्थल के रूप में जाना जाता है
पूर्वी कामेेंग की वेशभूषा पहनावा एक सामान्य रूप की हैं एक पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के लोग अपनी संस्कृति और रीति रिवाज के हिसाब से ही वस्त्र धारण किया करते हैं इसलिए यह एक अलग ही संस्कृति देखने को मिलती हैं अरुणाचल प्रदेश में महिलाएं और पुरुषों का पहना एक विशिष्ट प्रकार का है सामान्य दिनचर्या में वहां के लोग यहां के पुरुषों का पहनावा एक लूंगी और एक झबला नुमा वस्त्र होता है जो कि उसे वह कमर से ऊपरी भाग पर पहना करते हैं इसके अलावा यहां के लोग वर्ष के महोत्सव और उत्सव पर पूरे अपने वेशभूषा में आते हैं और इसी के साथ ही वहां अपने आकर्षण आभूषणों के साथ सजे धजे होते हैं जिससे वह पूरी तरह अपर पूर्वी कामेेंग की निवासी लगते हैं
जिस प्रकार से पूर्वी कामेेंग की संस्कृति और पहनाव खास है ठीक इसी प्रकार से यहां के खाने के व्यंजनों का स्वाद भी अपने आप में कम प्रसिद्ध नहीं है यहां पर जो भोजन का प्रयोग किया जाता है कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी होता है यहां के स्थानीय सामग्री का स्वाद ही कुछ अलग है यहां पर दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट खाने के साथ होती है जिसमें वह खोरा और पोचा का इस्तेमाल किया करते हैं चावल यहां की भोजनों के ब्यंजनो में मुख्य अंग है इसके बिना सभी व्यंजन अधूरे हैं और यहां के चावल भी काफी स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें एक अलग ही विधि द्वारा पकड़ा जाता है और खुल्लम संस्करण चावल बनाने का एक प्रचलित तरीका है दिन के खाने में यहां पर करी अंडा दाल तड़का और चावल के साथ साथ पीका पीला और थूपका खाना काफी स्वादिष्ट और प्रसिद्ध भी हैं रात्रि के भोजन में यहां पर रोटी सब्जी के अलावा वह वूंग वूत नगम, पिहक ,पाशा और नेक टॉक आदि व्यंजन सम्मिलित हैं
- पापू घाटी
- सेजोसा
- अभ्यारण
- तीन घाटियां
सेजोसा – पूर्वी कामेेंग की यात्रा के उपरांत आप अपनी यात्रा सूची में सेजोसा को भी जोड़ सकते है वैसे तो यह जगह देखने लायक है ही लेकिन आपको बता दे की स्थानीय लोगों द्वारा यहां पर शाम के समय में भजन के रूप में प्रयोग किया जाता है जहां पर फल एवं सब्जियों के साथ-साथ कपड़े भी बेचे जाते हैं जो लोग प्रकृति प्रेमी हैं और प्रकृति से जुड़ाव रखते हैं उनके लिए यह एक अच्छी जगह है आसपास का खूबसूरत मौसम और जून के महीने में चल रही सदाबहार पेड़ों की ठंडी हवा आपको कहीं ना कहीं सुकून के दो पल बिताने के लिए मजबूर कर देगी, पूर्वी कामेेंग की यात्रा के दौरान आपको इस स्थान के दर्शन जरूर करनी चाहिए
अभ्यारण – अरुणाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है जो कि प्रकृति के ऊपर हमेशा ही कार्य करता रहता है इसी अंदाज में पूर्वी कामेेंग मैं स्थित अभयरण्य आपको वन्य जीव के कई प्रजातियों के दर्शन कराने वाला है यहां आपको विलुप्त प्रजातियों के साथ-साथ लगभग हर मौसम में मिलने वाले जंगली जानवर देखने को मिल जाते हैं चिड़िययों की मधुर ध्वनि आपकी यात्रा को और खूबसूरत बनाने वाली है दर्शन हम बात कर रहे हैं पाखुई वन्य जीव अभ्यारण के बारे में, जहां की यात्रा करना एक बेहद खूबसूरत और रोमांच भरा होने के साथ-साथ यादगार भी रहने वाला है,
तीन घाटियां – पूर्वी कामेेंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल मैं तीन घाटियां जगह का नाम भी काफी प्रसिद्ध है सड़क के किनारे बसें यह तीन घाटियां पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है क्योंकि यहां से बहने वाली नदी और धान के हरे भरे खेतों का देखने का जो दृश्य होता है वह आपको अंदर से तरोताजा करने वाला है खूबसूरत पहाड़ियों के बीच में स्थित यहां घाटियां पक्के घाटी, पप्पू घाटी और पासा घाटी के नाम से जाने जाते हैं पर्वत की चोटी पर स्थित होने के कारण यहां से आपको सूर्य अस्त और सूर्य उदय के शानदार दृश्य देखने को मिल जाते हैं
दोस्तों पूर्वी कामेेंग की यात्रा के उपरांत आपके यहां के दार्शनिक स्थलों की सैर करने के बावजूद भी हम आपको कुछ ऐसे कीजिए बता रहे हैं जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं और हो सकता है यह चीजें करने में भी काफी सस्ती और सरल भी हो सकती हैं और आपको एक बात और बता दें कि यह सारी गतिविधियां समय के अनुकूल परिवर्तित होती रहती हैं
- बाइक सवार
- कैंपिंग
- क्लाइंबिंग
- एडवेंचर
- स्नो स्पोर्ट्स
- पैराग्लाइडिंग
- घुड़सवारी
दोस्तों अभी तक हम पूर्वी कामेेंग के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम पूर्वी कामेेंग में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा , यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां हो ना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो पूर्वी कामेेंग में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं,
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको अपर पूर्वी कामेेंग में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों में रहकर आप अपर पूर्वी कामेेंग के स्थानीय खानपान का आनंद लेना बिल्कुल भी ना भूलें,
- दीवाना होटल
- दुदा टूरिस्ट लॉज
- होटल बुद्धा