हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आप की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं पापुम पारें के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में, वैसे तो पापुम पारें में घूमने लायक बहुत सी जगह है लेकिन आज हम केवल यहां के प्रसिद्ध जगहों के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही इसी लेख में हम यहां का स्थानीय खान पान के बारे में भी बात करने वाले हैं
पापुम पारें भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य का एक जिला है जिसका गठन 1999 में हुआ था जोकि आबादी की दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा जिला है 2875 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ पापुम पारें जिला परंपरा और संस्कृति के तौर पर तो प्रसिद्ध है ही साथ ही यहां अरुणाचल प्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है जिले की कुल जनसंख्या सन 2011 के अनुसार 176573 है प्राकृतिक सुंदरता और आसपास का खूबसूरत वातावरण यहां आए पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है जिले में मुख्य रूप से स्थानीय भाषा के साथ-साथ हिंदी भाषा का भी वार्तालाप के रूप में प्रयोग किया जाता है और यहां के लोगों का आय का मुख्य साधन कृषि है कृषि के द्वारा ही लोग अपनी आजीविका उत्पन्न किया करते हैं
पापुम पारें की वेशभूषा पहनावा एक सामान्य रूप की हैं एक पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के लोग अपनी संस्कृति और रीति रिवाज के हिसाब से ही वस्त्र धारण किया करते हैं इसलिए यह एक अलग ही संस्कृति देखने को मिलती हैं अरुणाचल प्रदेश में महिलाएं और पुरुषों का पहना एक विशिष्ट प्रकार का है सामान्य दिनचर्या में वहां के लोग यहां के पुरुषों का पहनावा एक लूंगी और एक झबला नुमा वस्त्र होता है जो कि उसे वह कमर से ऊपरी भाग पर पहना करते हैं इसके अलावा यहां के लोग वर्ष के महोत्सव और उत्सव पर पूरे अपने वेशभूषा में आते हैं और इसी के साथ ही वहां अपने आकर्षण आभूषणों के साथ सजे धजे होते हैं जिससे वह पूरी तरह पापुम पारें की निवासी लगते हैं
जिस प्रकार से पापुम पारें की संस्कृति और पहनाव खास है ठीक इसी प्रकार से यहां के खाने के व्यंजनों का स्वाद भी अपने आप में कम प्रसिद्ध नहीं है यहां पर जो भोजन का प्रयोग किया जाता है कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी होता है यहां के स्थानीय सामग्री का स्वाद ही कुछ अलग है यहां पर दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट खाने के साथ होती है जिसमें वह खोरा और पोचा का इस्तेमाल किया करते हैं चावल यहां की भोजनों के ब्यंजनो में मुख्य अंग है इसके बिना सभी व्यंजन अधूरे हैं और यहां के चावल भी काफी स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें एक अलग ही विधि द्वारा पकड़ा जाता है और खुल्लम संस्करण चावल बनाने का एक प्रचलित तरीका है दिन के खाने में यहां पर करी अंडा दाल तड़का और चावल के साथ साथ पीका पीला और थूपका खाना काफी स्वादिष्ट और प्रसिद्ध भी हैं रात्रि के भोजन में यहां पर रोटी सब्जी के अलावा वह वूंग वूत नगम, पिहक ,पाशा और नेक टॉक आदि व्यंजन सम्मिलित हैं
- थेरवाद बौद्ध मंदिर
- गेट्सलिंग मठ
- ईटा किला
- गेकर सियिंग
- ईटानगर वन्य जीव अभ्यारण
थेरवाद बौद्ध मंदिर – पापुम पारें के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की सूची में थेरवाद बौद्ध मंदिर का नाम भी कम प्रसिद्ध नहीं है श्रद्धा भक्ति और आस्था का प्रतीक यह बौद्ध स्थल वीआईपी कॉलोनी में स्थित है अपने आकर्षक वास्तु और शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर प्राकृतिक सुंदरता के लिहाज से भी काफी खूबसूरत हैं यहां से आपको आसपास के पहाड़ों का खूबसूरत व्यू और सदा बहार पेड़ों की ठंडी छांव में बैठने का मौका एक अलग ही ताजगी प्रदान करती है यदि आप इस बौद्ध मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो यहां ईटानगर से कुछ ही दूरी पर स्थित है आप आसानी से पहुंच सकते हैं
गेट्सलिंग मठ – पहाड़ों की खूबसूरत हसीन वादियों के बीच में स्थित गेट्सलिंग मठ ईटानगर से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आकर्षण का कारण बनी यहां के मठ का निर्माण दलाई लामा ने स्वयं की थी अपनी खूबसूरत शिल्प कला और वास्तुकला से हजारों लोगों को आकर्षित करती इस खूबसूरत जगह में पहुंचने के लिए आपको पहाड़ों की खूबसूरत रास्तों से गुजरना पड़ सकता है सफल थोड़ा हसीन और सहासिक होने वाला है इसलिए इस यात्रा मैं अपने दोस्तों को जरूर शामिल करें ताकि उनके साथ कुछ यादगार और सुकून के पल आप यहां बैठ कर बिता सकें,
ईटा किला – पहाड़ों की खूबसूरत शाम और ईटा किला का नाम पापुम पारें के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के रूप में दिया जाता है ईटानगर में स्थित एटा का किला न केवल पापुम पारें का एक दार्शनिक स्थल है बल्कि यह अरुणाचल प्रदेश के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक हैं अपने इतिहास को व्यक्त करती केले की खूबसूरत बनावट आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है इसका निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था जोकि अरुणाचल प्रदेश के सबसे पुराने किलों में से एक हैं आसपास का खूबसूरत वातावरण और पहाड़ों के बीच मैं बसे इस किले को देखने आज भी हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आया करते हैं
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गेकर सियिंग – गेकर सियिंग जिसे गंगा झील के नाम से भी जाना जाता है पर्वतों की हसीन वादियों के बीच में स्थित यह खूबसूरत झील अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध झीलों में से एक है सुकून के दो हसीन पल बिताने हो और साथ में झील के बहते पानी की खूबसूरत ध्वनि का आनंद लेना हो तो आपको गेकर सियिंग की दर्शन जरूर करनी चाहिए, यहां करब प्रकृति के समीप होकर वोटिंग का लुफ्त भी उठा सकते हैं यह जगह अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में स्थित है
ईटानगर वन्य जीव अभ्यारण – पापुम पारें के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की सूची में ईटानगर वन्य जीव अभ्यारण का नाम भी काफी प्रसिद्ध है प्रकृति प्रेमी के लिए यह यह अच्छा यात्रा गंतव्य होने वाला है यहां पर आपको जानवरों की विभिन्न प्रजातियों के साथ-साथ पशु पक्षियों के भी कई प्रजातियां देखने को मिल जाती है जैसे चीता, शेर ,लोमड़ी भालू, हाथी, आदि एक विशाल क्षेत्र में फैले इस खूबसूरत अभ्यारण के चारों तरफ आपको सदाबहार पेड़ों की विभिन्न वनस्पतियां देखने को मिल जाती है
दोस्तों पापुम पारें की यात्रा के उपरांत आपके यहां के दार्शनिक स्थलों की सैर करने के बावजूद भी हम आपको कुछ ऐसे कीजिए बता रहे हैं जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं और हो सकता है यह चीजें करने में भी काफी सस्ती और सरल भी हो सकती हैं और आपको एक बात और बता दें कि यह सारी गतिविधियां समय के अनुकूल परिवर्तित होती रहती हैं
- बाइक सवार
- कैंपिंग
- क्लाइंबिंग
- एडवेंचर
- स्नो स्पोर्ट्स
- पैराग्लाइडिंग
- घुड़सवारी
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको पापुम पारें में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों में रहकर आप पापुम पारें के स्थानीय खानपान का आनंद लेना बिल्कुल भी ना भूलें,
- होटल सिग्नेट
- होटल राहजिंग सन
- ईटानगर गेस्ट हाउस
- होटल गोल्डन आर्किड