चंडी देवी मंदिर हरिद्वार, Maa Chandi Devi Temple Haridwar

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध मंदिर चंडी देवी मंदिर हरिद्वार के बारे में. जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि मां चंडी देवी का मंदिर उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो कि पवित्र नगरी हरिद्वार में स्थित है। इस लेख के माध्यम से हम आपको चंडी देवी मंदिर हरिद्वार घूमने का समय और चंडी देवी मंदिर हरिद्वार का इतिहास के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आशा करते हैं कि आपको यह लेख जरूर पसंद आएगा।

चंडी देवी मंदिर हरिद्वार के बारे में. Maa Chandi Devi Temple Haridwar

चंडी देवी मंदिर उत्तराखंड राज्य के पवित्र नगरी हरिद्वार में स्थित है । शिवालिक पर्वत की खूबसूरत चोटी पर बनाए हैं मंदिर हरिद्वार से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक ऐतिहासिक महत्व के साथ यह मंदिर यह मंदिर उत्तराखंड में बहुत प्रसिद्ध है। जैसा कि हम सभी लोग जानते ही हैं कि हरिद्वार एक तीर्थ नगरी के रूप में भी जानी जाती है जोकि वर्ष भर में लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मां चंडी देवी का मंदिर भी उन्हें पवित्र एवं पर्यटन स्थलों में से एक है जहां पर हर साल हजारों की संख्या में भक्तगण दर्शन किया करते हैं। यह मंदिर हरिद्वार के पंचतीर्थ यानी कि 5 तीर्थ में से एक हैं। मंदिर के बारे में एक रहस्यमई तथ्य यह भी बताया जाता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से कामना करते हैं भगवान उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं। चलिए आगे मंदिर का इतिहास एवं यात्रा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानते हैं।

चंडी देवी मंदिर का इतिहास. History of Chandi devi Temple

मां चंडी देवी का मंदिर एक ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व रखता है। पौराणिक महत्व के अनुसार जो भी भक्त यहां पर सच्चे मन से कामना करते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती हैं। खूबसूरत शिवालिक पहाड़ की चोटी पर बने चंडी देवी मंदिर के निर्माण विषय में बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण 1929 में कश्मीर के राजा सुच्चत सिंह ने करवाया था।

जबकि मंदिर के पौराणिक इतिहास के बारे में मान्यता है कि पौराणिक समय में शुम्भ और नि शुम्भ नाम के राक्षस रहते थे। जिन्होंने देवताओं के राजा इंद्र देव के राज्य पर कब्जा कर लिया। शुम्भ और नि शुम्भ दोनों के वध करने के लिए सभी देवताओं के गहन प्रार्थना के बाद माता पार्वती ने मां चंडिका के रूप में दर्शन दिए। मां पार्वती ने दोनों राक्षसों का वध किया और मां चंडीका कुछ देर उस स्थान पर रुकी। जहां पर मां चंडिका ने विश्राम किया वहां पर मंदिर बनाया गया जिसे चंडी देवी के नाम से जाना जाता है।

मां चंडी देवी मंदिर पूजा समय. Pooja Timing In Chandi Devi temple

दोस्तों पवित्र मंदिर मां चंडी देवी में पूजा समय के बारे में जानने के लिए हर एक दर्शनार्थी बेकरार है क्योंकि वहां मंदिर में पूजा करना चाहते हैं। बताना चाहेंगे कि मंदिर का संचालन महंत द्वारा किया जाता है । मंदिर सुबह 5:00 बजे खुल जाता है एवं रात्रि के 8:00 बजे यह बंद हो जाता है। प्रातः वंदन मंदिर के खुलते ही कुछ समय बाद मां चंडी देवी की आरती की जाती है जिसके बाद यहां पर दिनभर पूजा-पाठ एवं दर्शन का कार्य होता रहता है।

मां चंडी देवी मंदिर हरिद्वार जाने का समय. Time To visit In Chandi Devi Temple Haridwar

दोस्तों वैसे तो मंदिर भक्तों के लिए हमेशा खुला रहता है लेकिन यदि मंदिर यात्रा का समय के बारे में बात करें तो बताना चाहेंगे कि अगस्त से लेकर नवंबर माह तक हरिद्वार का मौसम अच्छा बना रहता है। इस समय खूबसूरत मौसम के साथ प्रकृति के शानदार देखे जा सकते हैं। ना तो गर्मी का मौसम रहता है और ना ही ठंडी का। इसलिए इस समय मां चंडी देवी मंदिर के दर्शन करना अनुकूल हो सकता है। बाद के महीनों में ठंड ज्यादा बढ़ जाती है जिससे आने जाने में समस्या हो सकती है।

मां चंडी देवी मंदिर रोपवे टिकट 2022 – 23. Chandi Devi Ropway Ticket 2022-23

मां चंडी देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे बनाए गए हैं।‌ इस रोपवे को स्थानीय भाषा में उड़न खटोला के नाम से जाना जाता है । रोपवे के माध्यम से मंदिर पहुंचने में 5 से 10 मिनट लग सकते हैं। लेकिन आपको एक बार कॉल बताना चाहेंगे कि रोपवे के माध्यम से मंदिर पहुंचने में भले ही 10 मिनट का समय लगे लेकिन इसके लिए एक लंबी कतार से होकर गुजरना पड़ता है जहां पर थोड़ा सा समय लगना स्वाभाविक है। वही टिकट शुल्क की बात करें तो चंडी देवी मंदिर हरिद्वार रोपवे का किराया ₹102 है। जो के समय के साथ बढ़ भी सकता है।

मां चंडी देवी मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य. Fact about Maa Chandi Devi Temple Haridwar

हर वर्ष अश्विन और चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र में मां चंडी देवी का विशेष समारोह मनाया जाता है।

मनसा और चंडी देवी मां पार्वती के दो रूप माने जाते हैं जो कि हमेशा एक दूसरे के करीब रहते हैं।

शिवालिक पहाड़ी पर स्थित मां चंडी मंदिर पहाड़ के मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती है।

जब मंदिर में पूजा होती है तो ब्राह्मण के द्वारा पूजा स्थल को गोबर और मिट्टी से लिपाई करके कलश की स्थापना की जाती है।

चंडी देवी मंदिर कैसे पहुंचे. How To Reach Chandi Devi Temple Haridwar

मां चंडी देवी मंदिर हरिद्वार से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मंदिर भले ही पहाड़ की चोटी पर स्थित है लेकिन मंदिर में दर्शन के लिए पूरी सुविधाएं बनाई गई है हरिद्वार से मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे बनाए गए हैं उन के माध्यम से दर्शनार्थी आराम से चंडी देवी मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यदि आप बस के माध्यम से हरिद्वार पहुंचना चाहते हैं तो यह देश के सभी कौनो से संपर्क रखता है आप आराम से बस के माध्यम से हरिद्वार पहुंच सकते हैं।

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