दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में. जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते ही हैं कि हमारे ब्लॉग पर आपको हर हफ्ते एक नई पोस्ट महत्वपूर्ण जानकारी के साथ साझा मिलती हैं| जो हमारे नियमित पाठक हैं उन्हें उन्हें पता होगा कि महीने में दो लेख यात्रा प्लानिंग के लिए मिलते हैं और उसी कि श्रेणी में आज हम लाए हैं आपके लिए लखीमपुर के दार्शनिक स्थलों ( Lakhimpur me ghumne ki jagah ) के बारे में जानकारी . वैसे तो लखीमपुर में घूमने के लिए बहुत सारे जगह हैं लेकिन आज की पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां के बारे में बहुत कम लोगों को पता है और उस जगह को एक्सप्लोर करके आप अपनी एक खूबसूरत यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आएगी इसलिए इसे लास्ट तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले|
lakhimpur, creative Commons, License-(CC BY – SA 3.0) |
प्रकृति की खूबसूरत वादियों के बीच में बसा लखीमपुर भारत के असम राज्य का एक जिला है जो की यहां के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों (Lakhimpur tourist attractions in hindi )के लिए जाना जाता है भौगोलिक स्थिति की बात की जाए तो जिले का कुल क्षेत्रफल 10 वर्ग किलोमीटर है शुद्ध ताजी आबोहवा इसे और अधिक खूबसूरत बनाती है पहाड़ों की रोमांस भरे रास्ते और सुंदर यहां के मनोरम दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, लोगों का भोलापन और अपनापन का एहसास यहां के स्थानीय लोगों में ज्यादा पाई जाती हैं . वैसे तो यहां की जनसंख्या काफी अधिक है लेकिन आंकड़ों की बात करें तो सन 2021 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 1202209 ( Popularty of Lakhimpur) है वही यात्रा के दौरान आपको एक और बात का पता होना चाहिए कि ( Lakhimpur ki bhasa) असम में असमिया भाषा के अलावा बंगाली भाषा भी बोली जाती है इसलिए लखीमपुर कि लोग भी असमिया भाषा का प्रयोग अधिक किया करते हैं लेकिन हिंदी भाषा का प्रयोग भी शहरी और बाजार क्षेत्र में की जाती है एक कृषि प्रधान जिला होने के कारण लखीमपुर का मुख्य व्यवसाय कृषि हैं कृषि पर ही अधिकांश जनसंख्या निर्भर है और अपना जीवन यापन कर रही है|
लखीमपुर के दर्शनीय स्थल,Lakhimpur Attractions
- गांधी पार्क
- मिलरॉय अभयारण्य
- लेटेकु पुखुरी
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मिलरॉय अभयारण्य – 49 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में पहला एक खूबसूरत सा वन्य जीव अभ्यारण जिसे मिलरॉय अभयारण्य के नाम से जाना जाता है लखीमपुर का खूबसूरत जगहों इस जगह का नाम काफी प्रचलित है, पृथ्वी के स्वर्ग कहलाने वाली यह इस जगह में आपको पशु पक्षियों के विभिन्न प्रजातियों के साथ-साथ तरह-तरह की वनस्पतियां यहां पाई जाती हैं, यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको इस खूबसूरत सी जगह के दर्शन जरूर करना चाहिए|
लेटेकु पुखुरी – माधव देव के जन्म स्थल के रूप में प्रसिद्ध लेटेकु पुखुरी उन जगहों में से एक है जहां पर पर्यटक यात्रा के लिए आया करते हैं और सदाबहार यादें अपने साथ ले जाया करते हैं, लखीमपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह खूबसूरत स्थान ऐतिहासिक तौर तो काफी प्रसिद्ध है ही यात्रा के लिए भी अच्छा विकल्प है , प्राकृतिक सुंदरता और आसपास की ताजी आवोहवा मंत्रमुग्ध कर देने वाले खूबसूरत से दृश्य कहीं ना कहीं आपको दोबारा आने के लिए मजबूर करने वाले हैं इसके पास में स्थित झील के सामने आप फोटो खींचाना बिल्कुल भी ना भुले|
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लखीमपुर का प्रसिद्ध खानपान, Famous food of Lakhimpur
दोस्तों लखीमपुर मैं यात्रा के दौरान आपको विश्राम के लिए होटल और खाने के लिए एक शुद्ध और स्वादिष्ट खानपान चाहिए होता है , सफर का मजा तभी आता है जब वहा के स्थानीय खान पान का आंनद लिया जाए, स्वाद के शौकीन लोगों के लिए लखीमपुर का स्थानीय खान पान ( Lakhimpur ka khaanpaan ) कही न कही उनके मुंह में पानी लाने वाला है, यहां के स्थानीय मसालों द्वारा और पारंपरिक तरीकों से बनाया गया चट पटा खाना आपको यहां दुबारा आने के लिए बेताब करने वाला है, जिस तरह हर राज्य के अलग अलग भोजन के व्यंजन होते हैं ठीक उसी प्रकार से लखीमपुर के भी अलग अलग भोजन के व्यंजन है जो कि यहां के प्रसिद्ध खानपान की श्रेणी में आते हैं और आपको कहीं ना कहीं ये भोजन के व्यंजन जरूर पसंद आने वाले है मांसाहारी हो या शाकाहारी दोनों तरह के व्यंजन यहां काफी बनाएं जाते है हम आपको लखीमपुर के खानपान के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में ( Lakhimpur ke vyanjan )बताने वाले हैं जो कि आपको लखीमपुर की यात्रा के दौरान मदद करेगी और आप आसानी से किसी भी व्यंजन के स्वाद का आनंद ले सकते हैं|
मासोर टेंगा – मासोर टेंगा लखीमपुर की सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खानपान में से एक हैं नॉन वेजिटेरियन खाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छी डिश होने वाली है , मासोर टेंगा मैं नींबू से बने शोरबा को धीमी आंच में पकाया जाता है जो कि खाने में काफी स्वादिष्ट और चटपटा होता है|
पारो मांशो – कबूतर के मांस से बनने वाली यह प्रसिद्ध असमिया डिश लोगों को काफी पसंद आती है, खास विधि और स्थानीय मसालों द्वारा बनी यह स्वादिष्ट डिश सर्दियों के समय में ठंड से बचने के लिए अधिक लोगों द्वारा खाया जाता है अपनी चटपटे स्वाद के लिए प्रसिद्ध यह डिश यहां आएं पर्यटकों द्वारा भी काफी पसंद की जाती है|
आलू पिटिका – रात के खाने में लखीमपुर के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा बार खाए जाने वाला रात्रि संस्करण आलू पिटिका है जिसे मैश किए गए आलू की सहायता से बनाया जाता है, साधारण सा दिखने वाली यह डिश सरसों के तेल से चोंखा जाता है और दाल चावल के साथ इसे साइड डिश के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके स्वाद को बढ़ाने और खूबसूरत दिखने के लिए इसे हरे कटे हुए धनिया से सजाया जाता है|
ऊ खट्टा – मुंह के स्वाद को शिखर तक पहुंचाने के लिए लखीमपुर की चटपटी और मीठी चटनी जिसे ऊ खट्टा के नाम से जाना जाता है यहां की लोकप्रिय खानपान में से एक है ,समानता है इसे दाल चावल और रोटी सब्जी के साथ खाया जाता है इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है|
खार – लखीमपुर की लोकप्रिय डिश में शामिल खार एक नॉन वेजिटेरियन डिश है जिसे खार और दालें के साथ साथ कच्चा पपीता के मिक्सर से बनाया जाता है जो की इसके स्वाद को और अधिक बढ़ा देता है, खास तौर पर इस डिश को चावल के साथ ख़ाना ज्यादा पसंद किया जाता है|
- होटल सरोज कृष्णा
- लखिमपुर होटल
- नारायणा होटल
- होटल सरना
- होटल आशीर्वाद
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