करवा चौथ का व्रत || Karwa Chouth Ka Vart 2023

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज के नई पोस्ट में जिसमें हम करवा चौथ का व्रत के बारे में जानकारी देने वाले हैं इस आर्टिकल को शुरुआत से लेकर अंत तक पड़ेगा| क्योंकि इसी आर्टिकल में हम आपको करवा चौथ का व्रत से संबंधित सभी बातों का जवाब देने वाले हैं जैसे कि करवा चौथ का व्रत की विधि और करवा चौथ क्यों मनाया जाता है होंगे कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारी दो प्लीज बने रहे हमारे साथ अंत तक|

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करवा चौथ का व्रत
करवा चौथ का व्रत हिंदू महिलाओं का प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है पहले शुरुआत में इस त्यौहार को भारत देश के कुछ कुछ राज्यों में ही मनाया जाता था | लेकिन आज के दौर में करवा चौथ का व्रत सभी महिलाएं रखती हैं चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र से निवास करती है या शहरी क्षेत्र से आजकल हर जगह की महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखा करती है 
 
करवा चौथ का व्रत हर वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है| यह पर्व मनाने का सौभाग्य केवल सुहागिन महिलाएं को होता है| यह व्रत सुहागिन  अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए हर वर्ष रखती है| बताया जाता है कि यह व्रत 12 से तथा 16 वर्षों तक लगातार हर नए साल में रखा जाता है| 
 
12 तथा 16 वर्षों तक की अवधि पूर्ण होने के बाद व्रत को उपसंहार किया जाता है यदि उसके बाद भी महिलाएं इस व्रत को जीवन भर तक हर साल रखना चाहे तो है रख सकती हैं| दोस्तों करवा चौथ का व्रत के बारे में तो हम जानी चुके हैं आगे बढ़ते हैं और यह भी जान लेते हैं कि आखिर करवा चौथ व्रत क्यों रखा जाता है|
क्यों मनाया जाता है करवा चौथ का व्रत

क्यों मनाया जाता है करवा चौथ का व्रत शायद से यह सवाल सभी महिलाओं और कई पुरुषों के दिमाग में आता होगा और वह इस प्रश्न के उत्तर जानने के लिए उतावले भी होते होंगे तो चलिए ज्यादा देर न  लगाते हुए इस प्रश्न का जवाब भी ढूंढ लेते हैं| 

 
आमतौर पर करवा चौथ व्रत रखने के पीछे सभी सुहागिनों का यही सच होता है कि वह अपने सुहागन की दीर्घायु के लिए व्रत रखते हैं| पौराणिक कथाओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत रखने के पीछे बताया जाता है कि जब सावित्री के पति सत्यवान की आत्मा को लेने के लिए यमराज जी आए थे| तो सावित्री जी ने अपने पति के प्राणों की जाने बचाने के लिए निवेदन किया लेकिन यमराज जी ने साफ-साफ इंकार कर दिया| 
 
लेकिन स्त्रियो को त्यागता का वरदान हमेशा से ही मिला है| यही कारण है कि जब कोई स्त्री किसी काम करती हैं तो वह अपने संपूर्ण तन मन और धन से करती हैं| और यही वह चीज है जो स्त्रियों को शक्ति और देवी के रूप में पहचान देती हैं| फिर सावित्री जी ने अपने पति के प्राणों की रक्षा के लिए अन जल का त्याग कर दिया और अपने पति के शरीर के पास बिलाप करने लगी| 
 
यमराज जी इसी पवित्रता को देखते हुए विचलित हो गए और उन्होंने सावित्री जी से कहा कि आप अपने पति के जीवन के अलावा कोई एक वरदान मांग लो| सावित्री जी ने यमराज से वरदान के तौर पर मांगा कि वह कई संतानों की मां बनने के लिए वरदान दे इस बात को यमराज जी ने हां कह दिया और सावित्री को वरदान दिया कि आप कई संतानों की मां बनोगी| 
 
लेकिन सावित्री जी की पवित्रता इतनी मजबूती कि अपने पति के अलावा दूसरे पुरुष के बारे में सोचना उनके लिए पाप के समान था और अंत में वचन में बंधन होने के कारण यमराज सावित्री के पति सत्यवान के प्राण नहीं ले जा सके और तब से ही महिलाएं के अन जल के त्याग से ही अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुई करवा चौथ का व्रत रखा करती है|
करवा चौथ व्रत विधि

दोस्तों  करवा चौथ व्रत और करवा चौथ व्रत क्यों मनाया जाता है| इस बात को तो हम समझ चुके हैं और अब चलिए यह भी जान लेते हैं कि करवा चौथ का व्रत की विधि क्या-क्या होती है और किस तरह से करवा चौथ का व्रत रखा जाता है|

 
करवा चौथ के दिन सभी सुहागिन स्त्री अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है चंद्रमा के साथ-साथ भगवान शिव जी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है और उनसे अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना करते हैं चलिए अब जान लेते हैं करवा चौथ का व्रत के दिन की शुरुआत कैसे होती हैं सबसे पहले तो अपने दिन की शुरुआत सुबह 6:00 बजे उठकर नहाने से करें इसके बाद आप नीचे दिए गए बिंदुओं के अनुसार अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं
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  1. सुबह सुबह स्नान करके इस मंत्र का संकल्प करके करवा चौथ व्रत की शुरुआत करें – मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुथीज़् व्रतमहं करिष्ये 
  2. इस दिन आपको पूरे दिन भूखा रहना इसलिए निर्जल का संकल्प लें
  3. पूजा के लिए एक मिट्टी के विधि पर सभी देवताओं की स्थापना करके उसमें करवा पर रख ले
  4. एक थाली ले ले उसमें धूप, दीप, चंदन, रोली ,सिंदूर के साथ घी का दिया जला के रख ले,
  5. चांद निकलने से 1 घंटे पहले ही पूजा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए
  6. पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि सभी स्त्रियां एकत्रित होकर करवा चौथ की कथा को जरुर सुने या दूसरों को सुनाएं
  7. करवा चौथ की कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासू मां के पैर छूकर आशीर्वाद ले और वह करवा होने दे दे,
  8. चांद को छलनी से देखें और अधार्य देकर चंद्रमा की पूजा करें
  9. उसके बाद पति के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद ले और साथ में मिलकर भोजन करें
करवा चौथ का व्रत  कब है 2022 

दोस्तों करवा चौथ का व्रत हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर मनाया जाता है और 2022 में करवा चौथ 13अक्टूबर 2022 को रविवार के दिन आ रहा हैं|

करवा चौथ व्रत का समय – 05:46 PM से 6:50 PM

दोस्तों यह थी करवा चौथ व्रत के बारे में जानकारी और हमें आशा है कि आप को करवा चौथ व्रत के बारे में जानकारी मिल गई होंगी| यह पोस्ट आपको कैसी लगी हमें कमेंट के माध्यम से बताएं और यदि आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी इस जानकारी को जरूर साझा करें|

 

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