दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में, जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते ही हैं कि हमारे ब्लॉग पर आपको हर हफ्ते एक नई पोस्ट महत्वपूर्ण जानकारी के साथ साझा मिलती हैं जो हमारे नियमित पाठक हैं उन्हें उन्हें पता होगा कि महीने में दो लेख यात्रा प्लानिंग के लिए मिलते हैं और उसी कि श्रेणी में आज हम लाए हैं आपके लिए दीमा हसाओ की दार्शनिक स्थलों के बारे में जानकारी वैसे तो दीमा हसाओ में घूमने के लिए बहुत सारे जगह हैं लेकिन आज की पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां के बारे में बहुत कम लोगों को पता है और उस जगह को एक्सप्लोर करके आप अपनी एक खूबसूरत यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आएगी इसलिए इसे लास्ट तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले|
भारत की संस्कृति और परंपरा में भागीदारी निभाने वाला प्रसिद्ध राज्य असम न केवल अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है बल्कि प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह राज्य पर्यटक स्थल बना हुआ है इसमें बसे खूबसूरत से हिल स्टेशन और पर्यटक स्थल आज भी खूबसूरत दृश्य प्रदान करती है असम का खूबसूरत सा जिला दीमा हसाओ का नाम भी भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की श्रेणी में लिया जाता है दीमा हसाओ आज भी लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है समुद्रतल से 513 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दीमा हसाओ जनसंख्या की दृष्टि से भी काफी विस्तृत जिला हैं सन 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 214,102 हैं वही देखे तो संपूर्ण जिला लगभग 4,890 किलोमीटर स्क्वायर क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिल्ले में मुख्य रूप से असमिया भाषा बोली जाती है लेकिन देश के अन्य राज्यों से आए लोगों द्वारा हिंदी भाषा का प्रयोग भी प्रचुर मात्रा में किया जाता है |
khobak village, creative Commons, License-(CC BY – SA 3.0) |
- हाजोंग झील
- जातीय गांव
- पनीमूर
- लेकुल
जातीय गांव – दीमा हसाओ के प्रसिद्ध आकर्षक स्थानों की सूची में जातियां गांव का नाम भी पर्यटक को की जुबान से दूर नहीं रहता है अपने प्राकृतिक सुंदरता और मनमोहक दृश्य प्रदान करता जातीय गांव दीमा हसाओ के सभी गांव में से एक हैं क्योंकि इस गांव का एक अनोखा तथ्य इसे सभी गांव में से अलग पहचान दिलाता है बता दे की हर साल मानसून के महीने में यहां पर काफी अधिक संख्या में पक्षी मृत पाए जाते हैं लेकिन इन सभी कारणों के होते हुए भी जातीय गांव की परंपरा और संस्कृति कहीं ना कहीं बाहर से आने वाले लोगों को आकर्षित करती है पर्यटकों के लिए यहां पर शानदार रेस्टोरेंट और रहने के लिए घरों की व्यवस्था भी की गई है आप चाहे तो अपने दोस्तों के साथ इस खूबसूरत सी जगह का आनंद ले सकते हैं और जातीय गांव के अदभुद नजारों को देख सकते हैं|
पनीमूर – प्रकृति प्रेमी और यात्रा करने वाले लोगों के लिए पनीमूर एक ऐसा स्थान है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ सफेद पानी के झरने के लिए प्रसिद्ध है खूबसूरत सा स्थान जहां से सफेद रंग का पानी बहता है और चारों तरफ पहाड़ों के अलावा पत्थरों की आने की श्रृंखलाएं यहां पर मौजूद है वास्तव में जगह किसी सपनों के जहान से कम नहीं है शहर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह खूबसूरत सी जगह फोटोग्राफरों और ट्रेकिंग के साथ-साथ डेंजर रास्तों पर सफर करने वाले पर्यटकों के लिए एक खास स्थान रखता है आप चाहे तो अपनी यात्रा की सूची में पनीमूर को भी शामिल कर सकते हैं|
लेकुल – जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि असम प्रकृति का स्वर्ग है और यह बात कहने में कोई बुराई नहीं होगी कि वास्तव में प्रकृति के साक्षात दर्शन और गहराई से अनुभव करने वाली चीजें आपको यहां देखने को मिले वास्तव में असम में मौजूद लेकुल भी उन जगहों में से एक हैं जहां पर पर्यटक अपनी यात्रा प्लान में एक ना एक बार जाना जरूर चाहता है इसका सीधा सर कारण है कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और ऊंची ऊंची पहाड़ियों का एक खूबसूरत सा हसीन सफर में अपने दोस्तों के साथ यात्रा करना है एक अच्छा अनुभव प्रदान करता है हफलोंग से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह सुंदर सी जगह ईकोटूरिज्म का केंद्र बना हुआ है ऊंची चोटी से आपको आसपास की नजरों का खूबसूरत दर्शन देखने को मिलते हैं जिनमें कंचनजंगा पर्वत भी शामिल हैं|
दोस्तों दीमा हसाओ मैं यात्रा के दौरान आपको विश्राम के लिए होटल और खाने के लिए एक शुद्ध और स्वादिष्ट खानपान चाहिए होता है सफर का मजा तभी आता है जब वहा के स्थानीय खान पान का आंनद लिया जाए, स्वाद के शौकीन लोगों के लिए दीमा हसाओ का स्थानीय खान पान कही न कही उनके मुंह में पानी लाने वाला है यहां के स्थानीय मसालों द्वारा और पारंपरिक तरीकों से बनाया गया चट पटा खाना आपको यहां दुबारा आने के लिए बेताब करने वाला है जिस तरह हर राज्य के अलग अलग भोजन के व्यंजन होते हैं ठीक उसी प्रकार से दीमा हसाओ के भी अलग अलग भोजन के व्यंजन है जो कि यहां के प्रसिद्ध खानपान की श्रेणी में आते हैं और आपको कहीं ना कहीं ये भोजन के व्यंजन जरूर पसंद आने वाले है मांसाहारी हो या शाकाहारी दोनों तरह के व्यंजन यहां काफी बनाएं जाते है हम आपको दीमा हसाओ के खानपान के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में बताने वाले हैं जो कि आपको दीमा हसाओ की यात्रा के दौरान मदद करेगी और आप आसानी से किसी भी व्यंजन के स्वाद का आनंद ले सकते हैं|
मासोर टेंगा – मासोर टेंगा दीमा हसाओ की सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खानपान में से एक हैं नॉन वेजिटेरियन खाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छी डिश होने वाली है मासोर टेंगा मैं नींबू से बने शोरबा को धीमी आंच में पकाया जाता है जो कि खाने में काफी स्वादिष्ट और चटपटा होता है|
पारो मांशो – कबूतर के मांस से बनने वाली यह प्रसिद्ध असमिया डिश लोगों को काफी पसंद आती है खास विधि और स्थानीय मसालों द्वारा बनी यह स्वादिष्ट डिश सर्दियों के समय में ठंड से बचने के लिए अधिक लोगों द्वारा खाया जाता है अपनी चटपटे स्वाद के लिए प्रसिद्ध यह डिश यहां आएं पर्यटकों द्वारा भी काफी पसंद की जाती है|
आलू पिटिका – रात के खाने में दीमा हसाओ के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा बार खाए जाने वाला रात्रि संस्करण आलू पिटिका है जिसे मैश किए गए आलू की सहायता से बनाया जाता है साधारण सा दिखने वाली यह डिश सरसों के तेल से चोंखा जाता है और दाल चावल के साथ इसे साइड डिश के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके स्वाद को बढ़ाने और खूबसूरत दिखने के लिए इसे हरे कटे हुए धनिया से सजाया जाता है|
ऊ खट्टा – मुंह के स्वाद को शिखर तक पहुंचाने के लिए दीमा हसाओ की चटपटी और मीठी चटनी जिसे ऊ खट्टा के नाम से जाना जाता है यहां की लोकप्रिय खानपान में से एक है समानता है इसे दाल चावल और रोटी सब्जी के साथ खाया जाता है इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है|
खार – दीमा हसाओ की लोकप्रिय डिश में शामिल खार एक नॉन वेजिटेरियन डिश है जिसे खार और दालें के साथ साथ कच्चा पपीता के मिक्सर से बनाया जाता है जो की इसके स्वाद को और अधिक बढ़ा देता है खास तौर पर इस डिश को चावल के साथ ख़ाना ज्यादा पसंद किया जाता है|
- लैंडमार्क होटल
- न्होशरिंग गेस्ट हाउस
- नोथाओ लॉज
- होटल मारुति नंदन
- लेक व्यू लॉज