दीपावली हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार के रूप में जाना जाता है चारों तरफ खुशी की लहर और बाजारों में एक अलग ही चहल-पहल वाली रोनक देखने को मिलती हैं दीपावली को हिंदू धर्म का पवित्र त्यौहार में गिना जाता है हर वर्ष दशहरे के समय से ही बाजारों और घरों में दीपावली की तैयारी और चारों तरफ चमचमाती लाइटें और बाजारों में एक अलग ही रौनक का दृश्य पेश करती हैं दिवाली भारतीय निवासियों का प्रसिद्ध त्योहार है इसे सभी लोग बड़े ही प्यार और हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं और हर नए साल में सभी लोगों को दिवाली पर्व आने का इंतजार कुछ अधिक ही देखने को मिलता है क्योंकि यह केवल एक त्यौहार ही नहीं है बल्कि यह लोगों की खुशियों का दिन है जो कि अपने साथ ढेर सारी खुशियां लाता है प्रकाश पर्व के रूप में जानने वाला यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष को रोशनी से भर देता है यह दिन केवल रात का अंधकार ही दूर नहीं होता है बल्कि माता लक्ष्मी और भगवान राम लक्ष्मण हनुमान के साथ साथ सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है माता लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में लक्ष्मी प्रवेश करती है और तमाम प्रकार की खुशियों के साथ साथ सभी लोगों में एक अलग ही प्रकार का परिवर्तन यानी कि सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है और हर व्यक्ति भगवान से अपने अच्छे भविष्य की कामना करते हैं इस दिन सभी भगवानों की पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पूर्वजों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने दिवाली जैसे प्रकाश पर्व का आनंद लेते हैं इस पर्व के अवसर पर लोग अपने घरों और शहरों को लाइटों और दीयों से सजाते हैं और कई लोग इस दिन अपने नए व्यापार की शुरुआत भी करते हैं
दीपावली का त्यौहार हर नए वर्ष बड़े हर्ष और उल्लास के साथ कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है बहुत से लोग दीपावली को 2 दिन मनाते हैं एक छोटी दिवाली और दूसरी बड़ी दीपावली लेकिन प्रकाश पर्व दीपावली की जो समय अवधि होती है वह 5 दिन ( धनतेरस, नरक चतुर्दशी, अमावस्या, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा, भाई दूज ) की होती है जो धनतेरस के दिन से शुरू होकर भाई दूज तक मानी जाती हैं अब बात आती है कि इन 5 दिनों की तारीख ,तो बता दे कि इन सभी की तारीख भारतीय हिंदू धर्म के कैलेंडर के आधार पर निर्धारित की जाती हैं इस त्यौहार की खुशी और महत्व आप इस बात के अंदाजे से लगा सकते हैं कि दिवाली के 1 महीने पहले से ही गौरव और शहरों के साथ-साथ पूरे देश में चहल-पहल और अलग ही रौनक आपको देखने को मिल जाती हैं,
दीपावली मनाने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण है सबसे प्रचलित जो कथाएं हैं उनके अनुसार माना जाता है कि यह भगवान श्री राम सीता मैया और लक्ष्मण हनुमान जी के साथ 14 वर्ष बाद रावण की हत्या करने के बाद वनवास से अयोध्या लौटे थे तो उनके आने की खुशी में अयोध्या वालों ने पूरे मार्ग को फूलों और दिनों से सजा कर उनका स्वागत किया, तब से लेकर हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली का महोत्सव मनाया जाता है दरअसल जब भगवान श्री राम सीता मैया और लक्ष्मण जी के साथ 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे तो इन 14 वर्षों के बीच में सभी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और इन्हीं समस्याओं में एक है कि वनवास के दौरान रावण सीता के साथ छल करके उनका अपहरण कर लेता है काफी समय और मेहनत के बाद जो भगवान श्री राम ने हनुमान जी से मदद मांगी तो पवन पुत्र हनुमान जी ने सीता मैया को ढूंढ लिया और उन्हें आश्वासन दिया कि प्रभु श्रीराम जल्द आपको लेने आएंगे, कड़ी मशक्कत और लंबे समय के बाद जब प्रभु श्री राम और लंकापति रावण का आमना-सामना हुआ तो युद्ध में प्रभु श्री राम ने लंका पति रावण का घमंड के साथ-साथ उनका भी अंत कर दिया ( तब से लेकर हर वर्ष दशहरे में रावण का पुतला जलाया जाता है ) और उसके बाद वह सभी अयोध्या लौट गए उनकी लौटने की खबर जब आने दे वालों ने सुनी तो पूरी नगरी खुशी से झूम उठी और उनके आने से पहले नगरी की साफ सफाई करके चारों दिशाओं में दिए जलाए गए और नगरी के सभी मार्गों को फूलों से सजाया गया जिससे पूरी नगरी एक दुल्हन की तरह लगने लगी इसी बात की खुशी में हिंदू धर्म के लोग हर वर्ष दीपावली मनाया करते हैं और रात के अंधकार को दीयों के द्वारा मिटाया करते हैं
दीपावली को सभी भारतवासी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं यह दिन सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं तथा सभी लोग अपने रिश्तेदारों में मिठाई बांटा करते हैं दीपावली के दिन पूरा शहर दुल्हन की तरह सजा हुआ होता है साथ ही लोग अपने घरों में भी दिए जलाए करते हैं इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में लक्ष्मी प्रवेश करती है इस दिन सभी लोग खूब पटाखे जलाते हैं तथा सभी लोग एकत्रित होकर नाच गाना भी करते हैं
दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है दिवाली के दिन मां लक्ष्मी जी के साथ गणेश भगवान की पूजा की जाती है दिवाली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती दीपावली के दिन श्री राम भगवान सीता मैया और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौटे थे इस दिन पूरी अयोध्या नगरी को खोलो और दीयों की रोशनी से सजाया गया था इस दिन सभी लोग में कपड़े पहनते हैं दिवाली के दिन सभी लोग अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं उस दिन खूब सारे पटाखे जलाए जाते हैं यह दिन सभी लोग अपने रिश्तेदारों को मिठाई खिलाते हैं इस दिन सभी लोग एकत्रित होकर नाच गाना भी करते हैं
तो दोस्तों यही थी दीपावली पर निबंध (दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन) जो कि आपको पसंद आया होगा और आपको दीपावली की बारे में जानकारी मिल गई होगी आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट के माध्यम से बताएं और यदि आपको यह नहीं पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों को परिवार के साथ भी जरूर साझा करें,