दारांग के दर्शनीय स्थल ,Darang Attractions

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में, जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते ही हैं कि हमारे ब्लॉग पर आपको हर हफ्ते एक नई पोस्ट महत्वपूर्ण जानकारी के साथ साझा मिलती हैं जो हमारे नियमित पाठक हैं उन्हें उन्हें पता होगा कि महीने में दो लेख यात्रा प्लानिंग के लिए मिलते हैं और उसी कि श्रेणी में आज हम लाए हैं आपके लिए दारांग की दार्शनिक स्थलों के बारे में जानकारी वैसे तो दारांग में घूमने के लिए बहुत सारे जगह हैं लेकिन आज की पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां के बारे में बहुत कम लोगों को पता है और उस जगह को एक्सप्लोर करके आप अपनी एक खूबसूरत यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आएगी इसलिए इसे लास्ट तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले|

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दारांग के बारे में, About to Darang

प्रकृति की खूबसूरत वादियों के बीच में बसा दारांग भारत के असम राज्य का एक जिला है जो की यहां के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों के लिए जाना जाता है बताया जाता है कि मंगलदाई के पुराने उपखंड को परिवर्तित करके सन 1983 ईस्वी में बारां जिले की स्थापना की गई थी भौगोलिक स्थिति की बात की जाए तो जिले का कुल क्षेत्रफल 1585 किलोमीटर है शुद्ध ताजी आबोहवा इसे और अधिक खूबसूरत बनाती है पहाड़ों की रोमांस भरे रास्ते और सुंदर यहां के मनोरम दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है लोगों का भोलापन और अपनापन का एहसास यहां के स्थानीय लोगों में ज्यादा पाई जाती हैं वैसे तो यहां की जनसंख्या काफी अधिक है लेकिन आंकड़ों की बात करें तो सन 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 928500 है वही यात्रा के दौरान आपको एक और बात का पता होना चाहिए कि असम में असमिया भाषा के अलावा बंगाली भाषा भी बोली जाती है इसलिए दारांग कि लोग भी असमिया भाषा का प्रयोग अधिक किया करते हैं लेकिन हिंदी भाषा का प्रयोग भी शहरी और बाजार क्षेत्र में की जाती है एक कृषि प्रधान जिला होने के कारण दारांग का मुख्य व्यवसाय कृषि हैं कृषि पर ही अधिकांश जनसंख्या निर्भर है और अपना जीवन यापन कर रही है|

दारांग के दर्शनीय स्थल ,Darang Attractions 
  1. गांधी स्मृति पार्क 
  2. मानस राष्ट्रीय उद्यान 
  3. पथरूघाट मीनार 
  4. कामाक्ष्य देवालय 

गांधी स्मृति पार्क – दारांग की प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों की सूची में गांधी स्मृति पार्क का नाम सबसे पहले स्थान पर आता है जैसा कि आप जानते हैं कि दारांग अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए तो प्रसिद्ध है ही यह अपने मनोरम खूबसूरत दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है, यदि बात की जाए घूमने की जानकारी के लिए तो आपको बता दें कि गांधी स्मृति पार्क मंगलदाई शहर के बीचो बीच में स्थित है प्राकृतिक शांति और खूबसूरत फव्वारों से सजे पार्क में लोगों की बैठने के लिए बेंच भी बनाए गए हैं इसके आसपास का दृश्य काफी हसीन और खूबसूरत हैं चारों तरफ आपको हरियाली दिखाई देती हैं आप चाहे तो अपने दारांग दौरान यात्रा सूची में गांधी स्मृति पार्क को शामिल कर सकते हैं |

मानस राष्ट्रीय उद्यान – यदि आप एक प्रकृति प्रेमी हैं और जंगली जानवरों के साथ-साथ नेचर की खूबसूरती को महसूस करना आप का शौक है तो असम के दारांग जिले में स्थित मानस राष्ट्रीय उद्यान आपके लिए एक अच्छा यात्रा विकल्प हो सकता है 360 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1973 में की गई थी भारत के अंदर आपको तरह-तरह के जंगली जानवरों की ब्लू प्रजातियों के साथ-साथ सदाबहार पेड़ पौधों के कई प्रजातियां देखने को मिल जाती हैं जिन्हें देखने के लिए यहां हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक जाया करते हैं शायद यही कारण है कि यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है आपको भी इस खूबसूरत जगह का आनंद जरूर लेना चाहिए|

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पथरूघाट मीनार – अपनी सुंदर आकर्षक वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध पथरूघाट स्वाहीद मीनार मंगलदाई से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मीनार के बारे में बताया जाता है कि इसका निर्माण जलियांवाला बाग त्रासदी में जान गांव आने वाले लोगों को याद करने के लिए किया गया था लेकिन आज के युग में यह जगह एक दार्शनिक स्थल के रूप में उभर कर आए हैं वैसे देखा जाए तो यह असम के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों में से एक है जहां पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ एकत्रित होती है मीनार की वास्तुकला और शिल्प कला अद्भुत तरीके की है जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ यहां एकत्रित होती हैं|

कामाक्ष्य देवालय – इतिहास की यादों को ताजा करने और प्रकृति की सुंदरता को गहराई से दर्शन कराने के अलावा दारांग आस्था और भक्ति का भी एक केंद्र बना हुआ है दारांग मैं स्थित कामाक्ष्य देवालय आस्था का एक प्रसिद्ध केंद्र है जहां पर पवित्र त्यौहार और धार्मिक कार्यों के दिन अच्छी खासी भीड़ एकत्रित होती है यह देवालय लखीमपुर गांव के पास स्थित है यदि आप दारांग में एक हफ्ते की यात्रा के लिए आए हैं तो आपको कामाक्ष्य देवालय के दर्शन जरूर करने चाहिए|

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kamakhayacreative Commons, License-(CC BY – SA 3.0)
दारांग का प्रसिद्ध खानपान, famous food of darang

दोस्तों दारांग मैं यात्रा के दौरान आपको विश्राम के लिए होटल और खाने के लिए एक शुद्ध और स्वादिष्ट खानपान चाहिए होता है सफर का मजा तभी आता है जब वहा के स्थानीय खान पान का आंनद लिया जाए, स्वाद के शौकीन लोगों के लिए दारांग का स्थानीय खान पान कही न कही उनके मुंह में पानी लाने वाला है यहां के स्थानीय मसालों द्वारा और पारंपरिक तरीकों से बनाया गया चट पटा खाना आपको यहां दुबारा आने के लिए बेताब करने वाला है जिस तरह हर राज्य के अलग अलग भोजन के व्यंजन होते हैं ठीक उसी प्रकार से दारांग के भी अलग अलग भोजन के व्यंजन है जो कि यहां के प्रसिद्ध खानपान की श्रेणी में आते हैं और आपको कहीं ना कहीं ये भोजन के व्यंजन जरूर पसंद आने वाले है मांसाहारी हो या शाकाहारी दोनों तरह के व्यंजन यहां काफी बनाएं जाते है हम आपको दारांग के खानपान के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में बताने वाले हैं जो कि आपको दारांग की यात्रा के दौरान मदद करेगी और आप आसानी से किसी भी व्यंजन के स्वाद का आनंद ले सकते हैं|

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मासोर टेंगा – मासोर टेंगा दारांग की सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खानपान में से एक हैं नॉन वेजिटेरियन खाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छी डिश होने वाली है मासोर टेंगा मैं नींबू से बने शोरबा को धीमी आंच में पकाया जाता है जो कि खाने में काफी स्वादिष्ट और चटपटा होता है|

पारो मांशो – कबूतर के मांस से बनने वाली यह प्रसिद्ध असमिया डिश लोगों को काफी पसंद आती है खास विधि और स्थानीय मसालों द्वारा बनी यह स्वादिष्ट डिश सर्दियों के समय में ठंड से बचने के लिए अधिक लोगों द्वारा खाया जाता है अपनी चटपटे स्वाद के लिए प्रसिद्ध यह डिश यहां आएं पर्यटकों द्वारा भी काफी पसंद की जाती है|

आलू पिटिका – रात के खाने में दारांग के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा बार खाए जाने वाला रात्रि संस्करण आलू पिटिका है जिसे मैश किए गए आलू की सहायता से बनाया जाता है साधारण सा दिखने वाली यह डिश सरसों के तेल से चोंखा जाता है और दाल चावल के साथ इसे साइड डिश के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके स्वाद को बढ़ाने और खूबसूरत दिखने के लिए इसे हरे कटे हुए धनिया से सजाया जाता है|

ऊ खट्टा – मुंह के स्वाद को शिखर तक पहुंचाने के लिए दारांग की चटपटी और मीठी चटनी जिसे ऊ खट्टा के नाम से जाना जाता है यहां की लोकप्रिय खानपान में से एक है समानता है इसे दाल चावल और रोटी सब्जी के साथ खाया जाता है इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है|

खार – दारांग की लोकप्रिय डिश में शामिल खार एक नॉन वेजिटेरियन डिश है जिसे खार और दालें के साथ साथ कच्चा पपीता के मिक्सर से बनाया जाता है जो की इसके स्वाद को और अधिक बढ़ा देता है खास तौर पर इस डिश को चावल के साथ ख़ाना ज्यादा पसंद किया जाता है|

दारांग का पहनावा, dress of dress
 
दोस्तों जिस प्रकार से दारांग राज्य की प्रत्येक पारंपरिक चीज़े काफी प्रसिद्ध है ठीक उसी प्रकार से दारांग का पहनावा और वेशभूषा भी काफी अलग है अपनी परंपरागत वस्त्रों और आभूषणों से सजे यहां के लोग बहुत खूबसूरत लगते है यही कारण है कि दारांग की संस्कृति और परंपरा देश के अन्य राज्यों की बातें काफी अलग हैं वैसे तो यहां के लोग अपने सांस्कृति के अनुसार ही वस्त्र धारण किया करते हैं लेकिन खासतौर पर हिंदू धर्म के त्योहारों के दिन लोगों द्वारा अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुसार वस्त्र पहने जाते हैं आजकल के युवाओं द्वारा साउथ इंडिया के फैशन चल रहे हैं जिसके कारण अधिकांश राज्यों की संस्कृति उन्हें अपनाना पसंद करती है लेकिन कभी कबार संस्कृत की अनूठी छवियां भी सामने आ जाती है यहां के लोगों का महिलाएं और पुरुषों का परिधान अलग – अलग होता है यहां के महिलाओं द्वारा द्वार खास तौर पर मेखला-चादर पहना ज्यादा पहना जाता है मेखला को असमिया महिलाओं द्वार कमर के नीचे के भाग में पहना जाता है जबकि चादर को ऊपरी हिस्से में धारण किया जाता हैं पुरुषों द्वार धोती-गमोसा का उपयोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और परंपरा के रुप मे किया जाता है|

दारांग घूमने का सबसे अच्छा समय,Best time to visit Darang 
 
दोस्तों जब कभी भी हम कहीं भी यात्रा करते हैं तो हमारे पास सबसे पहले यही सवाल होता है कि जहां हम यात्रा कर रहे हैं वहां का मौसम कैसा है और हमें किस हिसाब से यात्रा का प्लान बनाना है तो आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है दोस्तों हम हैं आपके साथ और हम आपको बताएंगे दारांग में घूमने का सबसे अच्छा समय के बारे में, वैसे तो दोस्तों जब कभी भी आपका मन करे आपको घूमने के लिए चला जाना चाहिए लेकिन यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय के सबसे अच्छा समय निर्भर करता है वहां के मौसम पर और बात की जाए आसान के मौसम के अनुसार घूमने का प्लान बनाने के लिए तो अक्टूबर से फरवरी माह का समय दारांग राज्य मैं यात्रा का सबसे अच्छा समय है इन दिनों यहां का तापमान सामान्य बना रहता है जिसके कारण यहां आए पर्यटक आसानी से एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना कर सकते हैं दारांग आए और यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ना ले तो वह भी अपने आप में एक कमी महसूस होती है इसलिए अक्टूबर से फरवरी का महीना दारांग मैं यात्रा का सबसे अच्छा समय है, गर्मियों में यहां का तापमान थोड़ा ज्यादा होता है जिसके कारण बाहर घूमना मुश्किल भरा हो सकता है लेकिन जिन लोगों को स्विमिंग के अलावा प्रकृति की हरियाली पसंद है उन्हें गर्मियों में यहां यात्रा का प्लान बनाने में बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए क्योंकि गर्मियों में प्रकृति अपना एक नया रूप धारण कर लेती है जिसके कारण चारों दिशाओं की हरियाली काफी मनमोहक महसूस होती है|

दारांग में रुकने के लिए होटल, hotels to stay in darang
 

यात्रा की खूबसूरत शुरुआत और यादगार भरे लम्हों की किताब की शुरुआत होती है अच्छी सुविधा वाले होटलों से, वह कहते हैं ना कि जहां भी जाओ वहां की यादें अपने साथ लेकर आओ तो उस चीज में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं वहां की रहने की व्यवस्था वैसे तो दारांग मैं आपको बहुत से होटल में जाएंगे जहां आपको सारी सुविधाएं मिल जाएगी लेकिन कुछ ऐसे होटल भी है जो कि सारे सुविधाएं होते हुए भी बजट फ्रेंडली हैं तो वहां रहना कौन पसंद नहीं करेगा हम आपको कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जिनका स्टे प्राइस लो है और यहां आपको बहुत सारी सुविधाएं मिल जाएगी और इन्हें आप अपनी यात्रा के प्लान के हिसाब से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं|

असम के दर्शनीय स्थल का सचित्र वर्णन  असम के प्रसिद्ध मंदिर  गुवाहाटी में घूमने की जगह  असम के मंदिर  कामाख्या में घूमने के स्थान  असम की यात्रा  वेब परिणाम   असम के बारे में जानकारी  गुजरात का प्रसिद्ध जगह  बिहार का प्रसिद्ध स्थल  असम का भाषा  असम का वेशभूषा  बंगाल का प्रसिद्ध स्थल

  1. होटल सिद्धार्थ प्लेस
  2. ब्लू मून होटल
  3. सिल्क बिला गेस्ट हाउस
  4. आशीर्वाद होमस्टे
  5. होटल ब्लू आर्किड

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