चोपता के दर्शनीय स्थल Chopta Mian Ghumne Ki Jagah In Hindi
दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग की आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपको एक ऐसी सुंदर जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को दोबारा पधारने के लिए मजबूर कर देती है जी हां दोस्तों वह खूबसूरत जगह चोपता है जहां चारों तरफ से पहाड़ गांव और घाटिया है जहां कोहरे को छूते यहां के पर्वत मानो स्वर्ग के दर्शन कर लिए हो दोस्तों आज हम आपको चोपता और उसके आसपास के दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं यदि आप अपनी छुट्टियों का इंजॉय करने की सोच रहे हैं तो यह जगह आपके लिए अच्छी रहेगी साथ ही इसी आर्टिकल में हम आपको यह भी बता कर चलेंगे कि चोपता का स्थानिया खानपान कैसा है ताकि आप लोग इस बहाने यहां के प्रसिद्ध स्वादिष्ट भोजन के व्यंजनों का आनंद भी ले पाए और साथ में यह भी बताने वाले हैं कि चोपता का घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा रहेगा ताकि आप सही समय से पहुंचकर यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले पाए ,
चोपता उत्तराखंड Chopta Uttrakhand In HIndi
चोपता भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले का एक आकर्षण स्थल है जो कि रुद्रप्रयाग से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है संपूर्ण रूप से प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है यहां की ठंडी ठंडी हवा फूलों और मिट्टी की खुशबू आपके मन को अंदर से तरोताजा कर देगी क्योंकि यहां के पहाड़ पर्वत मिट्टी की सुगंध और दूर खड़ा हिमालय मानो किसी पर्वत ने सफेद चादर ओढ़ी हो एक अलग ही अनुभव और ताजगी हमारे मन को प्रधान करते हैं चीड़ और देवदार के पेड़ों को चीरती सूरज की रोशनी मानो सपनों के जहान में कदम रख लिया हो जैसा प्रतीत कराती है और यहां के आसपास के खूबसूरत पर्यटक स्थल और उनका सफर ऐसा अनुभव कर आते हैं कोई भंवरा फूल के पीछे भाग रहा हो यदि चोपता के जलवायु की बात करें तो बता दे कि यहां का मौसम अनुकूल बना रहता है वर्ष के जुलाई सितंबर के बीच काफी वर्षा होती है और दिसंबर जनवरी वर्ष का सबसे ठंडा महीना रहता है तथा मई-जून वर्ष का सबसे गर्म तापमान वाला महीना रहता है
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चोपता का खान पान Food In Chopta
अरसा – अरसा मुख्य रूप से उत्तराखंड का लोकप्रिय व्यंजन है जिसे लोग शादी के मौसम में बनाते हैं लेकिन कभी-कभी यह हर समय उपलब्ध मिल जाता है दरअसल यह चावल को पीसकर बनाया जाता है और सेम लाइक पकड़ो की तरह इसे भी तेल में चला जाता है
मंडवे की रोटी – मंडवे कि आटे की रोटी चोपता और आसपास के जिलों का प्रसिद्ध व्यंजन है यह शुद्ध घरेलू मंडुवे के आटे से बनता है जो कि खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है और इससे हमारे शरीर को काफी मात्रा में लाभ प्राप्त होते हैं
कंडेली की भुज्जी – कंडेली की भुज्जी उत्तराखंड वासियों का प्रसिद्ध व्यंजन है इसे कंडेली के माध्यम से बनाया जाता है और यह सेम लाइक पालक की भुज्जी की तरह होता है लेकिन स्वाद में यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि मंडुवे की रोटी और कंडेली के भुज्जी को साथ में खाया जाए तो इसके सामने सभी देसी व्यंजन फीके पड़ जाते हैं क्योंकि यह दोनों बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं
झंगोरें की खीर – अल्मोड़ा के प्रसिद्ध व्यंजन झांगोरें की खीर काफी प्रसिद्ध है यह नॉर्मल खीरे की ही तरह बनता है लेकिन इसमें चावल की जगह यहां का स्थानीय अनाज जंगूरा को मिलाकर बनाया जाता है और यही झंगोरा इसके स्वाद को 4 गुना बढ़ा देता है इसका प्रयोग आप कभी भी कर सकते हैं यदि आप अल्मोड़ा ट्रिप पर है तो आपको इस व्यंजन का स्वाद जरूर लेना चाहिए
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भांग की चटनी – भांग की चटनी अल्मोड़ा की प्रसिद्ध चटनी है इसे भांग को पीसकर बनाया जाता है और यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि इस चटनी में भांग की मात्रा बढ़ा दी जाती है तो इससे नशा भी लगता है क्योंकि भांग नशे के काम भी आता है इसलिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में किया जाता है
पहाड़ी दाल भात – यह व्यंजन उत्तराखंड में पाए जाने वाले पहाड़े दलों को मिलाकर बनाया जाता है तथा इस व्यंजन के साथ नॉर्मल चावल कैसे बनता है वैसे ही बनाया जाता है लेकिन दाल काफी स्वादिष्ट होती है क्योंकि इसमें सभी पहाड़ी दाल मिक्स की होती है
चोपता के दर्शनीय स्थल Chopta Mian Ghumne KI Jagah In HIndi
तुंगनाथ मंदिर – चोपता का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के रूप में जाने जाना वाला तुंगनाथ मंदिर केवल यही का ही नहीं बल्कि पूरे रुद्रप्रयाग उत्तराखंड समेत देश-विदेश से लोग यहां आते हैं भगवान शिव जी को समर्पित यह मंदिर 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जिसके बारे में बताया जाता है कि यह 1000 साल पुराना है और बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा भगवान शिव जी को खुश करने के लिए किया गया था यह भगवान शिव की पंच केदारों में से एक की पूजा होती है यहां भगवान शिव जी के साथ-साथ पार्वती और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी आपको देखने को मिलेंगे
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काली मठ – मां काली को समर्पित कालीमठ मंदिर चोपता के साथ-साथ रुद्रप्रयाग का प्रसिद्ध मंदिर है 108 शक्तिपीठों में से एक ही है मंदिर समुद्र तल से लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है सरस्वती नदी के तट पर विद्यमान यह मंदिर प्रकृति प्रेमी और धार्मिक श्रद्धा रखने वाले पर्यटकों के लिए अच्छा गंतव्य हो सकता है क्योंकि कालीमठ मंदिर चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा होने के कारण आंखों के सामने एक अनोखी छवि देखने को मिलती है साथ ही मंदिर के नदी के किनारे पर स्थित होने के कारण पर्यटक ज्यादा आकर्षित होते हैं यदि आप भी चोपता आने का प्लान बना रहे हैं तो कालीमठ मंदिर जरूर आना और सरस्वती नदी के किनारे फोटोशूट जरूर करना क्योंकि नदी के किनारे से फोटो सूट करने में एक सुंदर व्यू देखने को मिलता है
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चंद्रशिला ट्रैक – यदि आप चोपता आए और आपने चंद्रशिला के दर्शन नहीं किए तो समझ लो कि आपने एक अच्छी जगह की ट्रिप मिस कर ली है क्योंकि चंद्रशिला ट्रैक केवल भारत का ही नहीं अपितु विदेशों से पर्यटक चंद्रशिला आते हैं और यहां की ट्रेकिंग का आनंद लेते हैं यह विश्व में अपने रोमांचक ट्रैकिंग प्लेस के लिए जाना जाता है समुद्र तल से 13000 फीट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रशिला लगभग 1.5 किलोमीटर के ट्रैकिंग वे पर बना हुआ है ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से चारों दिशाओं का दृश्य बड़ा ही खूबसूरत और द्वारा दिखाई देता है क्योंकि यहां से आप हिमालय पर्वत के शानदार दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं उसी ओर आपको सुंदर पर्वत और गाड़ियां भी दिखाई देगी
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दुग्गल बिट्टा – चोपता की यात्रा प्लान में दुगलबिट्टा को भी जोड़ सकते हैं दरअसल यह एक होम लेट है जो कि चारधाम यात्रा पर आए पर्यटकों के लिए रुकने का स्थल के रूप में कार्य करता है यह समुद्र तल से 26 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को के मन को मोहताज कर देती है ऊंचाई पर स्थित होने के कारण पर्वत के हसीन वादियों के खूबसूरत दृश्य का आनंद भी ले सकते हैं शांत वातावरण हल्की-हल्की चिड़ियों का चह चाहट ध्वनि मन को सुकून देती है
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देवरिया ताल – वाकई में चौपटा संपूर्ण रूप से प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है कहीं पहाड़ तो कहीं पर्वत कहीं झील तो कहीं घाटियां और उनके साथ ताजगी भरी यहां की शुद्ध हवा वाकई में यदि आपको प्रकृति की खूबसूरती को गहराई से अनुभव करना है तो आपको एक ना एक बार यह जरूर आना चाहिए देवरिया ताल चोपता का आकर्षक दाल के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां पर एक झील है जो गर्मी के मौसम में पर्यटकों का मन मोहताज कर देती है समुद्र तल से 2438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित झील प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है यहां आपको शांत वातावरण के साथ आसपास के पहाड़ और हिमालय पर्वत की अनोखी छवि आपको देखने को मिलेंगे, इस सफर में आप अपने ट्रैकिंग और अपने खूबसूरत दृश्य को कैमरे में कैप्चर कर सकते हैं
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चोपता घूमने का अच्छा समय Best Time To Travel In Chopta
यदि आप चोपता घूमने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको यह भी बता देते हैं कि चोपता घूमने का अच्छा समय कौन सा रहेगा यदि जलवायु को मध्य नजर रखते हुए देखे तो आपको यदि बर्फ और स्नोफॉल देखने का शौक है तो आप दिसंबर से जनवरी के मध्य यहां की यात्रा का प्लान बना सकते हैं क्योंकि इस समय यहां काफी ठंड भी होती है और बर्फ पड़ने का समय भी होता है तो आप इस बीच आ सकते हैं बता दें कि आप अपने साथ गर्म कपड़े जरूर रखें ताकि बर्फ की ठंड का असर कम पढ़े और आप खुलकर एंजॉय कर सके दूसरी बात यदि आपको वसंत ऋतु में यहां की खूबसूरती को और अधिक गहराई से अनुभव करना है तो आप मैं जून के महीने में यहां के दर्शन कर सकते हैं इस बीच आपको शहर की तपती गर्मी से भी कुछ दिन छुटकारा मिल जाएगा
चोपता में रुकने के लिए होटल Hotels In Chopta
चोपता की यात्रा के दौरान आपको यहां कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपके लिए कुछ ऐसे होटलों की लिस्ट दे रहे हैं जो कि कब मजाक में आपको सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करेंगे और हां होटल में रहकर यहां की स्थानीय खानपान का साथ जरूर लेना,
- हिल टॉप होम स्टे
- होटल येट चोपता
- होटल माउंटेन व्यू
- अनमोल होटल
- राज हंस टूरिस्ट लॉज
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