आज हम बात करने वाले हैं चार धाम यात्रा 2022 (Char dham Yatra 2022) के बारे में। जैसा कि आपको पता ही है कि जीवन में चार धाम यात्रा का कितना महत्व माना जाता है। चार धाम की यात्रा करने सपना हर एक हिंदुस्तानी का होता है । उत्तराखंड में स्थित चार धामों को छोटे चार धाम के नाम से भी जाना जाता है। जोकि पौराणिक काल से ही हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। प्राय बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के नाम से विख्यात है। दोस्तों इन चारों धामों के बारे में तो आप सभी लोग अच्छी तरीके से परिचित है। इसलिए आज के लेख में हम चार धामों के बारे में जानकारी नहीं देने वाले हैं बल्कि चार धाम यात्रा के बारे में जानकारी देने वाले हैं । आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको चार धाम यात्रा से संबंधित संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना। इसमें हम चार धाम यात्रा से संबंधित सभी प्रश्नों के जवाब देने वाले हैं।
चार धाम यात्रा के महत्व से तो आप सभी लोग अच्छी तरीके से परिचित होंगे। आज के इस युग में चार धाम की यात्रा करने का महत्व कितना अधिक माना जाता है। जो कि पौराणिक काल से हम लोग मानते आ रहे हैं। उत्तराखंड के छोटे चार धाम न केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए प्रसिद्ध है बल्कि देश विदेश से यहां पर भक्तगण यात्रा के लिए आया करते हैं। यहां तक कि कुछ लोगों का सपना भी होता है चार धाम की यात्रा करना। अप्रैल महीने शुरू होने वाली यह शुभ यात्रा अक्टूबर-नवंबर यह कह सकते हैं कि दिवाली के उपलक्ष्य तक श्रद्धालुओं के लिए बनी रहती है। अब दोस्तों सवाल यह भी उठता है कि चार धाम की यात्रा क्यों करनी चाहिए।
दोस्तों यह एक अजीब सा सवाल है कि आखिर चार धाम की यात्रा क्यों करनी चाहिए। क्योंकि कहीं ना कहीं इस यात्रा का संबंध या महत्व मानवीय जीवन के साथ जुड़ा हुआ है इसी वजह से चार धाम यात्रा जरूरी मानी जाती है। चारों छोटे धाम में दिव्य आत्माओं का निवास माना जाता है जो कि पवित्र होने के साथ-साथ पौराणिक महत्व के लिए भी जाने जाते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार जो लोग चार धाम की यात्रा करने में सफल होते हैं। ऐसा माना जाता है कि उनके न केवल इस जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं बल्कि वह जीवन एवं मृत्यु की बंधन से भी मुक्त हो जाते हैं। इन्हीं पौराणिक मान्यताओं के आधार पर चार धाम की यात्रा को बड़ा ही महत्व दिया जाता है। और यह चार धाम की यात्रा यमुनोत्री फिर शुरू होती है। यह चारों धाम उत्तराखंड में स्थित होने के कारण देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रकृति के साक्षात दर्शन सकारात्मक ऊर्जा के साथ होते हैं। दोस्तों चलिए चार धाम यात्रा के महत्व के बारे में भी बात कर लेते हैं।
चार धाम यात्रा का महत्व न केवल आज के युग से जुड़ा हुआ है बल्कि प्राचीन एवं पौराणिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख देखने को मिलता है। छोटे चार धामों का संबंध है दिव्य आत्माओं के निवास से जुड़ा हुआ है। इसलिए चार धाम की यात्रा करने का फल मनुष्य को जरूर मिलता है।
मान्यताओं के अनुसार चार धाम की यात्रा करने से मनुष्य के जीवन को निम्न प्रकार के लाभ मिलते हैं।
जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं – दोस्तों छोटे चार धाम की यात्रा करने के महत्व के बारे में बताया जाता है कि जो भी व्यक्ति चार धाम की यात्रा सफल कर लेता है। उनके इस जन्म के पाप मुक्त हो जाते हैं।
जन्म मरण से मुक्ति – पवित्र धामों की यात्रा करने से मनुष्य जीवन एवं मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। इसलिए इन चारों छोटे धामों की यात्रा का बड़ा ही महत्व माना जाता है।
सकारात्मक ऊर्जा का निवास- चारों धाम पवित्र होने के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा की शक्तियों से परिपूर्ण है। इसलिए चारों धामों की यात्रा करने से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। वह हमेशा अच्छे एवं मददगार कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं।
संस्कृति के दर्शन – आप सभी लोग इस बात से भलीभांति परिचित है कि उत्तराखंड की संस्कृति देश विदेश में फैली हुई है। यदि कोई व्यक्ति छोटे चार धामों की यात्रा करते है तो अवश्य ही उन्हें उत्तराखंड की प्रस्तुति को जानने का मौका मिलेगा। जोकि उनके जीवन के महत्वपूर्ण पलों में से एक हो सकता है।
स्वस्थ जीवन – छोटे चार धाम यात्रा का एक महत्व यह भी है कि यात्रा करने वाले सभी व्यक्तियों को स्वस्थ जीवन प्राप्त हो सकता है। क्योंकि यह चार धाम यात्रा मैं कहीं कहीं पर अक्सर पैदल चलना होता है इसलिए हमारे शरीर को एक अच्छी एक्सरसाइज मिल जाती है। जिससे कि शरीर चुस्त बना रहता है।
चार धाम यात्रा के समय के बारे में बहुत से लोगों के पास सवाल होता है कि आखिर चार धाम यात्रा कब शुरू होती है और चार धाम यात्रा कब तक चलती है। बताना चाहिए कि चार धाम यात्रा हर वर्ष मई एवं जून माह से शुरू हो जाती है जो कि लगभग अक्टूबर महीने तक जाने की दिवाली के उपलक्ष्य तक चलती रहती है। अक्टूबर के बाद ठंड ज्यादा हो जाती है । जिसके कारण श्रद्धालुओं को एवं पर्यटकों को यहां आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । इसलिए मंदिर परिसर द्वारा पवित्र मूर्तियों को दूसरे स्थल पर स्थापित की जाती है जहां वे मई के महीने तक पूजे जाती है।
चार पवित्र धामों की यात्रा करने का सपना हर किसी भारतीय का होता है। और जब भी हर साल चार धाम यात्रा शुरू होती है तो हजारों लोगों के पास यही सवाल होता है कि चार धाम यात्रा पैकेज 2022 कितना आ सकता है। चार धाम यात्रा पैकेज की बात करें तो बताना चाहेंगे कि चार धाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है और उसके बाद गंगोत्री और बद्रीनाथ होते हुए केदारनाथ पर समाप्त होती है। यदि पवित्र चार धाम यात्रा पैकेज 2022 के बारे में बात करें तो बताना चाहेंगे कि इन चारों जगह के खर्चे को मिलाकर लगभग 70 से 80 हजार रुपए के बीच आप आराम से चार धाम यात्रा कर सकते हैं। यह एक अनुमानित खर्चा है हो सकता है कि आपकी सुविधाओं के अनुसार यह कम और अधिक भी हो सकता है।
बताना चाहेंगे कि चार धाम यात्रा पैकेज हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी आप सभी लोग चार धाम यात्रा कर सकते हैं। यह केवल उन लोगों के लिए है जो अपने समय की बचत करना चाहते हैं । तथा बुजुर्ग व्यक्ति जो कि इन चारों धामों की यात्रा पैदल करने में असमर्थ है लेकिन वह चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं। ऐसे मौके पर उनके लिए चार धाम यात्रा पैकेज हेलीकॉप्टर शुरू किया गया है। चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर के माध्यम से पूर्ण करने पर आप अपने समय की बचत कर सकते हैं। लेकिन चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर पैकेज के बारे में कोई भी निश्चित जानकारी नहीं है । क्योंकि यह हर स्थान एवं हर कंपनी द्वारा अलग-अलग रेट ऑफर किए जाते हैं। फिर भी एक अंदाजा से मानते चले तो लगभग एक लाख से ऊपर आपका चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर पैकेज बैठने वाला है।
चार धाम यात्रा को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा चार धाम यात्रा पंजीकरण शुरू किया गया है। जिसके माध्यम से सभी श्रद्धालु उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से यात्रा का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और के बाद अपनी शुभ यात्रा आरंभ कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आप registrationandtouristcare.uk.gov.in पर विजिट करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जबकि उत्तराखंड के रहने वाले मूल निवासियों के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य नहीं है। सरकार द्वारा ई-पास की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है । अब केवल रजिस्ट्रेशन करके ही शादीशुदा लो चार धाम की यात्रा कर सकते हैं।
चार धाम यात्रा नक्शा का आपके पास होना भी बहुत जरूरी है। जब आप चार धाम की यात्रा शुरू करते हैं। क्योंकि आप नक्शे के माध्यम से चार धामों के बारे में जान सकते हैं और अपनी यात्रा का प्लान बना सकते हैं। चार धामों में सबसे पहले यमुनोत्री एवं गंगोत्री के दर्शन करने होते हैं । जिसके बाद बद्रीनाथ एवं केदारनाथ को इस यात्रा में शामिल किया जाता है। लगभग 10 से 15 दिन के अंदर चार धाम की यात्रा आराम से की जा सकती है हम आपको लिए नीचे चार धाम यात्रा नक्शा लाए हैं। जिसके माध्यम से आप अपनी यात्रा प्लान कर सकते हैं।