चार धाम यात्रा नक्शा | Chaar dham Yatra Nakshsa

आज हम बात करने वाले हैं चार धाम यात्रा नक्शा के बारे में। चार धाम यात्रा शुरू होते ही सभी के पास सबसे पहले यही प्रश्न होता है कि चार धाम यात्रा पैकेज एवं चार धाम यात्रा बुकिंग से लेकर चार धाम यात्रा का नक्शा किस तरीके से रहने वाला है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको चार धाम यात्रा नक्शा के बारे में जानकारी देने वाले हैं किस तरीके से आप एक सुसज्जित एवं सरल रूप में चार धामों की यात्रा कर सकते हैं और अपनी यात्रा का आनंद ले सकते हैं। यह छोटे चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री बद्रीनाथ एवं केदारनाथ माने जाते हैं जो कि भारत के उत्तराखंड राज्य के सबसे पवित्र स्थल माने जाते हैं। पौराणिक एवं प्राचीन ग्रंथों में इंसानों का बड़ा ही महत्व माना जाता है।

चार धाम यात्रा नक्शा.Chaar dham Yatra Nakshsa

चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री, गंगोत्री एवं केदारनाथ, बद्रीनाथ के रूट में होती है इसलिए चार धाम यात्रा का नक्शा यानी कि चार धाम यात्रा मैप की शुरुआत उत्तराखंड के पवित्र स्थान यमुनोत्री से करने वाले हैं। उसके बाद हम यात्रा गंतव्य के हिसाब से चार धाम यात्रा नक्शा एवं चार धाम यात्रा रूट के बारे में जानेंगे। सबसे पहले हम यमुनोत्री पहुंचने के लिए बात कर लेते हैं हमारी यात्रा का जो पहला बड़ा हो रहेगा वह यमनोत्री धाम रहेगा और उसके बाद हम क्रमशः गंगोत्री एवं केदारनाथ, बद्रीनाथ यात्रा करेंगे।

चार धाम यात्रा से जुड़े इंटरनेट पर बहुत से चार धाम यात्रा नक्शा के बारे में बताया गया है जिनमें से कुछ नक्शे सही है एवं कुछ नक्शे मार्ग को भड़काने का कार्य कर रहे हैं। हम उन सभी मार्गो में से सबसे सरल एवं लोकप्रिय मार्ग के बारे में बात करेंगे। जहां से सभी श्रद्धालु पवित्र चार धाम यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं।

यदि चार धाम यात्रा की शुरुआत यानी कि हमारा आरंभिक स्थान देहरादून होता है तो हम अपनी यात्रा की शुरुआत है कुछ इस तरीके से कर सकते हैं।

यमनोत्री धाम यात्रा मार्ग .Yamnotri -Chaar dham Yatra map

देहरादून से ऋषिकेश – 30 किमी०
ऋषिकेश से नरेंद्र नगर – 15 किमी०
नरेंद्र नगर से छामा – 45 किमी०
चंबा से ब्रह्मखाल – 15 किमी०
बड़कोट से जानकी चट्टी – 71 किमी०
जानकीचट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग – 6 किमी० पैदल यात्रा

गंगोत्री धाम यात्रा मार्ग. Chaar dham Yatra Nakshsa

देहरादून से टेहरी – 105 किमी०
टेहरी से उत्तरकाशी – 115 किमी०
उत्तरकाशी से भटवाड़ी – 30 किमी०
भटवाड़ी से गंगनानी – 15 किमी०
गंगनानी से हर्षिल – 26 किमी०
हर्षिल से गंगोत्री – 25 किमी०

केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग. Chaar dham Yatra Nakshsa

देहरादून से रुद्रप्रयाग – 80 किमी०
रुद्रप्रयाग से तिलवारा – 9 किमी०
तिलवारा से अगस्तमुनी – 10 किमी०
अगस्तमुनी से गुप्तकाशी – 20 किमी०
गुप्तकाशी से सोनप्रयाग – 23 किमी०
सोनप्रयाग से गौरीकुंड – 5 किमी०
गौरीकुंड से रामबाड़ पुल – 07 किमी०
रामबाड पुल से लिचोली – 6.5 किमी०
लिचोली से केदारनाथ – 4 किमी०

बद्रीनाथ धाम यात्रा मार्ग. Chaar dham Yatra Nakshsa

देहरादून से देवप्रयाग – 105 किमी०
देवप्रयाग से श्रीनगर – 35 किमी०
श्रीनगर से रुद्रप्रयाग -32किमी०
रुद्रप्रयाग से कर्ण प्रयाग – 30 किमी०
कर्ण प्रयाग से नंद प्रयाग – 21 किमी०
नंद प्रयाग से चमोली – 10 किमी०
चमोली से जोशीमठ – 46 किमी०
जोशीमठ से बद्रीनाथ – 43 किमी०

चार धाम यात्रा मार्ग. Chaar dham Yatra Nakshsa

दोस्तों ऊपर दिए गए मारे के माध्यम से आप समझ सकते हैं कि चार धाम यात्रा मैप हम किस तरीके से तैयार कर सकते हैं। मान्यता है कि चारधाम यात्रा की शुरुआत हरिद्वार में गंगा स्नान के बाद शुरू की जाती है। यहां से चार धाम यात्रा का सबसे पहला पड़ाव यमुनोत्री धाम होता है।

चारधाम यात्रा मैप का दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम होता है। यहां पर सभी श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन करते हुए आशीर्वाद लेते हुए लेते हैं। मां गंगोत्री धाम मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। गंगोत्री धाम को गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है।

चार धाम यात्रा मार्ग का अगला पड़ाव यानी कि तीसरा पड़ाव बद्रीनाथ रहता है। बद्रीनाथ मंदिर हिंदू देवता विष्णु को समर्पित है। हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। जो कि अपनी भव्य प्राचीन भाषा एवं शिल्पकला के लिए जाना जाता है। गंगा स्नान के बाद सभी श्रद्धालु बद्रीनाथ मंदिर में पहुंचते हैं जहां पर भगवान विष्णु की पूजा आराधना करके अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ते हैं।

केदारनाथ धाम, चार धाम यात्रा का चौथा बड़ा ज्ञान की अंतिम पड़ाव केदारनाथ धाम होता है । चार धाम एवं पंच केदार में से एक हैं। भगवान भोलेनाथ को समर्पित एक जगह है धर्म आस्था और ऐतिहासिक स्थली मानी जाती है। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर 22000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

चार धाम यात्रा में कितने दिन लगते हैं। Char Dham Yatra Me Kitne Din Lagte Hai

चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है तो जो भक्त पहली बार चार धाम यात्रा करने जा रहे हैं उनके पास यह प्रश्न तो जरूर होता है कि आखिर चार धाम यात्रा में कितने दिन लगते हैं। क्योंकि सभी लोगों को फिर उस हिसाब से अपनी यात्रा प्लेन करनी पड़ती है यदि आप ही स्टेशन से जुड़ गए हो तो बताना चाहेंगे कि आईआरसीटीसी से मिली जानकारी के अनुसार चार धाम यात्रा में कुल 12 दिन लगते हैं।

इस यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के अलावा गुप्तकाशी हरिद्वार सोनप्रयाग और बड़कोट में रहने की व्यवस्था भी की जाती है। इसलिए संपूर्ण चार धाम यात्रा का समय 12 दिन का हो सकता है। आप ऊपर दिए गए मार के माध्यम से चारधाम यात्रा मार्ग तैयार कर सकते हैं।

दोस्तों यह था हमारा आज का लेख जिसमें हमने आपको चारधाम यात्रा मार्ग के बारे में जानकारी दी। चार धाम यात्रा करने से पहले आप दिए गए मार्ग को अच्छे से समझ कर अपनी चार धाम यात्रा का प्लान बना सकते हैं।

चार धाम यात्रा पैकेज helicopter. Char Dham Yatra Package by helicopter


बताना चाहेंगे कि चार धाम यात्रा पैकेज हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी आप सभी लोग चार धाम यात्रा कर सकते हैं। यह केवल उन लोगों के लिए है जो अपने समय की बचत करना चाहते हैं । तथा बुजुर्ग व्यक्ति जो कि इन चारों धामों की यात्रा पैदल करने में असमर्थ है लेकिन वह चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं। ऐसे मौके पर उनके लिए चार धाम यात्रा पैकेज हेलीकॉप्टर शुरू किया गया है। चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर के माध्यम से पूर्ण करने पर आप अपने समय की बचत कर सकते हैं। लेकिन चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर पैकेज के बारे में कोई भी निश्चित जानकारी नहीं है । क्योंकि यह हर स्थान एवं हर कंपनी द्वारा अलग-अलग रेट ऑफर किए जाते हैं। फिर भी एक अंदाजा से मानते चले तो लगभग एक लाख से ऊपर आपका चार धाम यात्रा हेलीकॉप्टर पैकेज बैठने वाला है।

चार धाम यात्रा पंजीकरण 2023 – Char Dham Yatra Registration 2023


चार धाम यात्रा को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा चार धाम यात्रा पंजीकरण शुरू किया गया है। जिसके माध्यम से सभी श्रद्धालु उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से यात्रा का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और के बाद अपनी शुभ यात्रा आरंभ कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आप registrationandtouristcare.uk.gov.in पर विजिट करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जबकि उत्तराखंड के रहने वाले मूल निवासियों के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य नहीं है। सरकार द्वारा ई-पास की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है । अब केवल रजिस्ट्रेशन करके ही शादीशुदा लो चार धाम की यात्रा कर सकते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.

Chat For Book Trip