हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में, जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते ही हैं कि हमारे ब्लॉग पर आपको हर हफ्ते एक नई पोस्ट महत्वपूर्ण जानकारी के साथ साझा मिलती हैं जो हमारे नियमित पाठक हैं उन्हें उन्हें पता होगा कि महीने में दो लेख यात्रा प्लानिंग के लिए मिलते हैं और उसी कि श्रेणी में आज हम लाए हैं आपके लिए कछर की दार्शनिक स्थलों के बारे में जानकारी वैसे तो कछर में घूमने के लिए बहुत सारे जगह हैं लेकिन आज की पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां के बारे में बहुत कम लोगों को पता है और उस जगह को एक्सप्लोर करके आप अपनी एक खूबसूरत यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आएगी इसलिए इसे लास्ट तक पढ़ना बिल्कुल भी ना भूले|
अपनी आलौकिक सुंदर छवि बनाया हु़वा कछर अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए प्रसिद्ध है कछर भरत के असम राज्य का जिला है जो की अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ पर्यटक स्थलों के लिए भी पहचान बनाया हुआ है यदि बात की जाए कछर के इतिहास के बारे में तो कछर 1562 में त्रिपुरा का हिस्सा हुआ करता था असम के सबसे प्राचीन जिलों में से एक है आजादी के बाद जिले को चार भागों में विभाजित किया गया था भौगोलिक स्थिति की बात की जाए तो कछर का क्षेत्रफल लगभग 3786 किलोमीटर है और जिले की कुल जनसंख्या सन 2011 की जनगणना के अनुसार 1736617 है वही बात की जाए कछर जिले में बोले जाने वाली भाषा के बारे में तो आपको बता दें कि कछर जिले में हिंदी, बंगाली और असमिया भाषा का उपयोग किया जाता है लेकिन बंगाली जिले की आधिकारिक भाषा के रूप में मानी जाती है कुल जनसंख्या का 75 % लोगों द्वारा बंगाली बोली जाती है यदि आर्थिक दृष्टि से देखें तो जिले की अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्यों पर निर्भर हैं कृषि के द्वारा है यहां के लोग अपनी आजीविका उत्पन्न किया करते हैं और एक अच्छा खासा व्यापार के रूप में भी कृषि ने अपनी भूमिका निभाई है और वैसे भी असम अपनी चाय के बागानों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं |
- कछर का किला
- प्रसिद्ध भुवनेश्वर मंदिर
- सतेंद्र मोहन देव स्टेडियम
- श्री कांचा कांति देवी मंदिर
कछर का किला – कछर का किला कछर के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों में से एक हैं यह न केवल असम राज्य का ही एक पर्यटक स्थल है बल्कि भारत कर दी है एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में जाना जाता है अपनी वस्तु और शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है यह किला प्राचीन काल का है बताया जाता है कि इस संग्रहालय में भारतीय इतिहास से जुड़े कई कीमती चीजें रखी गई है लेकिन कुछ सालों में देखा गया है कि बहुत सी चीजें नष्ट हो चुकी है यदि आप कछर की यात्रा पर है तो आपको कचारी किला के दर्शन जरूर करनी चाहिए|
प्रसिद्ध भुवनेश्वर मंदिर – हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र बना भुवनेश्वर मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है यह न केवल कछर जिले का मंदिर है बल्कि यह असम का प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जहां पर हजारों की संख्या में भक्तों का आना जाना लगा रहता है यदि आप आस्था के पुजारी हैं और भगवान शिव जी के भक्त है तो आपको भुवनेश्वर मंदिर में भगवान शिव जी के दर्शन करने जरूर जाना चाहिए, मंदिर का मार्ग थोड़ा रोमांच भरा है आपको बता दें कि मंदिर का मार्ग पूरा पैदल है लगभग 15 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने पर यह भुवनेश्वर मंदिर पहुंचना पड़ता है इसलिए जब कभी भी आओ अपनी पूरी तैयारी के साथ मंदिर के दर्शन करने आएं|
सतेंद्र मोहन देव स्टेडियम – इतिहास की झलक प्रकट करने के साथ-साथ यहां पर आपको सत्येंद्र मोहन देव स्टेडियम भी देखने को मिल जाता है वैसे तो यह जगह एक पर्यटक स्थल के रूप में मानी जाती हैं इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता हमने के कारण यहां अधिक मात्रा में पर्यटक आते नहीं हैं आप चाहे तो अपनी यात्रा की सूची में इस जगह का नाम जोड़ सकते हैं और इस खूबसूरत स्टेडियम के दर्शन कर सकते हैं स्टेडियम के अंदर आपको तरह-तरह की फूलों की वैरायटी और काफी सजावटी चीजें देखने को मिल जाती है क्योंकि यहां के आकर्षण का केंद्र बिंदु बना हुआ है|
श्री कांचा कांति देवी मंदिर – कछर के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों की सूची में श्री कांचा कांति देवी मंदिर का नाम भी अपने आप में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर आता है हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित यह मंदिर अपनी वास्तु और शिल्प कला उनके लिए काफी प्रसिद्ध है मंदिर थोड़ा छोटा है लेकिन खूबसूरती के लिहाज से देखें तो इसे काफी अच्छे तरीके से सजाया गया है आस्था की प्रतीक इस मंदिर में भक्तों का आना जाना लगा रहता है सड़क मार्ग की अच्छी संपर्कता होने के कारण काफी अधिक संख्या में लोग यहां आया करते हैं|
दोस्तों कछर मैं यात्रा के दौरान आपको विश्राम के लिए होटल और खाने के लिए एक शुद्ध और स्वादिष्ट खानपान चाहिए होता है सफर का मजा तभी आता है जब वहा के स्थानीय खान पान का आंनद लिया जाए, स्वाद के शौकीन लोगों के लिए कछर का स्थानीय खान पान कही न कही उनके मुंह में पानी लाने वाला है यहां के स्थानीय मसालों द्वारा और पारंपरिक तरीकों से बनाया गया चट पटा खाना आपको यहां दुबारा आने के लिए बेताब करने वाला है जिस तरह हर राज्य के अलग अलग भोजन के व्यंजन होते हैं ठीक उसी प्रकार से कछर के भी अलग अलग भोजन के व्यंजन है जो कि यहां के प्रसिद्ध खानपान की श्रेणी में आते हैं और आपको कहीं ना कहीं ये भोजन के व्यंजन जरूर पसंद आने वाले है मांसाहारी हो या शाकाहारी दोनों तरह के व्यंजन यहां काफी बनाएं जाते है हम आपको कछर राज्य के खानपान के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में बताने वाले हैं जो कि आपको कछर राज्य की यात्रा के दौरान मदद करेगी और आप आसानी से किसी भी व्यंजन के स्वाद का आनंद ले सकते हैं|
मासोर टेंगा – मासोर टेंगा कछर की सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खानपान में से एक हैं नॉन वेजिटेरियन खाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छी डिश होने वाली है मासोर टेंगा मैं नींबू से बने शोरबा को धीमी आंच में पकाया जाता है जो कि खाने में काफी स्वादिष्ट और चटपटा होता है|
पारो मांशो – कबूतर के मांस से बनने वाली यह प्रसिद्ध असमिया डिश लोगों को काफी पसंद आती है खास विधि और स्थानीय मसालों द्वारा बनी यह स्वादिष्ट डिश सर्दियों के समय में ठंड से बचने के लिए अधिक लोगों द्वारा खाया जाता है अपनी चटपटे स्वाद के लिए प्रसिद्ध यह डिश यहां आएं पर्यटकों द्वारा भी काफी पसंद की जाती है|
आलू पिटिका – रात के खाने में कछर के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा बार खाए जाने वाला रात्रि संस्करण आलू पिटिका है जिसे मैश किए गए आलू की सहायता से बनाया जाता है साधारण सा दिखने वाली यह डिश सरसों के तेल से चोंखा जाता है और दाल चावल के साथ इसे साइड डिश के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके स्वाद को बढ़ाने और खूबसूरत दिखने के लिए इसे हरे कटे हुए धनिया से सजाया जाता है|
ऊ खट्टा – मुंह के स्वाद को शिखर तक पहुंचाने के लिए कछर की चटपटी और मीठी चटनी जिसे ऊ खट्टा के नाम से जाना जाता है यहां की लोकप्रिय खानपान में से एक है समानता है इसे दाल चावल और रोटी सब्जी के साथ खाया जाता है इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है|
खार – कछर की लोकप्रिय डिश में शामिल खार एक नॉन वेजिटेरियन डिश है जिसे खार और दालें के साथ साथ कच्चा पपीता के मिक्सर से बनाया जाता है जो की इसके स्वाद को और अधिक बढ़ा देता है खास तौर पर इस डिश को चावल के साथ ख़ाना ज्यादा पसंद किया जाता है|
asam dress, creative Commons, License-(CC BY – SA 4.0) |
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