हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज के नए पोस्ट में जिसमें हम उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित मंदिरों के बारे में चर्चा करने वाले हैं तो प्लीज इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ना इसके माध्यम से आपको पता चल जाएगा की पौड़ी गढ़वाल में कौन-कौन से मंदिर सबसे प्रसिद्ध है जहां आप अपनी यात्रा का आनंद उठा सकते हैं,
मां कालिंका मंदिर – मां कालिका का मंदिर पौड़ी गढ़वाल की बीरोंखाल ब्लॉक में स्थित है जोकि जोकि मणि और कुमाऊं के सराय खेत बाजार के पास स्थित है पहाड़ की ऊंची चोटी पर बना यह मंदिर मां काली को समर्पित है हरे-भरे पहाड़ों की आड़ में बसा यह मंदिर गढ़वाल कुमाऊं का सबसे लोकप्रिय मंदिर माना जाता है इसका निर्माण ही गढ़वाल कुमाऊं की एकता को बनाने रखने के लिए किया गया था बताया जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां काली के दरबार में प्रार्थना करते हैं भगवान उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं यही कारण है कि यहां पर भक्तों की जमकर भीड़ इकट्ठा होती है बता दे कि सर 3 वर्ष के अंतराल में यहां पर बहुत बड़े मेले (कलिंका जतोडे) का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में यहां पर भक्तों की भीड़ इकट्ठा होती है और मंदिर में सभी लोग दान दक्षिणा भी देते हैं जिसका उपयोग मंदिर विकास समिति द्वारा मंदिर के विकास कार्यों में किया जाता है
नाग देवता मंदिर – नाग देवता का मंदिर पौड़ी में स्थित है और यह केवल पौड़ी गढ़वाल का ही नहीं अपितु उत्तराखंड के अलावा अन्य शहरों से भी पर्यटक इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं बुआ खाल मोटर मार्ग में स्थित यह मंदिर डोभाल वंश के देवता नागदेव को समर्पित है, मंदिर के चारों तरफ आपको विभिन्न प्रकार के सदाबहार पेड़ पौधे देखने को मिलेंगे जो अपने सुंदर हरे-भरे व्यू से भक्तों का मन मोह ताज कर देते हैं, इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि 200 वर्ष पूर्व दो बार गांव में एक बालक ने जन्म लिया जिसका ऊपरी हिस्सा मनुष्य की तरह तथा नीचे का हिस्सा नाग की तरह का था जिसे गांव के लोग नाग का रूप मानने लगे, बालक ने अपने पिता से कहा कि मुझे भोगड़ी मंदिर के पास स्थापित कर दो , गांव वालों ने ठीक ऐसा ही किया बताया जाता है कि बच्चे श्रद्धालुओं को नाग देवता आज भी दर्शन देते हैं यही कारण है कि यहां पर हजारों की संख्या में भक्तों का आना जाना लगा रहता है,
धारी देवी मंदिर – देवी काली को समर्पित यह मंदिर पौड़ी गढ़वाल जिले का प्रसिद्ध मंदिर के रूप में जाना जाता है मां धारी देवी को उत्तराखंड की पालक देवी के रूप में जाना जाता है इस मंदिर की स्थापना के बारे में बताया जाता है कि मां धारी देवी का मुख्य मंदिर रुद्रप्रयाग के अलकनंदा नदी के किनारे में स्थित है धारी देवी मूर्ति का आधा हिस्सा नदी में बह कर यहां पर आया था तब से लेकर यहां पर भी मां धारी देवी की पूजा की जाती है बताया जाता है कि मां धारी देवी दिन के दौरान अपना रूप बदलती है और कभी लड़की तो कभी औरत और कभी एक बूढ़ी औरत जैसे रूपों को धारण करती हैं आप जब कभी भी पौड़ी गढ़वाल की यात्रा करने का प्लान बनाएं तो मां धारी देवी के मंदिर को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें,
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नीलकंठ महादेव मंदिर – भगवान शिव जी को समर्पित यह मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित है ऋषिकेश के राम झूला से कुछ ही दूरी पर स्थित यह मंदिर समुद्र तल से 1675 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है सामने की पहाड़ी पर आपको मां पार्वती जी का मंदिर भी दिखाई देगा, वैसे तो इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी ही होती है लेकिन वर्ष के शिवरात्रि और साबुन के अवसर पर आपको यहां काफी भीड़ देखने को मिलेगी इस मंदिर में आपको प्राचीन वास्तु कला की छवियों के साथ यहां पर झरना भी देखने को मिलेंगे प्राकृतिक सुंदरता की बात करें तो बता दे कि चारों तरफ आपको हरे-भरे पहाड़ देखने को मिलेंगे जिसमें विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे फूल स्थित हैं भगवान शिव जी के दर्शन करने के बाद आप ऋषिकेश में घूमने भी जा सकते हैं यहां से ऋषिकेश 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
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सिद्ध बली मंदिर – सिद्धबली मंदिर पौड़ी गढ़वाल के कोरबा शहर का प्रसिद्ध मंदिर है समुद्र तल से 40 मीटर की ऊंचाई पर पोहा नदी के किनारे पर स्थित यह मंदिर भगवान श्री हनुमान जी को समर्पित है आसपास के वातावरण के बारे में बात करें तो बता दें कि यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है इसके आसपास की सुंदरता आपके मन को अंदर से तो पास कर देगी यह मंदिर काफी प्राचीन है बताया जाता है कि गुरु गोरख नाना और उनके शिष्यों ने यहां पर काफी लंबे समय तक तपस्या की जिन्हें बाद में सिद्ध के नाम से जाना गया, इस मंदिर में सभी हिंदू मुस्लिम सभी लोग भगवान के दर्शन करने आते हैं वैसे तो इस मंदिर में भक्तों की भीड़ एकत्रित रहती है लेकिन खासतौर पर जब इस मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जाता है तो इसमें हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ एकत्रित रहती है सभी लोग मंदिर में भेंट चढ़ाने के साथ-साथ मंदिर के विकास के लिए दान दक्षिणा भी देते हैं,
बिनसर महादेव मंदिर – बिनसर महादेव मंदिर पौड़ी गढ़वाल का प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है जो कि थलीसैंण ब्लाक के अंतर्गत आता है समुद्र तल से 1860 फीट की ऊंचाई पर बसा यह अलौकिक मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है इसके साथ साथ कि आपको इसमें विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा भी देखने को मिल जाती है प्राचीन काल से ही आस्था का केंद्र रही यह मंदिर आसपास के गांव का प्रसिद्ध मंदिर है आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य ता के बारे में बात करें तो बता दे कि मंदिर से चारों दिशाओं का दृश्य आपको मनोरम दिखाई देगा,
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देवदार और चीड़ के पेड़ों की छांव में बसा यह मंदिर बिनसर महादेव जी के नाम से भी जाना जाता है आमतौर पर यहां पर भक्तों का आवागमन देखने को मिलता रहता है, बताया जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से दुआ करते हैं भगवान उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं यदि आप बिनसर महादेव के दर्शन करना चाहते हैं आपको सबसे पहले पेट से और दूसरा मार्ग जगतपुरी पहुंचना होगा वहां से पर्यटको को पैदल यात्रा तय करनी पड़ती है,
हरिद्वार में घूमने की जगह, Haridwar Main Ghumne Ki Jagah
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपको हरिद्वार में घूमने की जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़िएगा, क्योंकि इसी आर्टिकल में हम आपके साथ और भी प्रमुख बातें साझा करने वाले हैं जो आपकी यात्रा के दौरान काम आने वाले हैं
हरिद्वार भारत के उत्तराखंड राज्य का एक पवित्र और प्राचीन नगरी हैं समुद्र तल से 339 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हरिद्वार हिंदुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक हैं हरिद्वार को हर की पौड़ी के नाम से भी जाना जाता है हरिद्वार तीर्थ स्थल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है देश के कोने-कोने से लोगों का आवागमन यहां पर लगा रहता है भक्ति की अपार श्रद्धा इस स्थल को और खास बनाती है हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ हरि मतलब ईश्वर का द्वार होता है हरिद्वार में हर 12 वर्ष के अंतराल में हरदम एक महापुरुष का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी वक्त हरिद्वार पधार कर पूजा करके गंगा नदी में स्नान करते हैं यहां का प्रसिद्ध स्थान हर की पौड़ी है यही आपको गंगा का मंदिर भी देखने को मिलेगा हर की पौड़ी पर लाखों लोग स्नान करते हैं इसके अलावा यहां के और दर्शनीय स्थल है यदि आप हरिद्वार यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको हरिद्वार के साथ-साथ उसके आसपास के घूमने लायक जगह के दर्शन जरूर करनी चाहिए हरिद्वार की प्राकृतिक सुंदरता आपके मन को अंदर से तरोताजा कर देगी, तो चलिए जान लेते हैं हरिद्वार के निकट के दर्शनीय स्थलों के बारे में जहां एक या 2 दिन का समय लेकर हरिद्वार की पवित्र और प्रसिद्ध स्थानों का आनंद लिया जा सकता है,
हरिद्वार के दर्शनीय स्थल, Haridwar Ke Darshniya Ithal
वैष्णो माता मंदिर
हर की पौड़ी
राजाजी नेशनल पार्क
मां चंडी देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर
शांतिकुंज
वैष्णो माता मंदिर – वैष्णो माता का मंदिर उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर में बसा बड़ा ही लोकप्रिय मंदिर और एक पर्यटक स्थल हैं जो कि देवी काली , लक्ष्मी और सरस्वती माता को समर्पित है वैष्णो देवी मंदिर की आधारशिला पर बनाई है मंदिर अपनी लोकप्रियता के लिए प्रसिद्ध है इस मंदिर में पहुंचने का सफर ठीक उसी प्रकार से रहता है जिस तेरा जम्मू कश्मीर में स्थित वैष्णो देवी मंदिर कहां का है क्योंकि वैष्णो माता मंदिर काटने के लिए भी पर्यटकों भक्तों को वफा एवं स्वयं को सेव कर चलना पड़ता है इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि देवी केवल उन लोगों को ही आशीर्वाद देती है जो केवल सच्चे मन और दिल से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं यदि आप हरिद्वार आए हैं तो आपको वैष्णो माता मंदिर के दर्शन जरूर करना चाहिए आसपास का वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता इस मंदिर का आकर्षण बढ़ाती है वैसे तो इस मंदिर में पर्यटकों की जमकर भीड़ इकट्ठा होती है लेकिन बसंत पंचमी और गंगा दशहर के दिनों में आपको यहां काफी भीड़ देखने को मिल जाती है
हर की पौड़ी – हर की पौड़ी हरिद्वार का केवल एक पर्यटक स्थल ही नहीं है अपितु यह एक है द्वारका पवित्र स्थल भी हैं हरिद्वार के दर्शनीय स्थल में हर की पौड़ी का नाम भी सर्वश्रेष्ठ स्थान पर आता है हर की पौड़ी के बारे में बताया जाता है कि जब समुद्र मंथन के बाद विश्वकर्मा जी अमृत ले जा रहे थे तो बताया जाता है कि अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गई और जहां जहां भी यह अमृत की पवित्र बूंदे गिरी उन्हें धार्मिक स्थल माना गया और उन्हीं में से एक हरिद्वार की हरकी पौड़ी जगह भी हैं जहां अमृत की बूंदे पड़ी यहां पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है यहां श्रद्धालु की इच्छा रहती है कि वह हर की पौड़ी में स्नान करें,
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राजाजी नेशनल पार्क – राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार का नेशनल ही नहीं है अभी तो यह भारत और देश विदेश से आए पर्यटकों का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है 820 वर्ग में फैला राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड के 3 जिलों में फैला एक मात्र पार्क है इसकी स्थापना सन 1983 को हुई थी यह तीन अभयारण्य से मिलकर बना हुआ है प्राकृतिक सुंदरता और अनेक प्रकार के सुंदर सुंदर चिड़िया, पशु-पक्षी इसके सौंदर्य पर चार चांद लगा देती है भारत में घूमने की बात करें तो यह पाक हर वर्ष 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है इस बीच आप यहां आ सकते हैं और 34 किलोमीटर की लंबी जगली सफारी का आनंद ले सकते हैं इस बीच आपको सुंदर घाटियां पहाड़ियों और नदियों की सुंदर और आकर्षक दृश्य देखने को मिल जाते हैं
मां चंडी देवी मंदिर – चंडी देवी मंदिर का नाम भी उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों की सूची में आता है यहां उत्तराखंड का लोकप्रिय भी हैं जो कि मा चंडी देवी को समर्पित हैं हरिद्वार में नहीं पर्वत की चोटी में बसा यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है जो 52 शक्तिपीठों में से एक है इस मंदिर के निर्माण विषय के बारे में बताया जाता है कि इसका निर्माण कश्मीर के राजा सुचेत सिंह ने सन 1929 में की थी और इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य ने 18वीं सदी में चंडी देवी की मूल प्रतिमा स्थापित की, आसपास के दृश्यों के बारे में बात करें तो चारों तरफ पहाड़ और पहाड़ी की तलहटी पर बहती गंगा नदी और हसीन वादियां इसके दर्शकों हसीन बनाती हैं
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मनसा देवी मंदिर – मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले का प्रसिद्ध मंदिर है जो देवी मनसा को समर्पित है हर की पौड़ी के पास स्थित यह मंदिर गंगा नदी के किनारे में स्थित हैं मनसा देवी मंदिर को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजा की जाती है साथ ही मनसा देवी को नागकन्या और रुद्रांश के नाम से भी जाना जाता है महाभारत के अनुसार मनसा देवी का वास्तविक नाम जरत्वकारु है बताया जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में आकर सच्चे मन और दिल से दुआ करते हैं देवी मनसा उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करती हैं पहाड़ी पर स्थित होने के कारण आसपास का भी बड़ा ही सुंदर और रोमांच भरा दिखाई देता है यदि हरिद्वार का प्लान बना रहे हैं तो आपको मनसा देवी मंदिर जरूर जाना चाहिए,
शांतिकुंज – शांतिकुंज हरिद्वार का जानी-मानी जगह है यह गायत्री परिवार का मुखिया कौन है जिसकी स्थापना 1971 में की गई थी यह एक आश्रम के रूप में भी जाना जाता है जहां विभिन्न प्रकार की शिक्षाओं को प्रदान किए जाने का कार्य किया जाता है शांतिकुंज भारतीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने वाला आदर्श केंद्र है
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हरिद्वार घूमने का सही समय, Haridwar Ghumne Ka Sahi Samay
मौसम के अनुकूल आप हरिद्वार घूमने का प्लान सितंबर अक्टूबर में बना सकते हैं क्योंकि इन महीनों में यहां का मौसम सही बना रहता है आम तौर पर देखें तो बरसात और ठंड के महीनों से बच कर आप यहां घूमने का प्लान बना सकते हैं
हरिद्वार में रहने के लिए आश्रम, Hotels In Haridwar
हरिद्वार की यात्रा करने के दौरान आपको कुछ दिन वहां रुकना पड़ेगा मैं आपको कुछ होटल के नाम नीचे दे रहे हैं जहां आपको मोड बहुत सभी सुविधाएं मिल जाएगी आप आराम से वहां रुक कर अपनी यात्रा का लुफ्त उठा सकते हैं,
- रेडिसन ब्लू
- गोल्डन तुलिप
- होटल दा रियो
- गायत्री गेस्ट हाउस
- लक्ष्मण होटल
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