हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग की आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपको मेघालय के पर्यटन स्थल के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िएगा इस पोस्ट में हम आपको वह सभी बातें बताने वाले हैं जो बातें आपके मेघालय की यात्रा के दौरान काम आने वाली होगी तो चले पोस्ट को शुरू करते हैं
मेघालय
मेघालय भारत का एक जाना माना राज्य है जो कि 22430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है मेघालय का शाब्दिक अर्थ होता है बादलों का घर और शिलांग इसकी राजधानी के रूप में जाना जाता है इसकी स्थापना सन 1 अप्रैल 1970 को हुई थी और 2011 के जनगणना के अनुसार इस की कुल जनसंख्या 3.212.000 हैं बता दे कि मेघालय पूर्वोत्तर भारत की सात बहनों वाले राज्य में से एक हैं और मेघालय एक पर्वतीय राज्य है जिसमें घाटियों और पठारो के अलावा कई चीजें देखने लायक हैं मेघालय की जलवायु की बात करें तो यहां की जलवायु समशीतोष्ण है जिसमें यहां का मौसम जलवायु के मुताबिक सामान्य बना रहता है इसके अलावा बात करें तो गर्मी के मौसम में उच्चतम तापमान 28 डिग्री से ऊपर जाता है जबकि सर्दियों में यहां का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है मेघालय में बोली जाने वाली भाषा की बात करें तो यहां पर मुख्य रूप से भारत के सभी राज्यों के लोग आकर बसे हैं जिसके कारण यहां पर हिंदी भाषा का भी वार्तालाप में प्रयोग किया जाता है इसके अलावा यहां पर खांसी, मराठी और गोरा के साथ-साथ नेपाली भाषा का भी प्रयोग किया जाता है
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मेघालय का खाना
मेघालय के पर्यटन स्थल को जानने से पहले हमें यह जान लेना चाहिए कि मेघालय का खानपान कैसा है क्योंकि जब हम मेघालय में यात्रा करेंगे तो सबसे पहले हमें वहां खाने पीने की चीजों की जरूरत होगी इसलिए यह जानना भी हमारे लिए बहुत जरूरी है मेघालय में खाने के व्यंजनों की कमी नहीं है स्वाद के दीवानों के लिए यहां एक शुद्ध और स्वादिष्ट खाना हमेशा तैयार रहता है और इसी खाने को स्वादिष्ट बनाते हैं वहां के लोकप्रिय मसाले और यहां के लोगों का प्यार
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जोधा- मेघालय की प्रसिद्ध डिश है इसका प्रयोग दिन के खाने में किया जाता है यह एक लाल चावल होता है जिसे चिकन या मछली के साथ पकाया जाता है
गिनी सोंगा – यह व्यंजन दिन और रात्रि के समय प्रयोग किया जाता है इसे बनाने के लिए मीनिल चावल का प्रयोग किया जाता है खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट और चटपटा लगता है इसलिए ज्यादातर लोंग इसे पसंद करते हैं
दोहा -खलीह – खाने के व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने और शुद्ध बनाने की परंपरा तो मेघालय में सदियों से है दोह खलीह भी मेघालय का स्वादिष्ट व्यंजन है यह सूअर के मांस का बनता है तथा इसमें प्याज और मिर्च का प्रयोग भी स्वाद को दोगुना करने के लिए किया जाता है
नखम वितची – यह मेघालय का पारंपरिक शुद्ध सूफ़ है इसका प्रयोग भोजन खाने से पहले किया जाता है यह मछली को धूप में सुखाकर और बाद में पानी के साथ उबालकर तेल में चला जाता है यह सूफ़ काफी स्वादिष्ट होता है
मेघालय के पर्यटन स्थल
चेरापूंजी – मेघालय के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में चेरापूंजी शहर का नाम सर्वश्रेष्ठ स्थान पर आता है जिसे सोहरा के नाम से भी जाना जाता है मेघालय की राजधानी शिलांग से यह लगभग 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह केवल भारत का ही नहीं अपितु देश विदेशों का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में जगह बना हुआ है यह जगह सर्वाधिक बारिश के लिए भी जाना जाता है यहां के दर्शनीय स्थल कुछ इस प्रकार से है
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नोहकलिकाई – यह एक वाटर फॉल जो कि चेरापूंजी का प्रसिद्ध वाटरफॉल के रूप में जाना जाता है बताया जाता है कि इसका नाम दुनिया के चौथे सबसे गहरा वाटरफॉल के रूप में जाना जाता है इसमें जो पानी गिरता है वह 335 मीटर की ऊंचाई से गिरता है जिन लोगों को वाटरफॉल देखने का शौक और फोटो शूट करने का शौक है उनके लिए यह जगह प्रसिद्ध है
मावसई गुफा – यह गुफा चेरापूंजी की प्रसिद्ध गुफाओं में से एक है जिसके साथ इतिहास के कई अद्भुत और रहस्यमई बातें जुड़ी हुई है इस गुफा की लंबाई 200 मीटर है और इस सफर को हसीन बनाते हैं इसमें स्थित जी और वनस्पतियां
डेंथलेन फॉल – प्राकृतिक सुंदरता की चाह रखने वाले पर्यटकों के लिए डेंथलेन फॉल भी एक अच्छी जगह है चेरापूंजी से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह वाटरफॉल केवल देश का ही नहीं अपितु विदेशी पर्यटकों का भी पर्यटक स्थल हैं आसपास के पहाड़ और ऊंचाई से गिरता पानी देख मन को अलग ही शांति मिलती है
चेरापूंजी की अन्य दर्शनीय स्थल – इसके साथ ही आप यहां के अन्य दर्शनीय स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं जैसे डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज, इको पार्क ,नोकरेक ,नोकरेक नेशनल पार्क आदि
शिलांग – शिलांग केवल मेघालय की राजधानी के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है अपितु यह एक टूरिस्ट प्लेस के लिए भी जाना जाता है समुद्र तल से 1491 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलांग प्राकृतिक सुंदरता लिए हसीन पहाड़ियों के अलावा यहां आपको कई प्रकार के झील घाटियों के साथ-साथ कई अन्य जगह भी देखने को मिलेगी
शिलांग पीक – समुद्र तल से 6449 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिलांग पीक शिलांग का सबसे उच्चतम बिंदु के रूप में जाना जाता है इस झरने में आपको वाटरफॉल के साथ-साथ पक्षियों की कई प्रजातियां भी देखने को मिलेंगे इस दृश्य का आनंद लेने के लिए पर्यटक दूरबीन का सहारा लेते हैं और उन्हें इस दृश्य को देखने का बड़ा ही आनंद आता है
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वार्ड की झील – शिलांग का प्रसिद्ध झील के रूप में वार्ड की झील का नाम भी सर्वश्रेष्ठ स्थान पर आता है जिसे पोलक झील के नाम से भी जाना जाता है यहां पर्यटकों को हरे-भरे घास और सुंदर फूल के बगीचे में देखने को मिलेंगे यह दृश्य पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है
मावफलांग – मावफ्लांग शिलांग का एक गांव है जो कि चारों तरफ से हरियाली से घिरा हुआ है यह शिलांग से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां से पर्यटकों को आसपास का सुंदर व्यू देखने को मिलता है जिसमें पहाड़ और जीव और अनेक प्रकार की वनस्पतियां शामिल है
मेघालय राज्य संग्रहालय – शिलांग में स्थित मेघालय राज्य संग्रहालय भी शिलांग का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है इस संग्रहालय में पर्यटक को को प्राचीन इतिहास के समय की आदिवासी कलाकृतियां एवं आकृतियों के साथ-साथ शास्त्रों का संग्रह भी देखने को मिलता है
शिलांग के अन्य पर्यटक स्थल – यहां के अन्य दर्शनीय स्थल को किस प्रकार से हैं उमियाम झील, हाथी झरना, मोसिनराम ,वास्तु संग्रहालय, लेडी हैदरी पार्क आदि
डॉकी – यह मेघालय का कस्बा है जो कि हिल्स जिले में आता हैं डॉकी मेघालय का जाना माना पर्यटक स्थल है और यहां पर्यटकों को झील, घाटियों के अलावा अन्य प्रसिद्ध जगह देखने को मिलेगी यह मेघालय की राजधानी शिलांग से 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां से बांग्लादेश बहुत करीब है यानी कि 2 किलोमीटर की दूरी पर है चारों तरफ हरे भरे पहाड़ों के बीच यात्रा करना कितना रोमांचक होने वाला है आगे चलकर देखते हैं
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उम्नगोत नदी – यहां की प्रसिद्ध नदी है जो कि अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाने जाती हैं आपको बता यह केवल एक पर्यटक स्थल ही नहीं है अपितु यह एक शॉर्टकट रास्ता है जो कि बांग्लादेश की ओर जाता है इस नदी का पानी इतना साफ होता है कि जब कभी भी कोई इसमें नौकायन करता है तो उसे गहराई का अंदाजा आसानी से हो जाता है और इसी नदी के ऊपर बना है निलंबित पुल जो कि एक सड़क मार्ग हैं डॉकी में छोटा सा मार्केट भी है जो कि दोनों शहरों को अपने आप में जोड़ने का कार्य करता है
खासी हिल्स – मेघालय की पर्यटन स्थलों में खासी हिल्स का नाम भी कम प्रसिद्ध नहीं है खासी हिल्स एक झील है जिसमें पहाड़ की ऊंचाई से नीचे वाटरफॉल होता है यदि आपको वाटरफॉल के अलावा प्राकृतिक सुंदरता और चारों तरफ पहाड़ पेड़ पौधे हरियाली देखने का शौक है तो यह जगह बिल्कुल आपके ही लिए हैं आप चाहे तो यहां दोस्तों के साथ भी आ सकते हैं साथ में आप यहां फैमली के साथ भी आ सकते हैं उनके साथ इस अद्भुत नजारों का आनंद भी ले सकते हैं साथ में यहां फोटो ग्राफी भी कर सकते हैं आसपास के पहाड़ों और वाटरफॉल को कैप्चर करके आप अपने साथ अनोखी यादें ले जा सकते हैं तो यदि आप मेघालय घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको खांसी के बारे में जरूर चर्चा करनी चाहिए
मेघालय घूमने का सही समय
यदि मेघालय घूमने का सही समय के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि वैसे तो मेघालय का मौसम हमेशा सामान्य बना रहता है जिसके कारण आप जब चाहे तब यहां के दर्शन कर सकते हैं लेकिन यदि आपको वाटरफॉल का आनंद लेना है तो बता दे कि आपको बरसात के मौसम में यहां आना चाहिए यानी कि जुलाई से अक्टूबर महीने में लगभग सभी जगह बारिश होती है जिसके कारण वाटरफॉल का पानी बढ़ जाता है तथा इसका अनोखा व्यू आपको देखने को मिलेगा तो आप वर्ष के जुलाई माह से अक्टूबर माह के बीच भी मेघालय के दर्शन कर सकते हैं यह सबसे वेस्ट टाइम रहेगा यहां की यात्रा करने का , और यदि आपको नेचुरल ब्यूटी चाहिए तो आपको अप्रैल से जून के मध्य का समय यहां की यात्रा का सही रहेगा क्योंकि इस महीने में पूरी धरती घास पेड़ पौधे फूल सभी चीजें हरी-भरी दिखाई देती है इसका नजारा ही कुछ अलग ही यादगार होगा,
मेघालय केसे पहुंचे