हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आप की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं पश्चिमी कामेंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में, वैसे तो पश्चिमी कामेंग में घूमने लायक बहुत सी जगह है लेकिन आज हम केवल यहां के प्रसिद्ध जगहों के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही इसी लेख में हम यहां का स्थानीय खान पान के बारे में भी बात करने वाले हैं
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पश्चिमी कामेंग भारत के पर्वतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध जिला है जो की प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण होने के साथ-साथ पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए एवं धार्मिक महत्व के लिए भी काफी प्रसिद्ध है राज्य के कुल क्षेत्रफल का 8.86 % होने के बावजूद भी एक अलग ही रौनक और सादगी इसमें पाई जाती है जोकि लगभग 7442 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है सामान्य रूप से यहां आपको वनस्पति की कई प्रजातियों के साथ-साथ जीव जंतुओं की भी कई प्रजातियां देखने को मिल जाती है यदि बात करें यहां के मौसम की तो वर्ष का मई और जून का महीना सबसे गर्म महा होता है इस बीच यहां पर सबसे ज्यादा गर्मी होती है जिसमें यहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहता है वही बात की जाए सर्दियों की तो दिसंबर और जनवरी वर्ष का सबसे ठंडा महीने रहता है जी वही दिन होते हैं जहां पर पर्यटक काफी मस्ती करने आते हैं इस बीच उन्हें यहां पर बर्फ भी देखने को मिलती है
पश्चिमी कामेंग की वेशभूषा पहनावा एक सामान्य रूप की हैं एक पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के लोग अपनी संस्कृति और रीति रिवाज के हिसाब से ही वस्त्र धारण किया करते हैं इसलिए यह एक अलग ही संस्कृति देखने को मिलती हैं अरुणाचल प्रदेश में महिलाएं और पुरुषों का पहना एक विशिष्ट प्रकार का है सामान्य दिनचर्या में वहां के लोग यहां के पुरुषों का पहनावा एक लूंगी और एक झबला नुमा वस्त्र होता है जो कि उसे वह कमर से ऊपरी भाग पर पहना करते हैं इसके अलावा यहां के लोग वर्ष के महोत्सव और उत्सव पर पूरे अपने वेशभूषा में आते हैं और इसी के साथ ही वहां अपने आकर्षण आभूषणों के साथ सजे धजे होते हैं जिससे वह पूरी तरह पश्चिमी कामेंग की निवासी लगते हैं,
जिस प्रकार से पश्चिमी कामेंग की संस्कृति और पहनाव खास है ठीक इसी प्रकार से यहां के खाने के व्यंजनों का स्वाद भी अपने आप में कम प्रसिद्ध नहीं है यहां पर जो भोजन का प्रयोग किया जाता है कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी होता है यहां के स्थानीय सामग्री का स्वाद ही कुछ अलग है यहां पर दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट खाने के साथ होती है जिसमें वह खोरा और पोचा का इस्तेमाल किया करते हैं चावल यहां की भोजनों के ब्यंजनो में मुख्य अंग है इसके बिना सभी व्यंजन अधूरे हैं और यहां के चावल भी काफी स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें एक अलग ही विधि द्वारा पकड़ा जाता है और खुल्लम संस्करण चावल बनाने का एक प्रचलित तरीका है दिन के खाने में यहां पर करी अंडा दाल तड़का और चावल के साथ साथ पीका पीला और थूपका खाना काफी स्वादिष्ट और प्रसिद्ध भी हैं रात्रि के भोजन में यहां पर रोटी सब्जी के अलावा वह वूंग वूत नगम, पिहक ,पाशा और नेक टॉक आदि व्यंजन सम्मिलित हैं
चिल्लीपम मठ – रूपा गांव से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिल्लीपम मठ एक प्रांगण है जो कि पश्चिमी कामेंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के रूप में जाना जाता है बौद्ध की वास्तु कला और शिल्प कला का एक अद्भुत नजारा प्रस्तुत करता चिल्लीपम मठ अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है बौद्ध कला से सुशोभित निर्माण कला और पूर्वी हिमालय घाटियों के शानदार दृश्य यदि आपको देखने हैं तो आपको इस स्थान पर जरूर आना चाहिए, प्राकृतिक सुंदरता से न्योछावर यह जगह कई पर्यटक को को अपनी ओर आकर्षित करती हैं यही कारण है कि हर साल यहां पर हजारों की संख्या में सैलानियों का आवागमन लगा रहता है,
न्यूकमाड़ोंग – न्यूकमाड़ोंग एक युद्ध स्मारक है अरुणाचल प्रदेश में हुए आतंकी हमले जिन जवानों ने देश के लिए अपने को समर्पित कर दिया था उनके नाम की जहां पर तख्तियां लगाई गई है शंकुधारी पेड़ों के बीच में स्थित न्यूकमाड़ोंग मैं आपको एक 25 फीट ऊंचा चौहटन दिखाई देगा जिसका निर्माण विशिष्ट बौद्ध शैली के अंतर्गत किया गया है यदि आप पश्चिमी कामेंग की यात्रा पर हैं तो आपको न्यूकमाड़ोंग की यात्रा जरूर करनी चाहिए
टिप्पी आर्किड अनुसंधान – यदि आपको अरुणाचल प्रदेश के किसी खास जगह के दर्शन करने हो तो आपको पश्चिमी कामेंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल टिप्पी आर्किड अनुसंधान केंद्र के दर्शन जरूर करने चाहिए, कामेंग नदी के पश्चिमी तट पर स्थित टिप्पी आर्किड अनुसंधान तेजपुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चारों तरफ पहाड़ों से ढके टिप्पी आर्किड अनुसंधान केंद्र की सबसे अच्छी जगह आर्किड ग्लास हाउस है इसका निर्माण शीशे से किया गया है जो कि दिखने में काफी आकर्षक और खूबसूरत दिखाई देती हैं, इसके चारों तरफ आपको डिस्प्ले गैलरी और फव्वारे के साथ केंद्रीय तालाब देखने को मिल जाता है जोकि इसके आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं
संगति घाटी – हिमालय की विशाल पर्वत मालाओं से गिरा हुआ संगति घाटी पश्चिमी कामेंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल का एक हिस्सा है जोकि दिरांग से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो लोग प्रकृति प्रेमी है प्रकृति के साथ जिन्हें यात्रा करना अच्छा लगता है उनके लिए संगति घाटी काफी अच्छी जगह है ऊंची ऊंची पहाड़ियां होने के कारण यदि आप यहां दिसंबर और जनवरी माह के बीच आते हैं तो आपको बर्फ की आंखें देखने को मिल जाती हैं इसके अलावा यदि आपको ट्रैकिंग और कैंपिंग का शौक है तो आप लोग अपने दोस्तों के साथ यहां पर कैंपिंग भी कर सकते हैं यहां के पहाड़ प्राकृतिक रूप से हरे-भरे और सदाबहार पेड़ों के अलावा विभिन्न प्रकार के फल – फूल के पौधे आपको यहां देखने को मिल जाते हैं जो कि इस के दृश्य को और आकर्षक बनाते हैं,
अप्पर गोम्पा – एप्पल गोम्पा एक स्कूल है जहां पर बौद्ध धर्म के अलावा विभिन्न भाषाओं पर भिक्षुओं को शिक्षा दी जाती है गोमपा बोमडिला नामक पहाड़ी के सबसे ऊपरी चोटी पर स्थित यह स्कूल अपने आप में एक पश्चिमी कामेंग के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के रूप में जाना जाता है यहां पर आपको बुद्ध की एक मंदिर देखने को मिल जाती है जिसमें विभिन्न रंगों और समृद्ध संस्कृति को दिखाया गया है यदि आप लोग भी इस खूबसूरत जगह का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको अप्पर गोम्पा मैं जरूर विजिट करना चाहिए आप चाहे तो यहां अपने परिवार के साथ भी आ सकते हैं परिवार के साथ यात्रा करने के लिए यह एक अच्छी जगह है जो कि आपके यात्रा मोड़ को एक अच्छा अनुभव प्रदान करने वाला है, इसका निकटतम हवाई अड्डा तेजपुर और गोवा हटी हैं जहां से आप आसानी से इस जगह के दर्शन कर सकते हैं
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दोस्तों पश्चिमी कामेंग की यात्रा के उपरांत आपके यहां के दार्शनिक स्थलों की सैर करने के बावजूद भी हम आपको कुछ ऐसे कीजिए बता रहे हैं जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं और हो सकता है यह चीजें करने में भी काफी सस्ती और सरल भी हो,
- बाइक सवार
- कैंपिंग
- क्लाइंबिंग
- एडवेंचर
- स्नो स्पोर्ट्स
- पैराग्लाइडिंग
- घुड़सवारी
- वोटिंग
दोस्तों अभी तक हम पश्चिमी कामेंग के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम पश्चिमी कामेंग में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा , यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां हो ना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो पश्चिमी कामेंग में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं,
- पेमालिंग लोड्स इन दिरांग
- होटल मंडल धंग
- अनु होमस्टे
- नोर्गे गेस्ट हाउस
- होटल अशोका
हरिद्वार में घूमने की जगह, Haridwar Main Ghumne Ki Jagah
हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज की नई पोस्ट में जिसमें हम आपको हरिद्वार में घूमने की जगह के बारे में जानकारी देने वाले हैं इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पड़िएगा, क्योंकि इसी आर्टिकल में हम आपके साथ और भी प्रमुख बातें साझा करने वाले हैं जो आपकी यात्रा के दौरान काम आने वाले हैं
हरिद्वार भारत के उत्तराखंड राज्य का एक पवित्र और प्राचीन नगरी हैं समुद्र तल से 339 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हरिद्वार हिंदुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक हैं हरिद्वार को हर की पौड़ी के नाम से भी जाना जाता है हरिद्वार तीर्थ स्थल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है देश के कोने-कोने से लोगों का आवागमन यहां पर लगा रहता है भक्ति की अपार श्रद्धा इस स्थल को और खास बनाती है हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ हरि मतलब ईश्वर का द्वार होता है हरिद्वार में हर 12 वर्ष के अंतराल में हरदम एक महापुरुष का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी वक्त हरिद्वार पधार कर पूजा करके गंगा नदी में स्नान करते हैं यहां का प्रसिद्ध स्थान हर की पौड़ी है यही आपको गंगा का मंदिर भी देखने को मिलेगा हर की पौड़ी पर लाखों लोग स्नान करते हैं इसके अलावा यहां के और दर्शनीय स्थल है यदि आप हरिद्वार यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको हरिद्वार के साथ-साथ उसके आसपास के घूमने लायक जगह के दर्शन जरूर करनी चाहिए हरिद्वार की प्राकृतिक सुंदरता आपके मन को अंदर से तरोताजा कर देगी, तो चलिए जान लेते हैं हरिद्वार के निकट के दर्शनीय स्थलों के बारे में जहां एक या 2 दिन का समय लेकर हरिद्वार की पवित्र और प्रसिद्ध स्थानों का आनंद लिया जा सकता है,
हरिद्वार के दर्शनीय स्थल, Haridwar Ke Darshniya Ithal
वैष्णो माता मंदिर
हर की पौड़ी
राजाजी नेशनल पार्क
मां चंडी देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर
शांतिकुंज
वैष्णो माता मंदिर – वैष्णो माता का मंदिर उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर में बसा बड़ा ही लोकप्रिय मंदिर और एक पर्यटक स्थल हैं जो कि देवी काली , लक्ष्मी और सरस्वती माता को समर्पित है वैष्णो देवी मंदिर की आधारशिला पर बनाई है मंदिर अपनी लोकप्रियता के लिए प्रसिद्ध है इस मंदिर में पहुंचने का सफर ठीक उसी प्रकार से रहता है जिस तेरा जम्मू कश्मीर में स्थित वैष्णो देवी मंदिर कहां का है क्योंकि वैष्णो माता मंदिर काटने के लिए भी पर्यटकों भक्तों को वफा एवं स्वयं को सेव कर चलना पड़ता है इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि देवी केवल उन लोगों को ही आशीर्वाद देती है जो केवल सच्चे मन और दिल से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं यदि आप हरिद्वार आए हैं तो आपको वैष्णो माता मंदिर के दर्शन जरूर करना चाहिए आसपास का वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता इस मंदिर का आकर्षण बढ़ाती है वैसे तो इस मंदिर में पर्यटकों की जमकर भीड़ इकट्ठा होती है लेकिन बसंत पंचमी और गंगा दशहर के दिनों में आपको यहां काफी भीड़ देखने को मिल जाती है
हर की पौड़ी – हर की पौड़ी हरिद्वार का केवल एक पर्यटक स्थल ही नहीं है अपितु यह एक है द्वारका पवित्र स्थल भी हैं हरिद्वार के दर्शनीय स्थल में हर की पौड़ी का नाम भी सर्वश्रेष्ठ स्थान पर आता है हर की पौड़ी के बारे में बताया जाता है कि जब समुद्र मंथन के बाद विश्वकर्मा जी अमृत ले जा रहे थे तो बताया जाता है कि अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गई और जहां जहां भी यह अमृत की पवित्र बूंदे गिरी उन्हें धार्मिक स्थल माना गया और उन्हीं में से एक हरिद्वार की हरकी पौड़ी जगह भी हैं जहां अमृत की बूंदे पड़ी यहां पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है यहां श्रद्धालु की इच्छा रहती है कि वह हर की पौड़ी में स्नान करें,
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राजाजी नेशनल पार्क – राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार का नेशनल ही नहीं है अभी तो यह भारत और देश विदेश से आए पर्यटकों का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है 820 वर्ग में फैला राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड के 3 जिलों में फैला एक मात्र पार्क है इसकी स्थापना सन 1983 को हुई थी यह तीन अभयारण्य से मिलकर बना हुआ है प्राकृतिक सुंदरता और अनेक प्रकार के सुंदर सुंदर चिड़िया, पशु-पक्षी इसके सौंदर्य पर चार चांद लगा देती है भारत में घूमने की बात करें तो यह पाक हर वर्ष 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है इस बीच आप यहां आ सकते हैं और 34 किलोमीटर की लंबी जगली सफारी का आनंद ले सकते हैं इस बीच आपको सुंदर घाटियां पहाड़ियों और नदियों की सुंदर और आकर्षक दृश्य देखने को मिल जाते हैं
मां चंडी देवी मंदिर – चंडी देवी मंदिर का नाम भी उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों की सूची में आता है यहां उत्तराखंड का लोकप्रिय भी हैं जो कि मा चंडी देवी को समर्पित हैं हरिद्वार में नहीं पर्वत की चोटी में बसा यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है जो 52 शक्तिपीठों में से एक है इस मंदिर के निर्माण विषय के बारे में बताया जाता है कि इसका निर्माण कश्मीर के राजा सुचेत सिंह ने सन 1929 में की थी और इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य ने 18वीं सदी में चंडी देवी की मूल प्रतिमा स्थापित की, आसपास के दृश्यों के बारे में बात करें तो चारों तरफ पहाड़ और पहाड़ी की तलहटी पर बहती गंगा नदी और हसीन वादियां इसके दर्शकों हसीन बनाती हैं
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मनसा देवी मंदिर – मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले का प्रसिद्ध मंदिर है जो देवी मनसा को समर्पित है हर की पौड़ी के पास स्थित यह मंदिर गंगा नदी के किनारे में स्थित हैं मनसा देवी मंदिर को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजा की जाती है साथ ही मनसा देवी को नागकन्या और रुद्रांश के नाम से भी जाना जाता है महाभारत के अनुसार मनसा देवी का वास्तविक नाम जरत्वकारु है बताया जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में आकर सच्चे मन और दिल से दुआ करते हैं देवी मनसा उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करती हैं पहाड़ी पर स्थित होने के कारण आसपास का भी बड़ा ही सुंदर और रोमांच भरा दिखाई देता है यदि हरिद्वार का प्लान बना रहे हैं तो आपको मनसा देवी मंदिर जरूर जाना चाहिए,
शांतिकुंज – शांतिकुंज हरिद्वार का जानी-मानी जगह है यह गायत्री परिवार का मुखिया कौन है जिसकी स्थापना 1971 में की गई थी यह एक आश्रम के रूप में भी जाना जाता है जहां विभिन्न प्रकार की शिक्षाओं को प्रदान किए जाने का कार्य किया जाता है शांतिकुंज भारतीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने वाला आदर्श केंद्र है
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हरिद्वार घूमने का सही समय, Haridwar Ghumne Ka Sahi Samay
मौसम के अनुकूल आप हरिद्वार घूमने का प्लान सितंबर अक्टूबर में बना सकते हैं क्योंकि इन महीनों में यहां का मौसम सही बना रहता है आम तौर पर देखें तो बरसात और ठंड के महीनों से बच कर आप यहां घूमने का प्लान बना सकते हैं
हरिद्वार में रहने के लिए आश्रम, Hotels In Haridwar
हरिद्वार की यात्रा करने के दौरान आपको कुछ दिन वहां रुकना पड़ेगा मैं आपको कुछ होटल के नाम नीचे दे रहे हैं जहां आपको मोड बहुत सभी सुविधाएं मिल जाएगी आप आराम से वहां रुक कर अपनी यात्रा का लुफ्त उठा सकते हैं,
- रेडिसन ब्लू
- गोल्डन तुलिप
- होटल दा रियो
- गायत्री गेस्ट हाउस
- लक्ष्मण होटल
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