यात्रा एक ऐसा अवसर होता है जिसमें सभी लोग अपने दोस्त और परिवार के साथ कुछ यादगार समय बिताते हैं बड़े ही प्यार और खुशी मन से इस अवसर की शुरुआत की जाती हैं और यही यात्रा हसीन तब होती है जब वह अपने पसंदीदा जगह में यात्रा करने का प्लान बनाते हैं जिन लोगों को प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ पानी, झील, फूलों की घाटियों के साथ यात्रा करना पसंद होता है अक्सर उन लोगों को सही जगह का चयन कर पाने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है और इसी बात को मध्य नजर रखते हुए आज की पोस्ट में हम आपको ठीक आपकी ही पसंद के मुताबिक जगह बताने वाले हैं जी हां दोस्तों हम बिल्कुल आपकी पसंद की जगह शिलांग के बारे में ही बात करने वाले हैं इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िएगा इसमें हम वह सभी बातें आपके साथ साझा करने वाले हैं जिन बातों का आपको यात्रा करने के दौरान बहुत काम आएगी तो चलिए शुरू करते हैं
शिलांग ( शिलांग के बारे में बताएं )
शिलांग भारत की मेघालय राज्य का एक शहर है जो कि मेघालय की राजधानी के साथ-साथ ईस्ट खांसी हील्स जिले का मुख्यालय भी है प्राकृतिक सुंदरता लिए शिलांग केवल देश का ही नहीं अपितु विदेशों से आए लोगों का भी पर्यटन स्थल बना हुआ है इस शहर के बारे में बताया जाता है कि चारों तरफ सुंदर से पहाड़ होने के कारण ब्रिटिश से आए पर्यटकों इसे स्कॉटलैंड कहकर पुकारते हैं क्योंकि यह उन्हें स्कॉटलैंड की याद दिलाते हैं समुद्र तल से 1965 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलांग अपने आप में एक खास पहचान बनाए बैठा है यदि शिलांग की इतिहास पर नजर डालें तो हमें ज्ञात होता है कि शिलांग पहले असम की राजधानी हुआ करती थी 12 जून का दिन शिलांग के निवासियों के लिए बड़ा ही यादगार रहता है क्योंकि इस दिन सन 12 जून 1897 को शहर में एक भयानक भूकंप आया जिसने शहर के एक बड़े भाग को नष्ट कर दिया जब इसकी रिएक्टर पैमाने पर तीव्रता मापी गई तो वह 8.1 थी और इस भूकंप ने शिलांग से करीब 27 लोगों की जान ले ली
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शिलांग के पर्यटन स्थल
शिलांग पीक – शीला के पर्यटन स्थल में सबसे पहले शिलांग पीक का नाम लिया जाता है क्योंकि प्राकृतिक सुंदरता पाए जाने के कारण यह केवल देश का ही नहीं अपितु विदेशों से आए पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है समुद्र तल से 19 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलांग शिखर शिलांग का सबसे ऊंचा पर्वत के लिए भी जाना जाता है यहां से आपको शिलांग शहर का एक अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा जो कि दूर से वह खूबसूरत दिखाई देता है इस शिखर के बारे में बताया जाता है कि इस शिखर में अनेक देवी-देवताओं का निवास स्थान है और वह यहां आने वाले सभी लोगों की रक्षा करते हैं शायद इसीलिए यहां पूरे वर्ष में लाखों लोगों का आगमन होता है बता दें कि शिलांग शिखर पर पर्यटकों के लिए व्यू पॉइंट भी बनाया गया है जिससे यहां आने वाले पर्यटक इसकी सुंदरता को गहराई से देख पाए और इस सुंदर दृश्य का आनंद ले पाए
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हाथी झरना – शिलांग का प्रसिद्ध झील के रूप में जाने जाना वाला हाथी झरना पर्यटकों का लोकप्रिय झरना है शिलांग से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हाथी झरना यहां का सबसे बड़ा झरना है यहां आने के लिए शिलांग में आए पर्यटक बड़े ही उत्तेजित रहते हैं क्योंकि यहां आने का जो सफर है वह बड़ा ही हसीन है खूबसूरत सड़कें और आसपास के पहाड़ पर्वत इस सफर को और हसीन बनाते हैं जिन लोगों को वाटरफॉल और पानी के साथ-साथ नेचुरल ब्यूटी के साथ फोटोग्राफी करने का शौक है उनके लिए हाथी झील एक प्रयुक्त स्थल है क्योंकि यहां पर आप सभी एक्टिविटीज कर सकते हैं
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मेघालय राज्य संग्रहालय – शिलांग के पर्यटन स्थलों में मेघालय राज्य संग्रहालय का नाम भी कम प्रसिद्ध नहीं है यदि आप लोग शिलांग की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आपको इस संग्रहालय को अपनी यात्रा सूची में जरूर डालना चाहिए क्योंकि आपको मेघालय राज्य की कला और संस्कृति के साथ-साथ यहां की इतिहास की झलक भी दिखाई देगी यहां पर अनेक प्रकार के आभूषण और रहस्यमय आकृतियां भी दिखाई देंगे जो जिन्हें देखकर आपको महसूस होगा कि वाकई में मेघालय राज्य की कला और संस्कृति कितने विशाल और कितनी सुंदर है
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उमियम झील – भारत के मेघालय राज्य के शिलांग शहर में बसा उमियम झील शिलांग का आकर्षण स्थल के रूप में जाना जाता है शिलांग शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह झील प्राकृतिक सुंदरता लिए हजारों पर्यटकों को आनंदित करती आ रही है इस झील की स्थापना सन 1960 में की गई थी और इसे उमियम नदी को बांधकर इस झील की स्थापना की गई आसपास की पहाड़ और झरनों से बहता पानी इस दृश्य की शोभा बढ़ाते है जिन लोगों को झीलों को देखने का शौक है उनके लिए यह एक बेहतरीन जगह है और शिलांग से कम दूरी पर स्थित होने के कारण आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं
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शिलांग गोल्फ कोर्स – शिलांग के पर्यटन स्थलों में गोल्फ कोर्स का नाम भी कम प्रसिद्ध नहीं है शहर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोल्फ कोर्स की आधारशिला 1898 में गोल्फर द्वारा रखी गई थी जो कि एक ब्रिटिश नागरिक था यह समुद्र तल से 5200 फिट की ऊंचाई पर स्थित है और इसके बारे में बताया जाता है कि यह देश का सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित गोल्फ कोर्स है जो कि चारों तरफ से चीड और बुरांश के पेड़ों से ढका हुआ है यहां पर पर्यटकों की काफी लंबी भीड़ एकत्रित रहती हैं और सबसे ज्यादा भीड़ इस गोल्फ कोर्स में उस समय होती है जब इस गोल्फ मैदान में हर साल गोल्फ टूर्नामेंट का आयोजन होता है यह गोल्फ कोर्स बड़ा ही नेचुरल तरीके से सजाया गया है इसी कारण से इसे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नेचुरल गोल्फ कोर्स कहा जाता है
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कैसे पहुँचे शिलांग