हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग की आज की नई पोस्ट में जिसमें हम बात करने वाले हैं किन्नौर के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के बारे में यदि आप हिमाचल में यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं तो आपको किन्नौर को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करना चाहिए इस आर्टिकल में हम यह बात करेंगे कि किन्नौर में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है और यदि आपको किन्नौर की यात्रा करनी है तो किन्नौर घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा रहेगा और यदि आप लोग किन्नौर में कुछ दिन रुकना चाहते हैं तो आपको वहां सबसे अच्छे होटल के बारे में भी हम आपको जानकारी देने वाले हैं जिन्हें आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं तो इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़ना,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ किन्नौर भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य का एक पहाड़ी जिला है किन्नौर पर्यटक स्थलों के साथ-साथ यह हैंडलूम और हस्तशिल्प के सामानों के लिए भी काफी प्रसिद्ध हैं यहां के लकड़ी से बनी मूर्तियां शिल्प कला और वास्तुकला के अद्भुत वस्तुएं देखने को मिल जाती है किन्नौर 1 मई 1960 को भारत के हिमांचल राज्य का एक जिला के रूप में सामने आया था जिले का कुल क्षेत्रफल 6401 किलोमीटर है और जिले की कुल जनसंख्या लगभग डेढ़ लाख के आसपास है जोकि 2001 के जनगणना के अनुसार थी किन्नौर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से यह जिला 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यदि आप हिमाचल प्रदेश की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको किन्नौर जिले की यात्रा जरूर करनी चाहिए यहां आकर न केवल आप यहां के पर्यटक स्थलों की सैर कर सकते हैं बल्कि आप हिमांचल की वास्तु कला और शिल्प कला से भी अच्छे तरीके से परिचित हो सकते हैं,
- सुसाइड पॉइंट
- ब्रेलेंगी गोंपा पियो
- रूपी भाभा वन्य जीव संरक्षण
- नाको झील
- कमरू फोर्ट
- किन्नौर कैलाश
- बसपा घाटी
- कृष्णा मंदिर
बसपा घाटी – हिमाचल की राजधानी शिमला से बसपा घाटी 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, दरअसल यहां बसपा नदी है जोकि सतलज नदी की सहायक नदी होने के कारण एक मोड़ बनाती हैं जिसे बसपा घाटी के नाम दिया गया है दोनों तरफ खूबसूरत पहाड़ हैं और पहाड़ों से हरे भरे पेड़ों से ढके बसपा बेली में आपको तरह तरह के फूल और पेड़ पौधे देखने को मिल जाते हैं यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं और एक गंतव्य की तलाश में है तो बसपा घाटी आपके लिए एक अच्छा गंतव्य होने वाले हैं यहां आकर आप न केवल प्रकृति के बिल्कुल समीप होते हैं बल्कि आपको मौका मिलता है प्रकृति के बारे में और ज्यादा गहराई से समझने और महसूस करने के लिए, इस घाटी को सांगला घाटी के नाम से भी जाना जाता है यह चितकुल गांव के बेहद समीप हैं,
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Baspa , creative Commons, License-(CC BY – SA 3.0) |
किन्नौर कैलाश – समुद्र तल से 4800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित किन्नौर कैलाश, किन्नर के प्रसिद्ध और ऊंचे पर्वतों में से एक हैं जिसे आमतौर पर स्थानीय लोगों द्वारा किन्नर कैलाश के नाम से भी जाना जाता है, अपने शानदार बर्फ से ढके पर्वत और खूबसूरत दृश्य प्रदान करने वाला यह पर्वत पर्यटकों का आकर्षण का स्थान बना हुआ है यहां पर आपको शिवलिंग का एक अखंड स्तंभ देखने को मिल जाता है जो लोग ट्रेकिंग के साथ-साथ कैंपिंग करना चाहते हैं उनके लिए यह एक अच्छा गंतव्य है वह यहां आकर एक लंबे दूरी की पैकिंग कर सकते हैं और वहां रुक कर आराम से कैंपिंग का इंजॉय कर सकते हैं साथ में बर्फ से ढके इस खूबसूरत पहाड़ के यादगार लम्हों को अपने कैमरे में कैद करना बिल्कुल भी ना भूले,
कमरू फोर्ट – अपनी शिल्प कला और वास्तुकला के अद्भुत दृश्यों को प्रस्तुत करते हैं किन्नौर के कमरू फोर्ट हिमाचली हस्त कला और शिल्प कला का एक जगमगाता उदाहरण है सांगला के समीप बसा यह किल्ला 33 करोड़ देवी देवताओं के निवास स्थान के लिए प्रसिद्ध है, यह किला समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इस क़िले मैं आपको वास्तु कला से निर्मित कई प्रकार के डिजाइन दार ढांचे देखने को मिल जाते हैं खासतौर पर बने इसके लिए की खिड़कियां और मोहरे वास्तुकला की एक अनोखी छवि प्रस्तुत करते हैं चारों तरफ पहाड़ और घास के सुंदर-सुंदर खेतों के समीप बसा यह किला बर्फ के शानदार दृश्य प्रस्तुत करने के लिए भी काफी प्रसिद्ध है खास तौर पर यहां पर पर्यटक वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता से जुड़ने के लिए आते हैं
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kamru fort, creative Commons, License-(CC BY – SA 3.0) |
नाको झील – विशाल पहाड़ों के बीच मैं बसा नाको झील 3662 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है नाको गांव के समीप बसा यह झील प्राकृतिक सुंदरता के लिए काफी प्रसिद्ध है एक सुनसान जलाशय जो अपनी सुंदर मासूमियत से यहां आए पर्यटकों का मनमोहित कर लेती हैं वास्तव में इस जलाशय की कल्पना करना बेहद कठिन है क्योंकि जहां तक निगाहे जाते हैं वहां तक आपको नीले पानी की एक जलाशय देखने को मिलता है स्थानीय लोगों के द्वारा बताया जाता है कि यह परियों का निवास स्थान हुआ करता था जिसके कारण इस की प्राकृतिक सुंदरता और इसकी मासूमियत काफी सुंदर है, यदि आप को तैराकी के साथ नौकायन पसंद है तो आपको नाको झील में जरूर यात्रा करनी चाहिए रास्ता थोड़ा पहाड़ी है लेकिन एडवेंचर और रोमांस भरा होने वाला है इसलिए अपने दोस्तों के साथ इस खूबसूरत सफर का आनंद जरूर लें,
रूपी भाभा वन्य जीव संरक्षण – किन्नौर जिले के सतलज नदी के किनारे पर स्थित रूपी भाभा वन्य जीव संरक्षण न केवल एक हिमाचल का पर्यटक स्थल है बल्कि यह भारत की प्रसिद्ध अभयारण्यों में से एक हैं जहां पर पर्यटक पर्याप्त मात्रा में आकर यहां का आनंद लिया करते हैं पहाड़ों के बीच में बसा रूपी भाभा वन्य जीव संरक्षण में पेड़ पौधों के विभिन्न किस्मों के अलावा जंगली जानवरों की कई दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिल जाती हैं यदि आपको जंगल ट्रैकिंग और एडवेंचर का शौक है और आप एक ऐसी जगह की तलाश में है जहां पर आप कैंपिंग कर पाओ तो यह जगह आपके मन के मुताबिक हैं यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों की दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलती है जैसे – कस्तूरी मृग ,नीली भेड़, अनाड़ी सीरो, तेंदुआ, बिल्लियों के अलावा बहुत से जानवर और इसके अलावा न केवल इस जगह में आपको जंगली जानवरों की दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलती है बल्कि यह जगह पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का घर भी हैं शुतुरमुर्ग और मोनाल के अलावा यहां पर बहुत सारे पक्षियों देखने को मिल जाती हैं,
ब्रेलेंगी गोंपा पियो – ब्रेलेंगी गोंपा पियो किन्नौर जिले में स्थित एक बौद्ध मठ है जो की हिमाचल की राजधानी शिमला से यहां 225 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आधुनिक बौद्ध वास्तुकला का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता यह ब्रेलेंगी गोंपा पियो मैं पहुंचने के लिए आपको थोड़ा बहुत मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन रास्ता काफी एडवेंचर और रोमांच भरा होने वाला है इसलिए इस खूबसूरत सफर का आनंद जरूर ले, इसके निर्माण विषय में बताया जाता है कि दलाई लामा के लिए कालचक्र समारोह करने के लिए 1992 में इसका निर्माण किया गया था और इसी मठ के सामने स्थित है एक बुद्ध की 10 मीटर लंबी मूल प्रतिमा जिसे यहां आए पर्यटक काफी दूर से देख सकते हैं और यहां आने के लिए यह एक मार्गदर्शक भी हो सकता है,
सुसाइड पॉइंट – यह उन जगहों में से एक हैं जहां एडवेंचर में शौकीन लोग जरूर विजिट करना चाहते है सुसाइड प्वाइंट नाम से पता चलता है कि मानो यह रास्ता आत्महत्या करने के लिए बनाया गया हो या कोई ऐसी जगह हो जहां पर किसी ने आत्महत्या की हो लेकिन आपको बता दें कि इस जगह को सुसाइड प्वाइंट इसलिए कहा गया है क्योंकि इसका एडवेंचर और रोमांच भरा रास्ता काफी मुश्किल रास्तों में से एक है इसीलिए इसे सुसाइड प्वाइंट का नाम दिया गया है यह कल्पा गांव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यात्रा के शुरुआत में आपको सेब से भरे हुए बगीचे देखने को मिल जाते हैं और खतरनाक चट्टानों और खाई के अलावा मनमोहक दृश्य प्रदान करती है,
दोस्तों अभी तक हम किन्नौर के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम किन्नौर में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा , यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां होना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो किन्नौर में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं,
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको किन्नौर में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी,
- हाईलांडर होमस्टे
- दा हेरिटेज
- जोस्टेल
- होटल कल्पना देशंग
- दा अल्पाइन नेस्ट
- भंडारी होमस्टे