हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग की आज की नई पोस्ट में जिसमें हम बात करने वाले हैं चमोली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में इस आर्टिकल में हम आपको चमोली के बारे में भी बताने वाले हैं और चमोली के मौसम से लेकर यदि आप वहां यात्रा करते हैं तो आपको रुकने के लिए होटल्स और वहां के खान पान के बारे में पूरी जानकारी इस ब्लॉग में साधना करने वाले हैं तो इस पोस्ट को अंत जरूर पढ़ना
चमोली एक पहाड़ी जिला होने के कारण यहां का मौसम हमेशा ठंडा बना रहता है वर्ष के मई और जून में यहां पर सबसे ज्यादा गर्मी महसूस की जा सकती है और दिसंबर जनवरी वर्ष का सबसे ठंडा महीना रहता है, गर्मियों के समय में यहां का तापमान उच्चतम 30 डिग्री के आसपास बना रहता है जबकि सर्दियों में यहां का तापमान माइनस में चला जाता है जिसके कारण यहां पर बर्फ से ढकी खूबसूरत चोटिया देखने को मिल जाती हैं, यात्रा के प्लान से पहले हम आपको बता दें कि आप मौसम के अनुकूल अपनी व्यवस्था करके आए लेकिन यह बात आपको याद रखनी चाहिए कि यहां का मौसम शाम के टाइम में काफी ठंडा रहता है इसलिए स्वेटर तो अपने साथ हमेशा रखें,
- कागभुसांडी ताल
- फूलों की घाटी
- रूपकुंड
- बद्रीनाथ मंदिर
- रुद्रनाथ मंदिर
- विष्णुप्रयाग
- भीमपुल
फूलों की घाटी – चमोली के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों की सूची में सबसे पहले फूलों की घाटी का नाम आता है यह एक ऐसा पर्यटक स्थल है जिसे ना केवल उत्तराखंड के लोग देखने आते हैं बल्कि देश और विदेश से यहां हर साल काफी मात्रा में पर्यटक विजिट करते हैं यही कारण है कि सन 1982 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है, 87.50 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस उद्यान में आपको 500 से भी अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिल जाएंगे, यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं और आपको फूल पसंद है तो आपके लिए यह अच्छा गंतव्य होने वाला है यहां आपको हजारों की संख्या में फूल देखने को मिल जाएंगे , यहां आकर ऐसा महसूस होता है जैसा कि हम स्वर्ग में घूम रहे हो और यह सारे फूल परियों की तरह खूबसूरत दिखते हैं,
रूपकुंड – रूपकुंड उन स्थानों में से एक है जहां पर पर्यटक अच्छी खासी मात्रा में आया करते हैं दरअसल यह एक हिम झील हैं जोकि 5029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं इस हिम झील मैं आपको 500 से भी अधिक मानव कंकाल देखने को मिल जाएंगे जिसके लिए यह झील आज काफी प्रसिद्ध है, बताया जाता है कि यह मानव कंकाल 12 वीं और 15 वीं सदी के आसपास के हैं, बताया जाता है कि इन मानवों की मृत्यु किसी बीमारी से नहीं बल्कि तेज आंधी और ओले के पड़ने से हुई थी, आज है स्थान इतिहास का एक रहस्य रह चुका है जिसे समझने और देखने के लिए हजारों की संख्या में यहां लोग आया करते हैं, हिमालय की गोद में बसा यह खूबसूरत झील रूपकुंड दो चोटियों के तल के पास स्थित है बताया जाता है कि प्रत्येक पतझड़ में यहां पर नंदा देवी राजजात का उत्सव मनाया जाता है, इसे देखने हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आया करते हैं,
बद्रीनाथ मंदिर – बद्रीनाथ का मंदिर केवल चमोली जिले का ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नहीं है बल्कि यहां भारत और पूरे विश्व का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है यह चार धामों में से एक मंदिर है जोकि धार्मिक आस्था का प्रतीक के लिए जाना जाता है भगवान श्री विष्णु को समर्पित यह मंदिर समुद्र तल से 3135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, मंदिर के निर्माण विषय में बताया जाता है कि इसका निर्माण आदिगुरु श्री शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में की थी , बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, मंदिर में भगवान बद्रीनारायण की 1 मीटर लंबी मूर्ति है जिसका निर्माण शालिग्राम से किया गया है, हर साल यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है ,
रुद्रनाथ मंदिर – भगवान शिव के लिए समर्पित यह मंदिर समुद्र तल से 36 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह मंदिर पंच केदार तीर्थ यात्रा में जाने वाला तीसरा मंदिर है इसमें गढ़वाल मंडल के पांच शिव मंदिर शामिल, भगवान शिव जी के यहां पर नीलकंठ महादेव के रूप में पूजा की जाते हैं इस मंदिर के आसपास आपको कई तरह के जलकुंड देखने को मिल जाएंगे जोकि यहां आए श्रद्धालुओं को मनोहित करते हैं वैसे तो इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है लेकिन खासतौर पर शिवरात्रि के दिन यहां पर हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है इसके आसपास का वातावरण ऐसा है कि आपको चारों तरफ पहाड़ देखने को मिल जाएंगे और पहाड़ से चलती यहां के सुरसुरी ठंडी हवाएं मन को अंदर से तरोताजा कर देती है,
विष्णुप्रयाग – विष्णु प्रयाग पंच प्रयाग में से एक है, जिस स्थान के बारे में मान्यता है कि यहां पर भगवान श्री नारद जी ने ध्यान किया था जिसके बाद भगवान विष्णु उनके सामने प्रकट हुए, जब अलकनंदा नदी सरस्वती नदी से जुड़ती है तो बाद में यह विष्णु प्रयाग का निर्माण करती है यहां पर एक विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना भी है जिसके कारण यहां पर काफी मात्रा में पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है, बद्रीनाथ मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित होने के कारण यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है विष्णुप्रयाग अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए काफी प्रसिद्ध है
भीमपुल – बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भीमपुल तिब्बत सीमा के माणा गांव में स्थित है पर्यटकों के लिए यह एक प्रेस्टीज पर्यटक स्थल हुआ करता है चारों तरफ से पहाड़ों के बीच में बसे इस पुल को देखने का एक अलग ही खूबसूरत व्यू मिलता है दोनों तरफ से हरी घास और उसके बीच चलते लोग एक रमणीय तस्वीर प्रस्तुत करते हैं,
- फूलों की घाटी
- ओली
- रुद्रनाथ
- नंदकानन
- दुधा तोली
- बेदनी बुग्याल
स्वाद के शौकीन के लिए चमोली जिले का स्थानीय खानपान बड़ा ही अच्छा रहेगा क्योंकि यहां के भोजन की व्यंजनों में जो स्वाद है वह स्वाद आपको और जगह नहीं मिलेगा क्योंकि यहां के लोग हर चीज को वह बड़े ही प्यार से बनाते हैं और इसी स्वाद को सिखा तक पहुंचाते हैं यहां के शुद्ध और घरेलू मसाले और उनके अलावा यहां की शुद्ध सब्जियां , चलो अब देख लेते हैं कि यहां के प्रसिद्ध स्थानीय भोजन के व्यंजन कौन-कौन से हैं
मंडवे की रोटी – मंडवे कि आटे की रोटी चमोली और आसपास के जिलों का प्रसिद्ध व्यंजन है यह शुद्ध घरेलू मंडुवे के आटे से बनता है जो कि खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है और इससे हमारे शरीर को काफी मात्रा में लाभ प्राप्त होते हैं
कंडेली की भुज्जी – कंडेली की भुज्जी उत्तराखंड वासियों का प्रसिद्ध व्यंजन है इसे कंडेली के माध्यम से बनाया जाता है और यह सेम लाइक पालक की भुज्जी की तरह होता है लेकिन स्वाद में यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है यदि मंडुवे की रोटी और कंडेली के भुज्जी को साथ में खाया जाए तो इसके सामने सभी देसी व्यंजन फीके पड़ जाते हैं क्योंकि यह दोनों बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं
झंगोरें की खीर – चमोली के प्रसिद्ध व्यंजन झांगोरें की खीर काफी प्रसिद्ध है यह नॉर्मल खीरे की ही तरह बनता है लेकिन इसमें चावल की जगह यहां का स्थानीय अनाज जंगूरा को मिलाकर बनाया जाता है और यही झंगोरा इसके स्वाद को 4 गुना बढ़ा देता है इसका प्रयोग आप कभी भी कर सकते हैं यदि आप चमोली ट्रिप पर है तो आपको इस व्यंजन का स्वाद जरूर लेना चाहिए
पहाड़ी दाल भात – यह व्यंजन उत्तराखंड में पाए जाने वाले पहाड़े दलों को मिलाकर बनाया जाता है तथा इस व्यंजन के साथ नॉर्मल चावल कैसे बनता है वैसे ही बनाया जाता है लेकिन दाल काफी स्वादिष्ट होती है क्योंकि इसमें सभी पहाड़ी दाल मिक्स की होती है
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको चमोली में यदि कुछ दिन रुक ना पड़े तो मैं आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल्स के नाम दे रहे हैं जो कि सस्ते भी है और वहां आपको दैनिक जीवन में काम आने वाली सभी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों की सबसे अच्छी खासियत यह है कि आप इन्हें ऑनलाइन बुक कर सकते हैं अपनी यात्रा के दौरान,
- होटल हेवेन
- सृष्टि लॉज
- होटल डबराल
- द तत्तवा
- बड्सोंग्स एंड बेयोंड
- होटल सचिन
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