हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग की आज की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं बिलासपुर मैं घूमने की जगह के बारे में इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना क्योंकि इसी पोस्ट में हम आपको यह भी बताने वाले हैं कि बिलासपुर मैं घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा रहता है और यदि आप बिलासपुर में यात्रा करते हैं तो यात्रा के दौरान आपको वहां रुकने के लिए कौन से होटल मिलने वाले हैं और बिलासपुर के मौसम के बारे में तो चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं|
बिलासपुर भारत के पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक पहाड़ी जिला है जोकि अपने प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ यहां के पर्यटक स्थलों के लिए भी काफी प्रसिद्ध हैं, समुद्र तल से 670 मीटर की ऊंचाई पर बसा बिलासपुर एक धार्मिक स्थान भी है बिलासपुर उन लोगों में से एक हैं जहां हिमाचल में लोग सबसे ज्यादा घूमने के लिए आया करते हैं 1167 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 40 की सीमाएं हमीरपुर जिला और मंडी जिला को छूती है, आपको बता दें कि बिलासपुर का न्यू टाउनशिप देश का पहला नियोजित पहाड़ी शहर माना जाता था a b बिलासपुर के संस्कृति और परंपरा के बारे में बात करें तो आपको बता दें की बिलासपुर जिले के लोगों के दैनिक जीवन में अधिकांश मेले और त्योहार जुड़े हुए हैं दिवाली और होली के साथ नए वर्ष का यहां पर बड़े धूमधाम से आयोजन किया जाता है|
दोस्तों बिलासपुर के बारे में तो हम जान चुके हैं चलिए बिलासपुर जिले का इतिहास के बारे में भी थोड़ा बहुत जान लेते हैं बिलासपुर जिला सन 15 अप्रैल 1948 को अस्तित्व में आया इसे 1 जुलाई 1954 को हिमाचल प्रदेश का एक जिला घोषित किया गया था, बताया जाता है कि गुरखो आक्रमण से पहले बिलासपुर भारत के पंजाब राज्य की राजधानी हुआ करते थे और यहां इस क्षेत्र पर चंद्रवंशी राजपूतों का शासन हुआ करता था लेकिन स्वतंत्रता के पश्चात इस काबिल है भारत के हिमाचल राज्य में कर दिया गया|
बिलासपुर भारत के हिमाचल प्रदेश का एक पर्वतीय जिला है जिसके कारण यहां का मौसम अनुकूल बना होता है यानी कि ना तो यहां पर ज्यादा गर्मी होती है और ना ही यहां पर ज्यादा ठंड होती है बात की जाए टेंपरेचर की तो आपको बता दें कि वर्ष का मई-जून महीना सबसे गर्म महा होता है जिसमें यहां का तापमान 30 डिग्री से 42 डिग्री के आसपास बना रहता है सर्दियों में ठंड बढ़ जाती है जिसके कारण आसपास के पहाड़ों में आपको बर्फ का ब्लू देखने को मिल जाता है सर्दियों में यहां का तापमान कभी-कभी माइनस में भी चला जाता है दिसंबर जनवरी वर्ष का सबसे ठंडा महीना होता है वर्ष का जुलाई से सितंबर माह तक बारिश होती रहती है इस बीच जिले में मानसून प्रवेश कर जाता है|
बिलासपुर में घूमने की जगह, Best Place For Travel To Bilaspur
वैसे तो हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में घूमने लायक कई जगह है लेकिन आज हम केवल उन लोगों के बारे में बात करेंगे जो कि काफी प्रसिद्ध भी है और कुछ उनमें से ऐसे भी होंगे जिनमें शायद काम पर्यटक जाते हो, यह आपके लिए एक अच्छा मौका होने वाला है कि आप बिलासपुर के बारे में अधिक जानकारी एकत्रित कर सकते हैं|
भाखड़ा नागल डेम – भाखड़ा नांगल डैम हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर जिले का प्रसिद्ध डेम हैं, चारों तरफ से पहाड़ और मनमोहक दृश्य होने के कारण यह एक टूरिस्ट प्लेस भी बना हुआ है, इसका निर्माण सन 1948 को हुआ था और इसकी ऊंचाई 741 फीट हैं जो कि 1700 फीट की लंबाई के क्षेत्र में बना हुआ है यहां आए पर्यटकों के लिए यह एक घूमने लायक जगह हैं क्योंकि यहां आकर वे एक डैम को देख सकते हैं कि उसका निर्माण किस प्रकार से किया गया है और इसी के साथ ही वह वाटर स्पोर्ट्स और रिवर राफ्टिंग भी कर सकते हैं यदि आपको मछली मारने का शौक यानी की फिसिंग करने का शौक है तो इस जगह पर मछली मारना एक आपराधिक काम है इसलिए ऐसी गतिविधियां यहां पर ना करें आपके वाले यहां पर रिवर राफ्टिंग कर सकते हैं वॉटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते हैं और खूबसूरत दृश्यों के साथ साधना के ठंडी हवाओं का लुफ्त उठा सकते हैं|
मैप्ले जंगल कैंप – यदि आपको एडवेंचर पसंद है तो बिलासपुर का मैप्ले जंगल कैंप आपके लिए एक एडवेंचर प्लेस होने वाला है यहां आकर आप खुलकर एडवेंचर कर सकते हैं, यहां आकर आप प्रकृति की बिल्कुल समीप होते हैं आपको यहां प्रकृति के परिदृश्य और रोमांचक गतिविधियां करने का मौका मिलेगा इसलिए यदि आप बिलासपुर में घूमने की जगह के बारे में सोच रहे हैं तो आपको मैप्ले जंगल कैंप जरूर आना चाहिए यहां आकर आप जहां से खेल खेल सकते हैं जंगल में टाइपिंग कर सकते हैं और इसी के साथ ही आप हैंगिंग ,क्लाइंबिंग और इसी के साथ ही तरह-तरह के एडवेंचर या पैक कर सकते हैं, यदि आपकी हां अपने फैमिली के साथ आना चाहते हैं तो यह जगह परिवार के साथ यात्रा करने के लिए भी काफी अच्छी हैं और यदि आप का मन है कि आप अपने दोस्तों के साथ यहां की यात्रा करना चाहते हैं तो यह जगह दोस्तों के लिए काफी परफेक्ट है क्योंकि दोस्तों के साथ यहां पर प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के एडवेंचर का आनंद लेना और उस एडवेंचर को अपने कैमरे में कैद करने का जो आनंद होता है ना वह सच में बड़ा ही यादगार पल होता है|
मां नैना देवी मंदिर – हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित मां नैना देवी का मंदिर श्रद्धालुओं का एक प्रसिद्ध आकर्षक स्थान बना हुआ, पहाड़ की चोटी पर स्थित यह मंदिर मां नैना देवी को समर्पित है मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 से जुड़ा हुआ है पहाड़ की चोटी पर पहुंचने के लिए आपको सड़क मार्ग मिल जाएगा, इतिहास के अनुसार बताया जाता है कि यह वही जगह हैं जहां पर देवी सती ने यज्ञ मैं खुद को जिंदा जला दिया था जिस के बाद भगवान शिव व्यतीत हो गए उन्होंने सती के शरीर को अपने कंधे पर उठा लिया और अपना तांडव नृत्य शुरू कर दिया था, आज के दौर में देखें तो यहां पर हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है|
बछरेतू का किला – बछरेतू का किला हिमाचल प्रदेश का एक ऐतिहासिक महल है क्योंकि बिलासपुर जिले में पड़ता है कोट धार के शाहतलाई से यह सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसका डिजाइन वास्तु कला इसका ढांचा कुछ इस प्रकार से बनाया गया है कि यह आज भी पर्यटकों को आकर्षित करता है समुद्र तल से 300 फीट ऊपर बना यह किला एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है किले के निर्माण के विषय में बताया जाता है कि इसका निर्माण बिलासपुर के राजा रतन चंद ने किया था जो कि आज के समय से लगभग 600 साल पुराना है किले की लंबी भुजाएं लगभग 100 मीटर है पत्थरों से निर्मित इस किले की ऊंचाई लगभग 20 मीटर है आज के टाइम पर भी यहां किला पर्यटकों का आकर्षण का स्थान बना हुआ है जिसके कारण आज भी पर्यटक यहां आते हैं और इसके बारे में जानकारी हासिल करते हैं और यहां का आसपास का चारों तरफ का वातावरण काफी खूबसूरत हैं|
रुक्मणी कुंड – रुक्मणी कुंड बिलासपुर जिले में जंगल के बीच में पहाड़ों से घिरा एक पानी का जलाशय है जो कि बिलासपुर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यदि आप एक ऐसे स्थान की तलाश में हैं जहां आप पहाड़ों के नजदीक होकर भी ठंडे पानी का अनुभव करना चाहते हैं या जंगल में चढ़ाई चलने का आनंद लेना चाहते हैं तो बिलासपुर के रुक्मणी कुंड आपके लिए एक अच्छा यात्रा विकल्प हो सकता है यहां आकर आप न केवल पहाड़ की चढ़ाई चढ़ने का शौक पूरा कर सकते हैं बल्कि रुक्मणी कुंड के शानदार दृश्यों का आनंद भी देखने को आपको मिल जाता है, इस कुंड के बारे में बताया जाता है कि यहां पर रुकमणी का बलिदान स्थान माना जाता है एक समय की बात है एक मेला कांजण्या पर किया गया था इसमें बलि प्रथा थी. आज यह जलाशय कई गांव के जल पूर्ति के लिए भी काम में आता है|
दोस्तों अभी तक हम बिलासपुर के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम बिलासपुर में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा. यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां हो ना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो बिलासपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं|
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको बिलासपुर में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी|
- होटल सुविधा
- होटल ग्रोवर रीजेंसी
- होटल होली सिटी
- होटल फ्रेंड कॉर्नर
- सिमरन गेस्ट हाउस
- होटल सी रॉक
- होटल श्यामा
Q. – बिलासपुर शहर की जनसंख्या?
यदि बात की जाए बिलासपुर की जनसंख्या के बारे में तो शहर की कुल जनसंख्या सन 2011 की जनगणना के अनुसार 1625502 है.
Q.- बिलासपुर का पुराना नाम?
किदवंतियों के अनुसार बिलासपुर का पुराना नाम बिलासा था.
Q.- बिलासपुर के प्रसिद्ध मंदिर
महामाया मंदिर. रामटेकरी मंदिर. देवरानी और जेठानी मंदिर.
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