हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आप की नई पोस्ट में इसमें हम बात करने वाले हैं अंजाब के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के बारे में, वैसे तो अंजाब में घूमने लायक बहुत सी जगह है लेकिन आज हम केवल यहां के प्रसिद्ध जगहों के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही इसी लेख में हम यहां का स्थानीय खान पान के बारे में भी बात करने वाले हैं
अंजाब, लोहित नदी के तट पर स्थित भारत के प्रसिद्ध राज्य अरुणाचल प्रदेश का एक जिला है जो कि राज्य की राजधानी से लगभग लगभग साडे चार सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1296 मीटर है यदि बात की जाए यहां के मौसम की तो बता दे की एक पर्वतीय जिला होने के कारण इसका मौसम काफी सुहाना और अच्छा बना रहता है वर्ष का मई और जून का महीना सबसे गर्म महा होता है इस बीच यहां पर सबसे ज्यादा गर्मी होती है जिसमें यहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहता है वही बात की जाए सर्दियों की तो दिसंबर और जनवरी वर्ष का सबसे ठंडा महीने रहता है जी वही दिन होते हैं जहां पर पर्यटक काफी मस्ती करने आते हैं इस बीच उन्हें यहां पर बर्फ भी देखने को मिलती है , जिले का कुल क्षेत्रफल 6190 किलोमीटर है और यहां की कुल जनसंख्या सन 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 21090 है जीवन यापन का प्रसिद्ध साधन कृषि हैं लगभग अधिक से ज्यादा जनसंख्या खेती-बाड़ी के माध्यम से ही अपनी जीविका उत्पन्न किया करती हैं भाषा शैली की बात करें तो हिंदी भाषा का प्रयोग यहां पर वार्तालाप के रूप में किया जाता है लेकिन स्थानीय लोगों के द्वारा यहां पर अपने आपस में वार्तालाप में स्थानीय भाषा का प्रयोग भी किया जाता है
अंजाब की वेशभूषा पहनावा एक सामान्य रूप की हैं एक पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां के लोग अपनी संस्कृति और रीति रिवाज के हिसाब से ही वस्त्र धारण किया करते हैं इसलिए यह एक अलग ही संस्कृति देखने को मिलती हैं अरुणाचल प्रदेश में महिलाएं और पुरुषों का पहना एक विशिष्ट प्रकार का है सामान्य दिनचर्या में वहां के लोग यहां के पुरुषों का पहनावा एक लूंगी और एक झबला नुमा वस्त्र होता है जो कि उसे वह कमर से ऊपरी भाग पर पहना करते हैं इसके अलावा यहां के लोग वर्ष के महोत्सव और उत्सव पर पूरे अपने वेशभूषा में आते हैं और इसी के साथ ही वहां अपने आकर्षण आभूषणों के साथ सजे धजे होते हैं जिससे वह पूरी तरह अंजाब की निवासी लगते हैं
जिस प्रकार से अंजाब की संस्कृति और पहनाव खास है ठीक इसी प्रकार से यहां के खाने के व्यंजनों का स्वाद भी अपने आप में कम प्रसिद्ध नहीं है यहां पर जो भोजन का प्रयोग किया जाता है कुछ स्वदेशी और कुछ विदेशी होता है यहां के स्थानीय सामग्री का स्वाद ही कुछ अलग है यहां पर दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट खाने के साथ होती है जिसमें वह खोरा और पोचा का इस्तेमाल किया करते हैं चावल यहां की भोजनों के ब्यंजनो में मुख्य अंग है इसके बिना सभी व्यंजन अधूरे हैं और यहां के चावल भी काफी स्वादिष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें एक अलग ही विधि द्वारा पकड़ा जाता है और खुल्लम संस्करण चावल बनाने का एक प्रचलित तरीका है दिन के खाने में यहां पर करी अंडा दाल तड़का और चावल के साथ साथ पीका पीला और थूपका खाना काफी स्वादिष्ट और प्रसिद्ध भी हैं रात्रि के भोजन में यहां पर रोटी सब्जी के अलावा वह वूंग वूत नगम, पिहक ,पाशा और नेक टॉक आदि व्यंजन सम्मिलित हैं
वालॉन्ग – अंजाब के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की सूची में सर्वप्रथम हम लोग आपको वालॉन्ग के बारे में बताने वाले हैं वालॉन्ग केवल अंजाब जिले का है दार्शनिक स्थान नहीं है बल्कि यह अरुणाचल प्रदेश का प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल है लोहित नदी के पश्चिमी तट पर स्थित वालॉन्ग चारों तरफ से पहाड़ों से ढका हुआ है समुद्र तल से 1094 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वालॉन्ग प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है इस की प्राकृतिक सुंदरता आपके मन को अंदर से तरोताजा कर देने वाली है यह एक ऐसा स्थान है जहां पर आपके किस स्थान पर बैठकर लोहित नदी के शानदार दृश्यों के साथ साथ ऊंचे ऊंचे है रे पहाड़ों को देखने का आनंद ले सकते हैं ट्रैकिंग और एडवेंचर करने वालों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है और जिन पर्यटकों को तैराकी करने का शौक है उनके लिए भी यह जगह काफी अच्छी है
किबिथू – अपने सफर के एक कदम आगे बढ़कर हम लोग पहुंचते हैं किबिथू की खूबसूरत पहाड़ी पर जहां से आसपास के दो देखने में ऐसा लगता है मानो हम लोग पहाड़ी के बिल्कुल ऊपर खड़े हो वहां से पूरी दुनिया को देख रहे हो, लोहित नदी के दाहिने किनारे पर स्थित किबिथू समुद्र तल से 305 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जंगल ट्रैकिंग और ठंडी हवाओं का मजा लेना हो तो इससे अच्छी जगह कहीं और हो नहीं सकती है अंजाब के अंदर, प्राकृतिक सुंदरता लिए इस जगह में आपको विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे के साथ फूलों की घाटी अभी देखने को मिली जाती है जहां पर फूलों के बहुत सारे वैरायटी मिलती हैं कोशिश करना कि आप जब पहाड़ की चढ़ाई पर चढ़े फोटोग्राफी का आनंद जरूर लेना यहां से हसीन और यादगार फोटो अपने साथ जरूर ले जाना, यदि आप यहां आना चाहते हैं तो अंजाब से यह जगह 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आप यह आसानी से आ सकते हैं और अपनी इस खूबसूरत यात्रा का आनंद ले सकते हैं
डोंग – हरे भरे देवदार के पेड़ों के छांव में बसा डोंग, अंजाब के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की सूची में गिना जाता है वैसे तो यह जगह विशेष रूप से अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए काफी प्रसिद्ध हैं लेकिन यदि आपको यहां से आसपास के नजरों का सुंदर दृश्य देखना है तो आपको इस जगह में जरूर आना चाहिए मैं केवल यहां से आप दूर तक पहाड को देख सकते हैं बल्कि यहां से आप सूर्योदय और सूर्यास्त के शानदार दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं सूर्यास्त के समय सूरज की किरणें पहाड़ को छूती हुई जाती हैं ऐसा लगता है मानो इसके बाद सूरज यहां से गायब होने वाला हो, आप चाहे तो यहां अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी आ सकते हैं और यदि आपको कैंपिंग का शौक है तो पहाड़ की तलहटी पर कैंपिंग की व्यवस्था भी की जाती है,
हॉट स्प्रिंग – हॉट स्प्रिंग एक गर्म पानी का झरना है जोकि लोहित नदी के किनारे पर स्थित है यहां का पानी गर्म होता है जबकि लोहित नदी में बहने वाला पानी आपको ठंडा महसूस होता है सर्दियों के समय में यह जगह गरम रेत के टीले से गिरा रहता है इसलिए यहां पर गर्म पानी आता है यदि आपको फोटो खिंचवाने का शौक है और आप ऐसी जगह की तलाश में है जहां पर पीछे का बैकग्राउंड नदी का किनारा हो तो आपको हॉट स्प्रिंग मैं जरूर आना चाहिए, यहां आकर आप तिलम के किनारे बैठ कर फोटो व्यू पॉइंट का आनंद ले सकते हैं,
पुराना हवाई – पुराना हवाई, अंजाब के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल मैं से एक हैं जो कि हवाई टाउनशिप से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चारों तरफ पहाड़ों के बीच में बसा पुराना हवाई एक गांव तो नहीं कह सकते लेकिन शहर का एक छोटा भाग जैसा है जोकि प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ अपनी सांस्कृतिक और परंपरा के लिए भी काफी प्रसिद्ध है गांव में बने मकान और वेशभूषा, खानपान और रहन सहन एक ग्रामीण इलाके जैसा है लेकिन लोगों का स्वभाव बहुत ही प्यारा रहता है वन डे स्टे के लिए यह एक अच्छी जगह हैं यहां से आप आसपास के पहाड़ों की ट्रैकिंग करके मुख्य जगहों के आकर्षण का दर्शन कर सकते हैं,
छगलागाम – छगलागाम एक गांव है जोकि इलायची उत्पादन का मुख्य केंद्र है ढलाई नदी के बाएं किनारे पर स्थित छगलागाम पहाड़ की तलहटी पर बसा एक खूबसूरत सा गांव है जो कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ मनमोहक दृश्य प्रदान करने के लिए काफी प्रसिद्ध है अंजाब के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल की तलाश करते हम लोग पहुंचे हैं छगलागाम गांव के पास, यहां का मौसम काफी ठंडा बना रहता है इसका सीधा सा कारण है कि यह जगह नदी के किनारे स्थित है शायद यही कारण है कि यहां पर इलायची की अच्छी पैदावार हो जाती हैं इलायची की खूबसूरत बागवानों के बीच आपको छगलागाम के दर्शन जरूर करनी चाहिए,
दोस्तों अंजाब की यात्रा के उपरांत आपके यहां के दार्शनिक स्थलों की सैर करने के बावजूद भी हम आपको कुछ ऐसे कीजिए बता रहे हैं जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान कर सकते हैं और हो सकता है यह चीजें करने में भी काफी सस्ती और सरल भी हो
- बाइक सवार
- कैंपिंग
- क्लाइंबिंग
- एडवेंचर
- स्नो स्पोर्ट्स
- पैराग्लाइडिंग
- घुड़सवारी
- वोटिंग
दोस्तों अभी तक हम अंजाब के बारे में जान चुके हैं और वहां के पर्यटक स्थल के बारे में भी जान चुके हैं अब हम यह भी देखेंगे कि यदि हम अंजाब में घूमने के लिए जाते हैं तो वहां घूमने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होगा , यात्रा का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह होता है जब सभी लोगों की छुट्टियां होती है यानी कि यदि आप अपने दोस्तों के साथ आना चाहते हैं या परिवार के साथ तो छुट्टियां हो ना जरूरी है चाहे वह स्कूल से हो या नौकरी और बिजनेस से, छुट्टियां प्लान करने के बावजूद यदि बात की जाए सबसे अच्छे समय की तो अंजाब में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है सितंबर से फरवरी के बीच दोस्तों यह वह समय होता है जब यहां आपको ठंडा मौसम मिलेगा यदि आपको बर्फ देखनी है तो आप दिसंबर जनवरी में जाकर यात्रा कर सकते हैं और यदि आपको यहां के पर्यटक स्थलों का आनंद अच्छे मौसम में खुल कर लेना है तो आप यहां सितंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं,
दोस्तों यात्रा के दौरान आपको अंजाब में कुछ दिन रुकना पड़ सकता है इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ ऐसे होटल बता रहे हैं जो आपके बजट में हो सकते हैं और इन्हें आप ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं उनमें मैं आपको सभी प्रकार की सुविधाएं मिल जाएगी और इन होटलों में रहकर आप अंजाब के स्थानीय खानपान का आनंद लेना बिल्कुल भी ना भूलें,
- सोम पैराडाइज होटल
- नमदफा जंगल कैंप
- सैम खे रिजॉर्ट
- डिकी होमस्टे
- शर्मा होटल एंड रिजॉर्ट
- इको रिजॉर्ट
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