आंवला की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम होगी बेसिकली हिंदी में आंवला और अंग्रेजी में अमला एवं संस्कृत में अम्लकी व पंचरसा के नाम से जाना जाता है अधिकतर गर्मियों में ज्यादा उत्पन्न होने वाला यह फल पर्वतीय एवं मैदानी इलाकों दोनों जगह में प्रचुर मात्रा में उत्पन्न होता है|
आवलें में पाये जाने वाले पोषक तत्वा (Nutrient elements found in Amla)
प्रति 100 ग्राम आवलें के रस में निम्न प्रकार के पोष्टिक तत्व पाये जाते है|
क्र:स: | तत्वा | मात्रा |
---|---|---|
1 | आयरन | 1.2 mg |
2 | कैल्शियम | 0.05 mg |
3 | फास्फोरस | 0.02 mg |
4 | निकोटिनिक एसिड | 0.2 mg |
5 | आर्द्रता | 81.2 |
6 | खनिज द्रव्य | 0.7 |
7 | प्रोटीन | 0.5 g |
8 | कार्बोहाइड्रेट | 14.1 g |
आंवले का वैज्ञानिक नाम (Amla’s scientific name)
दोस्तों आंवले के फायदे और उपयोग को जानने से पहले हमें यह भी जान लेना चाहिए कि अमले का वैज्ञानिक नाम क्या है और इसे किस-किस नामों से जाना जाता है
दोस्तो अमले का बैज्ञानिक नाम रिबीस यूवा-क्रिस्पा है और इसे स्थानीय भाषाओं में कई नामों से जाना जाता है|
आंवला के फायदे (Benefits Of Amla)
दिल का दिल बना आंवला– जीवन की व्यस्तता के कारण हमारे जिंदगी इतनी असंतुलित हो चुकी है कि जिस में खानपान की जरा भी चिंता किए बगैर जो मन में आया खा लेते हैं जिससे भारी वजन और कोलेस्ट्रॉल आर दिल की बीमारियां हो रही है ऐसे में यदि हम रोज एक आंवला का सेवन करते हैं तो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर ही सकते हैं साथ में दिल की बीमारियों से भी लड़ा जा सकता है|
बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोके– बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारे शरीर में अनेक प्रकार के परिवर्तन आ जाते हैं जिससे हमारी चेहरे की त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती है जिससे हमारा शरीर और अधिक उम्र का दिखने लगता है आंवले में प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते है जिससे शरीर की कोशिकाओं को विकसित होने में मदद मिलती है तथा इंसान उम्र के लिहाजे से कम उम्र का दिखाई पड़ता है|
पाचन का रखें ख्याल– बढ़ते खानपान के परिवर्तन से पाचन तंत्र में दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है जिससे खाने का सही तरीके से पाचन नहीं हो पाता है लेकिन आंवले में वह प्राकृतिक आयुर्वेदिक तत्व पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र को तंदुरुस्त करने में सहायता करते हैं|
इम्यूनिटी को बढ़ाएं– कम उम्र के बच्चे एवं बढ़ती उम्र के बुजुर्ग लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है मौसम के साथ साथ बढ़ने वाली बीमारियां जैसे सर्दी जुकाम और बड़ी वादियों से लड़ पाने की क्षमता इनमें कम हो जाती है लेकिन आंवला में मौजूद एंटी-% बैक्टीरियल एवं एंटी इन्फ्लेमेटरी और भी कई अन्य गुण पाए जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करती है|
आंखों की रोशनी बढ़ाए– दुनिया आज के युग में इतनी विकसित हो चुकी है कि ज्यादातर समय हम अपने मोबाइल फोन और टीवी एवं कंप्यूटर के साथ बिताते हैं इसे नतीजा यह निकलता है कि हमारे आंखे कमजोर होने लगती है लेकिन रोज एक आंवला के सेवन से यह समस्या भी दूर हो जाती है|
कैंसर को रखे दूर – आज के बिगड़ते खानपान से कैंसर का खतरा इतना बढ़ गया है कि कब किसको कैंसर हो जाए बताया नहीं जा सकता कैंसर एक आम सी बीमारी हो गई है लेकिन अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सही खानपान के साथ साथ यदि आंवला को भी शामिल करें तो काफी हद तक कैंसर से बचा जा सकता है आंवला में एंटी-ऑक्सीडेंट तथा एंटी-कैंसर तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर को रोकने में सहायता करते हैं|
पथरी के इलाज में – जिन व्यक्तियों के शरीर में पथरी होती है यदि वह लोग अपने दैनिक जीवन में आंवले का सेवन करते हैं तो शरीर में मौजूद पथरी की समस्या से बचाव किया जा सकता है|
डायबिटीज के इलाज में – जिन व्यक्तियों को डायबिटीज की प्रॉब्लम है यदि वहां आंवले का सेवन करते हैं तो कुछ हद तक डायबिटीज की बीमारी का उपचार किया जा सकता है इसके लिए आप आंवले के रस को प्रतिदिन शहद में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं|
खून बढ़ाने में – जिन व्यक्तियों के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होती है उन्हें आंवले का सेवन जरूर करना चाहिए आंवला शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है जिससे शरीर में खून की कमी नहीं होती है|
बालों के लिए – जिन लड़के- लड़कियों को बाल झडने की समस्या होती है यदि वह आंवले के पाउडर से अपने बाल धोते हैं तो वे बाल झड़ने की समस्याओं से छुटकारा पा सकता है|
आंवले के उपयोग(usage of Amla)
- अचार बनाने के लिए भी घरों में आंवले का प्रयोग किया जाता है.
- औषधालयों मैं विभिन्न प्रकार के दवाइयों को बनाने के आंवले फल का प्रयोग किया जाता है.
- सूजन वाली जगह में, सूजन को कम करने के लिए भी आमने का चूर्ण का प्रयोग किया जाता है
- इसके साथ ही आप आंवले का जूस के साथ साथ मुरब्बा बनाने में भी उपयोग कर सकते है.