बलिया में घूमने की जगह. Ballia Me Ghumne Ki jagah

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के नए लेख में। जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि गर्मियां शुरू होने वाली है और सभी लोग अपनी गर्मियों की छुट्टी का इंजॉय करने के लिए यात्रा सूची तैयार कर रहे हैं। वैसे तो संपूर्ण भारत टूरिज्म का एक हिस्सा है लेकिन खास तौर पर कुछ ऐसे शहर जहां पर ऐतिहासिक एवं प्रकृति से जुड़े दृश्यों के साथ धार्मिक स्थल देखने को मिले वहां पर यात्रा करने का विचार हर एक पर्यटक का होता है। इसीलिए आज हम आप लोगों को लेकर जाने वाले हैं उत्तर प्रदेश के बलिया जिला में जहां के पर्यटन स्थल पूरे देश विदेश में मशहूर है। यहां पर आपको धार्मिक स्थल के साथ ऐतिहासिक स्थल एवं सुर वीरों की भूमि के दर्शन होने वाले हैं। इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना क्योंकि इसी लेख में हम आपको बालियां घूमने का समय ( Ballia Ghumne k samay ) एवं बलिया रुकने के लिए सबसे सस्ते होटल ( Ballia Hotels) के बारे में भी बात करने वाले हैं।

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बलिया के बारे में. About To Ballia

बलिया भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक शहर है जो कि उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। एक अनियमित आकार में स्थित यह शहर दो प्रमुख नदियां गंगा और घाघरा नदी के संगम पर स्थित है। गंगा और घाघरा नदी बलिया शहर को अन्य शहर से अलग करती है। भाषाई तौर पर शहर में भोजपुरी भाषा का बोलबाला देखने को मिलता है। बालियां उन शहरों में से एक है जो कि उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। शहर का मौसम मार्च से लेकर जून तक गरम रहता है जिसमें यहां का तापमान लगभग 47 डिग्री के बराबर बना रहता है। अक्टूबर महीने से सर्दी का सुखद मौसम शुरू हो जाता है जिसमें यहां का तापमान 18 डिग्री के आसपास बना रहता है।

शहर का नाम बलिया नाम कैसे पड़ा।

दोस्तों अक्सर यह सवाल भी अधिकतर लोगों को परेशान करता है कि बलिया शहर का नाम कैसे बड़ा होगा। दरअसल बलिया नाम की पति के पीछे दो कहानियां सामने आती है। ऐतिहासिक तौर पर देखें तो बलिया शहर का नाम प्रसिद्ध संत बाल्मीकि के नाम से लिया गया है। किंवदंती है की रामायण वाल्मीकि की रचना है जो की बालियां शहर में रहा करते थे।

दूसरी मान्यता है कि शहर में अधिकांश मिट्टी बालवा होने के कारण बलिया शहर का नाम भी इसके आधार पर ही रखा गया। बालवा एक प्रकार की मिट्टी होती है जो कि इस शहर में अधिक पाए जाने के कारण लोगों ने इस शहर को ही वालिया के नाम से जाना शुरू किया।

बलिया का इतिहास. History of Ballia

बलिया शहर का इतिहास पौराणिक काल के साथ नाता रखता है । मान्यता है कि भारत के कहीं महान संत और साधु जैसे वाल्मीकि ,भृगु, दुर्वासा आदि के निवास स्थान थे । महर्षि भृगु इस शहर में आश्रय बनाने के कारण इस शहर को भृगु क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता था। जिसके बाद उनके शिष्य दर-दर मुनि के नाम से इस शहर को दर-दर क्षेत्र के नाम से जाना जाने लगा। दरअसल बलिया नाम पड़ने के पीछे एक कारण यह भी बताया जाता है कि यहां पर बौद्ध धर्म का प्रभाव बड़ा था। राजा बलि के नाम से इस शहर को बलिया का नाम भी पढ़ा।

प्राचीन काल से ही बलिया इतिहास में समेटा हुआ है। यहां पर प्राचीन कौशल साम्राज्य का अंत था। एक समय भारतवर्ष अपनी विधाओं के साथ अपना गौरवमई इतिहास इसी शहर शेख समेटे हुआ था।

बलिया में घूमने की जगह. Ballia Me Ghumne ki Jagah

श्री बालेश्वर नाथ मंदिर

जब कभी भी बात बलिया में घूमने की जगह के बारे में की जाती है तो श्री बालेश्वर नाथ मंदिर का नाम उचित स्थान पर लिया जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण यह जगह अपनी विशिष्ट वास्तु एवं शिल्प कला के लिए पूरे देश भर में मशहूर है। भगवान शिव जी को समर्पित यह मंदिर हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

एक सुंदर एवं आकर्षक जो के साथ मंदिर में प्रवेश करते हैं मंदिर का भव्य गर्भ गृह एवं उसमें मौजूद शिवलिंग आस्था एवं भक्ति भावना को जागृत कर देता है । इसके सामने गैलरी का निर्माण चांदी के द्वारा किया गया है।

भृगु मंदिर बलिया

बलिया के ऐतिहासिक एवं धार्मिक जगह की श्रेणी में भृगु मंदिर का नाम सबसे पहले स्थान पर दिया जाता है। एक प्राचीन धार्मिक स्थल होने के कारण यह लाखों लोगों का आकर्षण बना हुआ है। मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह भृगु ऋषि की तपस्या स्थली हुआ करती थी। इसलिए यहां पर भृगु ऋषि का मंदिर बनाया गया है। पौराणिक कहानी है कि भृगु ऋषि ने भगवान विष्णु को लात मारा था तो उसी के प्रेषित के लिए उन्होंने यहां पर तपस्या की थी। आज के समय में देश के कोने-कोने से लोग जहां पर दर्शन के लिए आया करते हैं। बताना चाहेंगे कि दादरी मेले का आयोजन भी भृगु ऋषि के सम्मान में ही आयोजित किया जाता है।

शहीद स्मारक बलिया

शहीद स्मारक बलिया की उन जगहों में से एक हैं जहां पर अक्सर लोग स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने एवं उनके स्मरण में जाया करते हैं। अपनी सुंदर वातावरण के साथ यह स्मारक वालिया के खूबसूरत स्मारकों में से एक हैं। मेरे लिए जगह एक पार्क में स्थित हैं जहां पर आपको प्राकृतिक दृश्य देखने को मिल जाता है।

एक छोटी सी सफेद रंग की स्मारक जो गोलाई में बनाई गई है। संध्या समय में लोगों की भीड़ को एकत्रित करती है। अभी आप भी बलिया यात्रा पर हैं तो आपको शहीद स्मारक के दर्शन जरूर करना चाहिए।

जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार बलिया

बलिया शहर प्रकृति के समीप रहकर विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों से नाता जोड़ता है। जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार बलिया के उन लोगों में से एक है जहां पर लोग अपने परिवार के साथ यात्रा करके प्रकृति से जुड़ी चीजों को देखकर अनोखी यादों को अपने साथ ले जाते हैं। जयनारायण पक्षी विहार से आमतौर पर सुरहा ताल पाक के नाम से भी जाना जाता है। इस वन्यजीव अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के देशी एवं विदेशी पशु पक्षी देखने को मिल जाते हैं। यहां पर आप 1 से 2 घंटे आराम से बता सकते हैं।

जंगली बाबा मंदिर बलिया

जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि बलिया उत्तर प्रदेश एवं संपूर्ण भारत का एक धार्मिक स्थल है जहां पर मंदिर धार्मिक स्थल एवं प्राकृतिक से जुड़े तमाम प्रकार के यात्रा गंतव्य देखने को मिल जाते हैं। उन्हें जगह में से एक हैं जंगली बाबा मंदिर जो कि शहर की घाघरा नदी के किनारे स्थित है। शहर में प्रवेश करते हैं प्रकृति के मनोरम दृश्य के साथ कठोडा गांव में स्थित जंगली बाबा मंदिर में पहुंच सकते हैं। इसके आसपास बहुत से हरे भरे पेड़ हैं जो कि मंदिर की खूबसूरती की शोभा बढ़ाते हैं। आप चाहे तो अपने परिवार के साथ भी जंगली बाबा मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

गंगा संगम घाट बलिया

बलिया शहर के मुख्य आकर्षणों में गंगा संगम घाट का नाम पर्यटकों की जुबान से दूर नहीं हटता है। दरअसल यहां पर दो नदियों का तमस नदी और गंगा नदी का संगम देखने को मिल जाता है। दो नदियों के संगम स्तन होने के कारण है जगह अपने आप में एक खास स्थान रहती है जिसके कारण यहां बलिया के टॉप पिकनिक स्पॉट में भी गिनी जाती हैं। आप चाहे तो यहां पर नौकायान का मजा भी ले सकते है। यदि आप भी बालियां शहर की यात्रा करना चाहते हैं तो आप गंगा संगम घाट को अपनी यात्रा सूची में शामिल कर सकते हैं दोस्तों के साथ यात्रा करने एवं पिकनिक मनाने के लिए यह एक अच्छी जगह है।

बलियां घूमने का सबसे अच्छा समय. Best Time to Visit Ballia

दोस्तों अभी तक हम बलिया के दार्शनिक स्थलों के बारे में जान चुके हैं. हमारे पाठकों के मन में यह भी सवाल होता है कि आखिर बलिया घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा होता है. यदि आप भी बलिया घूमने का सबसे अच्छा समय जानना चाहते हैं तो बताना चाहेंगे कि। बलिया घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर माह से लेकर फरवरी तक रहता है। इस बीच यहां का मौसम सामान्य बना रहता है जिससे कि आप आसानी से एक जगह से दूसरी जगह आराम से यात्रा कर सकते हैं। गर्मियों में गर्मी अधिक होने के कारण एक स्थान से दूसरे जगह जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे कि यात्रा का अच्छे से आनंद नहीं लिया जा सकता। इसलिए बलिया घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से लेकर फरवरी माह के बीच माना जाता है।

बलिया में रुकने के लिए होटल. Ballia Me Rukne ke liye Hotels

दोस्तों में मैं आपकी सुविधा के लिए बलिया में रुकने के लिए होटल के नाम भी बताने वाले हैं। यह सभी होटल उन होटलों में से एक है जो बलिया के सबसे सस्ते होटल हैं जहां पर मूल बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध होती है। आप चाहें तो इन होटल को ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं। लेकिन हम आपको सुझाव देना चाहेंगे कि आप अपनी यात्रा से कुछ दिन पहले होटल की बुकिंग करना सुनिश्चित करें।

  • सिंघल होटल एंड रेस्टोरेंट
  • होटल महादेव पैलेस
  • होटल आरती आईएनएल एंड रेस्टोरेंट
  • होटल ग्रैंड सिंघानिया
  • होटल पार्क इन
  • शंकर होटल

बलिया कैसे पहुंचे. Ballia Kese Pahuche

बलिया पहुंचने के लिए हमारे पास सड़क मार्ग के साथ-साथ वायु मार्ग एवं रेल मार्ग भी शामिल है हम एक-एक करके आपको इन तीनों के माध्यम से बलिया पहुंचने के बारे में बताएंगे।

सड़क मार्ग से बलिया कैसे पहुंचे

बलिया उत्तर प्रदेश का एक समृद्ध शहर है जो कि सड़क मार्ग से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अपने नजदीकी सड़क मार्ग के माध्यम से भी बलिया शहर पहुंच सकते हैं देश के किसी भी कोने से बलिया सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। देश की राजधानी दिल्ली से यह शहर मात्र 270 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। साथ ही लखनऊ से यह जगह है मात्र 265 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल द्वारा बलिया कैसे पहुंचे

रेल मार्ग के द्वारा भी बढ़िया आराम से पहुंचा जा सकता है बताना चाहेंगे कि बलिया का रस नजदीकी रेलवे स्टेशन बलिया शहर में ही है जो कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों से कनेक्टेड हैं। आप अपने नजदीकी शहर के रेलवे स्टेशन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के बलिया शहर में आसानी से पहुंच सकते हैं।

वायु मार्ग द्वारा बलिया कैसे

यदि वायु मार्ग द्वारा बलिया पहुंचने के बारे में बात करें तो बताना चाहेंगे कि बलिया का निकटतम हवाई अड्डा पटना और वाराणसी है। जो कि लगभग देश के सभी हवाई अड्डों से कनेक्टेड हैं। यहां से बलिया की दूरी मात्र 70 से 80 किलोमीटर है जहां से स्थानीय बसों के माध्यम से पहुंच सकते हैं

बलिया की यात्रा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

बलिया का सबसे खूबसूरत चीज क्या है ?

जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि बलिया संपूर्ण आकर्षक का केंद्र है इसलिए यहां की हर एक चीज अपने आपमें एक ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती है।

बलिया का पुराना नाम क्या है ?

बलिया का पुराना नाम क्या है यह एक ऐतिहासिक एवं पौराणिक तब तथ्य बना हुआ है जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि बलिया नाम के पीछे महर्षि भृगु का आश्रय माना जाता है।

बलिया में कुल कितने गांव हैं ?

बलिया जिले में कुल 2293 गांव शामिल है। बलिया भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है।

बलिया जिले में कितनी नदी है ?

बलिया शहर का सौभाग्य है कि यहां पर तीन प्रमुख नदियां गंगा, सरयू व टोंस के अलावा अन्य छोटी नदियां भी बहती है।

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