खाटू श्याम मंदिर के बारे में – about to Khatu Shyam temple in Hindi

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग के आज के नए लेख में। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको भारत के प्रसिद्ध मंदिर खाटू श्याम मंदिर के बारे में (about to Khatu Shyam temple in Hindi) जानकारी देने वाले हैं। जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि खाटू श्याम मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है । अपनी धार्मिक आस्था के कारण यह वर्ष भर में लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस लेख के माध्यम से हम खाटू श्याम मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी आप लोगों के साथ साझा करने वाले हैं। इसलिए इस लेख के साथ अंत तक जरूर बने रहे।

खाटू श्याम मंदिर के बारे में – about to Khatu Shyam temple in Hindi
खाटू श्याम मंदिर भारत के प्रसिद्ध राज्य राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। यह मंदिर बाबा श्याम के प्रसिद्ध मंदिरों में से विख्यात है। आस्था और भक्ति से परिपूर्ण खाटू श्याम मंदिर के बारे में बताया जाता है कि खाटू श्याम जी ने द्वापर युग में श्री कृष्ण से वरदान मांगा था कि वह कलयुग में उनके नाम से पूजे जाएंगे। जिसके बाद श्री कृष्णा उनके कार्यों से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि जैसे-जैसे कलयुग का अवतरण होगा आप शाम के नाम से पूजा जाओगे। पौराणिक मान्यता के अनुसार बताया जाता है कि जो भी भक्त खाटू श्याम जी के मंदिर में सच्चे दिल से प्रार्थना करते हैं भगवान खाटू श्याम उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं । शायद यही कारण है कि यहां पर वर्ष भर में लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है।  
खाटू श्याम मंदिर के बारे में - about to Khatu Shyam temple in Hindi
खाटू श्याम मंदिर का निर्माण किसने किया- Who built Khatu Shyam Temple
खाटू श्याम मंदिर निर्माण विषय में बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण सबसे पहले 1027 ई. मैं रूप सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी नर्मदा कंवर द्वारा करवाया गया था। माना जाता है कि 1720 ईस्वी में, मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और एक रईस दीवान अभय सिंह द्वारा मंदिर को पुनः निर्मित किया गया जिसमें उनके द्वारा गर्भगृह और मूर्ति की स्थापना की गई । यह वही संरचना है जो आज भी मंदिर के मुख्य आकर्षण में देखने को मिल जाती है। माना जाता है कि प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर भगवान श्री कृष्ण के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जोकि राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। चलिए चलिए एक नजर मंदिर की वास्तु एवं शिल्प कला की ओर डालते हैं।

खाटू श्याम मंदिर की वास्तुकला- Architecture of Khatu Shyam Temple
आस्था और भक्ति के प्रतीक के रूप में जाने जाने वाला खाटू श्याम मंदिर की वास्तु एवं शिल्प कला आकर्षक होने के साथ-साथ ऐतिहासिक भी है। माना जाता है कि खाटू श्याम जी मंदिर के वर्तमान वास्तुकला को अभय सिंह द्वारा 1720 मैं पुनः निर्मित किया गया था। मंदिर में प्रवेश करने पर देखने को मिलता है कि यहां पर संगमरमर से निर्मित किए गए ग्रह द्वार है जिसके बाद यहां पर एक विशाल प्रार्थना कक्ष है जिसके बारे में बताया जाता है कि यह जगमोहन के नाम से जाना जाता है कमरे में विस्तृत पौराणिक दृश्यों को चित्रित किया गया है। साथ ही गर्भगृह का शटर खूबसूरती के साथ चांदी की चादर से ढका हुआ है जोकि मंदिर की खूबसूरती के साथ भव्यता को कई जाना गुना बढ़ा देती है। 

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास- History of Khatu Shyam Temple in Hindi

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास, पौराणिक मान्यता है कि श्याम बाबा की पूरी कहानी महाभारत से शुरू होती है यानी कि खाटू श्याम मंदिर का इतिहास भी कहीं ना कहीं महाभारत के साथ जुड़ा हुआ है। बताना चाहेंगे कि पहले खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था। जो कि एक बलवान गदाधारी भीम और नागकन्या मौरवी के पुत्र माने जाते हैं। एक बलवानी के पुत्र होने के नाते वह शुरू से ही काफी बलवान है उनमें वीर योद्धा की सभी गुण विद्यमान थे। बरबरी को भगवान श्री कृष्ण का बड़ा ही पत्तो माना जाता है । मान्यता है कि उन्होंने श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम के प्रतीक के रूप में अपना सिर बलिदान कर दिया था जिसके बाद बर्बरीक की इस महान बलिदान से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण में पुणे वरदान दिया कि कलयुग में शाम के रूप में उनकी पूजा की जाएगी। खाटू श्याम के रूप में पूजे जाने वाले वीर बर्बरीक अपने भक्तों मैं हारे का सहारा के नाम से भी जाने जाते हैं। तब से कहां जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से खाटू श्याम मंदिर के दर्शन करते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। दोस्तों यह थी कहानी खाटू श्याम मंदिर के बारे में (about to Khatu Shyam temple) जो कि अपनी प्रचलित कथाओं के आधार पर मानी जाती है।

खाटू श्याम दर्शन और आरती का समय – Darshan And Arti Timings Of Khatushyam Ji Temple In Hindi

दोस्तों खाटू श्याम मंदिर के बारे में तो हम जान ही चुके हैं चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि यदि आप खाटू श्याम मंदिर के दर्शन के लिए जाते हैं। तो यहां पर खाटू श्याम दर्शन और आरती का समय कौन सा रहता है। बता दे कि खाटू श्याम मंदिर दर्शन और आरती का समय सर्दियों एवं गरीबों में अलग अलग होता है। गर्मियों के समय में मंदिर सुबह 4:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक भक्तों के लिए खोला जाता है। वही शाम के 5:00 बजे से लेकर रात्रि के 9:00 बजे तक सभी भक्तों मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। जबकि सर्दियों के समय में मंदिर खुलने का समय अलग होता है। सर्दियों में मंदिर के पट सुबह 5:30 बजे से लेकर दोपहर के 1:00 बजे तक खुले रहते हैं और वहीं शाम के 5:00 बजे से लेकर रात्रि के 9:00 बजे तक यहां पर आरती चलती रहती है।

मंगल आरती का समय – Mangal Arti Timings Of Khatushyam Temple In Hindi

गर्मियों में मंगल आरती का समय सुबह 4:45 शुरू होता है । जबकि सर्दियों में यही समय बदल कर 5:45 कर दिया जाता है। यदि बात की जाए खाटू श्याम जी के श्रृंगार समय की तो बता देती की गर्मियों में भगवान खाटू श्याम का श्रृंगार सुबह 7:00 बजे किया जाता है। जबकि ही सर्दियों के समय में यह सुबह 8:00 बजे उनका श्रृंगार किया जाता है। भोग आरती का समय दोपहर 12:15 रखा गया है जबकि सर्दियों में मंगल आरती 12:30 तक हो जाती है। 

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खाटू श्याम जी के श्यामकुंड में नहाने का महत्व – Importance Of Bathing In Shyam Kund Near Khatu Shyam Ji Mandir In Hindi

प्रसिद्ध खाटू श्याम जी के मंदिर में पवित्र कुंड स्थित है जिससे श्याम कुंड के नाम से जाना जाता है। पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के आधार पर माना जाता है कि जो भी भक्त श्याम कुंड में स्नान करते हैं उनके सभी रोग ठीक हो जाते हैं। श्याम कुंड मंदिर के पास स्थित है जिसमें स्नान करने का सबसे अच्छा समय वार्षिक फागुन मेले के दौरान माना जाता है। यदि आप भी खाटू श्याम जी के दर्शन करने की सोच रहे हैं तो भगवान श्याम जी के दर्शन करने के साथ-साथ आप श्याम कुंड में स्नान भी कर सकते हैं।

खाटू श्याम जी सीकर मंदिर कैसे जाएं – How To Reach Khatu Shyam Ji Mandir In Hindi

चलिए दोस्तों अब यह भी जान लेते हैं कि आखिर खाटू श्याम जी के पवित्र मंदिर तक कैसे पहुंचा जा सकता है। बताना चाहेंगे कि खाटू श्याम जी का मंदिर जयपुर से 80 किलोमीटर की दूरी पर खाटू गांव में स्थित है। आप अपने शहर से सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग के साथ जयपुर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। जयपुर पहुंचने के बाद यहां से लोकल बसों के माध्यम से श्रद्धालुओं मंदिर तक पहुंचा करते हैं। वही देखें तो खाटू श्याम मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रिंगस रेलवे स्टेशन है जहां से मंदिर की दूरी मात्र 18 किलोमीटर है। यहां से आपको प्राइवेट टैक्सी मिल जाती हैं।

वही बात की जाएगी खाटू श्याम मंदिर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा के बारे में कया का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहां से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 95 किलोमीटर है । आप अपने शहर के नजदीकी एयरपोर्ट से जयपुर एयरपोर्ट इंटरनेशनल तक आ सकते हैं। और वहां से बस एवं टैक्सी के माध्यम से खाटू श्याम जी के मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर से जुड़ी अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q- जयपुर से खाटू श्याम ?

जयपुर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 80 किलोमीटर है। जयपुर से खाटू श्याम के लिए स्थानीय बसों के माध्यम से यात्रा की जा सकती है।

Q- जयपुर से खाटू श्याम के लिए ट्रेन ?

बताना चाहेंगे कि जयपुर से खाटू श्याम के लिए कोई कोई भी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है खाटू श्याम का निकटतम रेलवे स्टेशन रिंगस रेलवे स्टेशन है

Q- खाटू श्याम जाने का रास्ता by train ?

रिंगस रेलवे स्टेशन खाटू श्याम मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है आप अपने शहर के नजदीकी रेलवे स्टेशन से रिंगस रेलवे स्टेशन तक यात्रा कर सकते हैं।

Q- सीकर से खाटू श्याम की दूरी ?

यदि बात की जाये सीकर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी तो बताना चाहेंगे कि सीकर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी मात्र 18 किलोमीटर है जो कि एक पैदल यात्रा रहती है।

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