हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे आज के लेख में। जिसमें हम आपके साथ अजंता गुफा (About to Ajanta Caves)के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं। जैसा कि आप सभी लोग जानते ही है कि भारत में बहुत ही ऐतिहासिक जगह है । जोकि इतिहास के साथ-साथ अपने महत्व के तौर पर भी प्रसिद्ध है। उन्हीं जगहों में से एक है अजंता की गुफा जो कि अपने इतिहास के साथ साथ भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के तौर पर भी जाना जाता है। आज हम अजंता गुफा के बारे में और उसके संपूर्ण आकर्षक से लेकर अजंता गुफा का इतिहास के विषय में आप सभी लोगों को इस लेख के माध्यम से परिचित कराना चाहते हैं।
बौद्ध स्मारक के तौर पर पहचाने जाने वाली यह जगह चट्टानों को काटकर बनाई गई है। अगर आप इतिहास प्रेमी हैं । आपको अजंता गुफा में यात्रा जरूर करनी चाहिए। ऐतिहासिक चीजों को देखने के अलावा यहां का मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य आपको बहुत पसंद आएगा। बताना चाहेंगे कि इन सभी कारणों की वजह से ही यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। यह गुफा 480 ईसवी के दौरान की है। जो कि ऐतिहासिक तौर पर प्राचीन स्मारकों में से एक होने के साथ-साथ इतिहास के महत्व को उजागर करती है।
दोस्तों यदि बात की जाए अजंता गुफा के इतिहास ( History of Ajnta Caves ) के बारे में बताना चाहेंगे कि अजंता की गुफाएं मुख्य रूप से बौद्ध गुफाएं मानी जाती है। जिसने बौद्ध धर्म की कला कृतियां बनी हुई है। गुफाओं का निर्माण दो चरणों में किया गया है। पहले चरण में सातवाहन वंश के राजाओं ने 9, 12 , 13 , 15 ए का एवं उसके बाद वाकाटक वंश के राजाओं ने 20 गुफा मंदिर का निर्माण किया। पहले चरण की अजंता गुफा का निर्माण दूसरी शताब्दी के समय का माना जाता है जबकि दूसरे चरण की अजंता गुफा का निर्माण 480 ईसवी के समय का माना जाता है। अजंता गुफा के इतिहास की सबसे रोचक कहानी यह है कि इसकी खुदाई में भगवान बुद्ध को स्तूप से संबोधित किया गया है। दूसरे चरण की खुदाई का समय तीसरी शताब्दी का माना जाता है इस समय को महायान चरण भी कहा जाता है।
पौराणिक महत्व को बनाए रखते हुए अजंता गुफा के वास्तु कला मिश्रित है। अजंता गुफा का निर्माण सुंदर नक्काशी के साथ किया गया है। अपनी अपनी वस्तु एवं शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध अजंता गुफा मैं प्रवेश करते समय ही आपको प्रवेश द्वार पर भगवान बुद्ध की प्यारी सी नक्काशी दार प्रतिमा देखने को मिल जाती है। जो कि एक विशाल पत्थर को काटकर बनाई गई है। न केवल एक रूप में गलती बहुत सारे रूपों में भगवान बुद्ध की नक्काशी दार प्रतिमाएं एवं पेंटिंग से यहां पर बनाई गई है। अपनी यात्रा को जारी रखते हुए आनंदित होकर आप देख पाएंगे कि अजंता गुफा में कई सारी अप्सराएं एवं राजकुमारियों की अलग-अलग स्थितियों में चित्र बनाए गए हैं। जो कि वाकई में बड़ी ही खूबसूरती के साथ स्थापित की गई है बताना चाहेंगे कि अजंता गुफा के आसपास का वातावरण बहुत खूबसूरत है उसके चारों ओर हरी-भरी पहाड़ियां देखने को मिल जाती है।
अजंता गुफा का संपूर्ण आकर्षक उसकी वास्तु एवं शिल्प कला है। यदि आप लोग भी अजंता गुफा की यात्रा के लिए अच्छा समय का चुनाव करना चाहते हैं । तो बताना चाहेंगे कि अजंता गुफा घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च महीने के बीच माना जाता है। क्योंकि बाकी के महीनों में गर्मी होने के कारण गुफा की यात्रा करने का आनंद नहीं आता है। ऐसा नहीं है कि पर्यटक ग्रीष्म ऋतु में अजंता गुफा की यात्रा नहीं करते हैं लेकिन गर्मी से बचाव के लिहाज से आप अक्टूबर से मार्च माह के लिए अजंता गुफा की यात्रा कर सकते हैं।
दोस्तों यदि बात की जाए अजंता गुफा के प्रवेश शुल्क के बारे में तो बताना चाहेंगे कि अजंता गुफा भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के कारण अजंता गुफा मैं प्रवेश के तौर पर शुल्क लिया जाता है। जो कि एक भारतीय नागरिक के लिए ₹10 एवं इसके अलावा विदेशी पर्यटकों के लिए ₹250 प्रवेश शुल्क रखा गया है। यदि आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं तो बताना चाहेंगे कि अजंता गुफा प्रवेश शुल्क के अलावा कैमरा ले जाने के लिए यहां पर ₹25 का शुल्क अलग से लिया जाता है। यदि आप भी अजंता गुफा की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आप अपने फोटोग्राफी का सामान भी वहां ले जा सकते हैं।
अजंता गुफा खुलने का समय – ajanta cave opening timing
दोस्तों ऐसा नहीं है कि अजंता गुफा हमेशा खुली रहती हो। इसके लिए यहां पर कुछ समय सीमा बनाई गई है जिसके माध्यम से ही आप अजंता गुफा की यात्रा कर सकते हैं। अजंता गुफा की यात्रा करने से पहले आपको इसके खुलने एवं बंद होने के समय के बारे में जरूर जान लेना चाहिए । ताकि आप उस हिसाब से अपनी यात्रा का प्लान बना पाए। बताना चाहेंगे कि अजंता गुफा प्रातः 9:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहती है। जबकि सोमवार को छोड़कर हफ्ते के 6 दिन अजंता गुफा खुला रहती है। यदि आप अपनी यात्रा का प्लान बना रहे हो तो सोमवार को अपना प्लान ना बनाएं।
अजंता गुफा कैसे पहुंचे – How to reach Ajanta Caves
दोस्तों आप बात करते हैं अजंता गुफा कैसे पहुंचे के बारे में क्योंकि यात्रा की संपूर्ण जानकारी तो हम आपको दे चुके हैं। लेकिन अजंता गुफा तक कैसे पहुंचे यह भी एक चिंता का विषय है। एक सही मार्ग एवं समय के साथ हम अजंता गुफा तक पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग एवं वायु मार्ग के साथ साथ हम रेल मार्ग के माध्यम से भी अजंता गुफा के दर्शन कर सकते हैं चलिए जान लेते हैं किस तरीके से हम लोग अजंता गुफा तक पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग के जरिए – How to reach Ajanta Caves By Bus
अजंता की गुफाओं पर जाने के लिए औरंगाबाद और जलगांव दोनों शहर के माध्यम से सड़क की अच्छी कनेक्टिविटी है। आप अपने नजदीकी शहर से सड़क मार्ग के जरिए अजंता गुफा की यात्रा कर सकते हैं। मुंबई से अजंता की गुफा 490 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग के जरिए अजंता गुफा की यात्रा How to reach Ajanta Caves By Train
वैसे आपको बताना चाहेंगे कि रेल मार्ग के माध्यम से भी अजंता गुफा तक पहुंचा जा सकता है । इसका निकटतम रेलवे स्टेशन जलगांव शहर पड़ता है। जहां से अजंता गुफा की दूरी मात्र 60 किलोमीटर है। आप अपने शहर के नजदीकी रेलवे स्टेr5`शन के माध्यम से जलगांव तक पहुंच सकते हैं। जिसके बाद आप स्थानीय बस एवं टैक्सी के माध्यम से आराम से अजंता गुफा तक पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज से अजंता गुफा कैसे पहुंचे – How to reach Ajanta Caves By Flight
दोस्तो आप बात करते हैं कि हवाई जहाज यानी कि वायु मार्ग के द्वारा अजंता गुफा कैसे पहुंचा जा सकता है। अजंता गुफा का जो सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है । वहां औरंगाबाद मैं स्थापित है यहां से अजंता गुफा की दूरी मात्र 120 किलोमीटर है। जिसके लिए आप प्राइवेट बस एवं टैक्सी के माध्यम से भी अजंता की गुफा तक पहुंच सकते हैं अपनी यात्रा की सदाबहार छवियां अपने कैमरे में कैप्चर कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें –
अजंता गुफा के बारें में अक्सर पूछें जाने वाले सवाल
Q – अजंता किस नदी के किनारे है ?
Ans – आज के समय में बहुत से लोग यह जानने के लिए बेताब है की अजंता कसी नदी के किनारे पर स्थित है। क्यों की यह एक ऐतिहासिक स्थल है और इसके बारे में हर एक पर्यटक को जानना चाहियें। अजंता बाघोरा नदी के किनारे पर स्थित एक प्राचीन ऐतिहासिक निर्माणों में से एक है।
Q – एलोरा में कितनी गुफाएं हैं ?
Ans – एलोरा की ऐतिहासिक स्मारक में कुल 34 गुफाएं शामिल है। यह ऐतिहासिक गुफाएं प्राचीन होने के साथ साथ भारतीय चित्र शैलियों को भी जीवंत रखती है। यदि आप अजंता की गुफाओं की यात्रा करना चाहते है तो आपको इन सभी 34 गुफाओं को जरूर देखना चाहियें।
Q – अजंता की गुफा संख्या 26 ?
Ans – अजंता की गुफा संख्या 26 में बुद्ध की पुनर्निर्मित प्रसिद्ध प्रतिमा स्थित है। मान्यता है की इन सभी गुफाओं की खुदाई लगभग यू-आकार की खङी चट्टान के स्कार्पियो पर की गई है जिनकी ऊँचाई का अनुमान लगभग 76 मीटर का हैं।
Q – अजंता की गुफा संख्या 17 ?
Ans – अजंता की गुफा संख्या 17 में यात्रा करने पर आप देख पाएंगे की गुफा संख्या 17 में दीवारों और छत पर भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को नक्काशी और चित्रों के द्वारा बताया गया है। जो की अपनी आकर्षक चित्रशैली की ओर इशारा करती है। वाकई में अजंता की गुफाएं प्राचीन है।
Q – अजंता की गुफाओं का निर्माण किस राजवंश के काल में हुआ ?
Ans – अजन्ता की गुफाओं का निर्माण के बारें में बताया जाता है की अजंता की गुफा का निर्माण द्वितीय शताब्दी से छठी शताब्दी के मध्य सातवाहन वंश एवं वाकाटक वंश के राजाओं ने कराया था। गुफा संख्या 16 एवं 17 गुप्त कालीन (500ई.) है । इसमें कुल 34 गुफाएं निर्मित की गई है। गुफा संख्या 26 में बुद्ध की पुनर्निर्मित प्रसिद्ध प्रतिमा स्थित है।
Q – अजंता की गुफा संख्या 16 ?
Ans – अजन्ता की गुफा संख्या 16 में उत्कीर्ण ‘मरणासन्न राजकुमारी’ का चित्र निर्मित किया गया है। इसके साथ के भाग पर चावल के मांड, गोंद और अन्य कुछ पत्तियों तथा वस्तुओं का आविष्कृत किए गए है ये विभिन्न रंगों से ये चित्र बनाए गए। आज भी इन सभी का रंग एक सामना बना हुवा है। जो की इसके कुशल चित्रकला की ओर संकेत करता है
Q – अजंता की गुफा की खोज किसने की ?
Ans – अजंता की गुफा की खोज के बारें में बताया जाता है की गुफाओं की खोज शिकारी आर्मी ऑफिसर जॉन स्मिथ व उनके दल ने सन् 1819 में की थी। वे शिकार करने गए थे और मार्ग पर उनके समक्ष अजंता की खूबसूरत गुफाएं चित्रित हुई।